हाथी सबसे बड़े आकार एवं ज्यादा बुद्धिमान वन्यप्राणी है:-प्रजापति
हाथी दिवस पर दुधमनिया में हाथी मित्र दल,जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के बीच कार्यशाला संपन्न

 


अनूपपुर
I हाथी दिवस के अवसर पर शनिवार की दोपहर वन परीक्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत ग्राम पंचायत परिषर दुधमनिया में हाथी मित्र दल,विभिन्न पंचायतों के सरपंच,जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें वन मंडलाधिकारी अनूपपुर एस,के,प्रजापति मुख्य रूप से उपस्थित रहकर सभी को सबसे बड़े आकार एवं ज्यादा बुद्धिमान हाथियों के संबंध में जानकारी प्रदाय कर लोगों को जागरूक किया।

 


इस अवसर पर श्री प्रजापति ने कहा कि आज हाथी दिवस है तथा सभी के मतानुसार विगत एक माह से विचरण कर रहे हाथी प्रभावित क्षेत्र में ही कार्यशाला रखने का निर्णय किया गया है, हाथी एक महत्वपूर्ण प्राणी है जो सबसे बड़े आकार के होने के साथ बहुत ही बुद्धिमान होता है जिसे बहुत ज्यादा खाने की आवश्यकता पड़ती है विश्व के साथ भारत में भी अनेको राज्य हाथी बहुल्य है दिन में दिन पर दिन विभिन्न कारणो से वन क्षेत्र के घटने एवं हाथियों सहित विभिन्न प्रकार के वन्यप्राणियों के निरंतर संरक्षण के कारण बढ़ रही जनसंख्या में हो रही आहार की कमी के कारण हाथियों के साथ आन्य वन्यप्राणी भी वन क्षेत्र से बाहर निकलकर पूर्व में वनों से घिरे क्षेत्र जिसमे आबादी बढ़ती जा रही है में आने को मजबूर हो जाते हैं जिससे बीच-बीच में हाथी सहित अन्य वन्यप्राणियों एवं मानव के मध्य द्वन्द की स्थिति निर्मित हो रही है हाथी जैसा बड़ा एवं बुद्धिमान वन्यप्राणी बहुत ही समझदार होता है जिसे अपने पूर्व की पीढियो के क्षेत्र का एक अच्छा अनुभव होने के कारण उस क्षेत्र में विचरण करने पहुंच जाते हैं छत्तीसगढ़ राज्य से लगे उड़ीसा,झारखंड एवं अन्य हाथी बहुल्य राज्यों से हाथियों का समूह सैकड़ो साल पूर्व से छत्तीसगढ़ राज्य जो पहले मध्यप्रदेश में सम्मिलित रहा में हाथियों का निरंतर विचरण बना रहा है मध्यप्रदेश का अनूपपुर जिला जो पहले शहडोल जिले में सम्मिलित रहा मे भी पूर्व के कई वर्षों से हाथियों के समूह के आने तथा विचरण करने की जानकारी मिलती है विगत 4-5 वर्षों से हाथियों का समूह जिले के कई हिस्सों में अक्सर छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओ से प्रवेश कर कुछ दिन विचरण करने बाद फिर वापस छत्तीसगढ़ राज्य की ओर चले जाते है हमें भविष्य में हाथी प्रभावित राज्यों की तरह हाथियों के साथ रहने,समय व्यतीत करने की आदत डालनी होगी ,श्री प्रजापति ने आम जनों से हाथियों के समूह से दूर रहने व जंगल एवं गांव के मध्य अलग-अलग रूप में खेतों एवं अन्य स्थानों के घर बनाकर रह रहे ग्रामीणों से हाथियों के आने के पूर्व सूचना पर घरों में अनाज एवं ऐसी सामग्री जो हाथियों को प्रिय है उन्हें बीच गांव में लाकर अपने-अपने घरों में रखना की बात कही।
इस दौरान ग्राम पंचायत दुधमनिया,गोबरी,लखनपुर सरपंच,हाथी मित्र दल के पदाधिकारी,सदस्यों के साथ अनूपपुर,जैतहरी,राजेंद्रग्राम कोतमा एवं बिजुरी के वन परीक्षेत्र अधिकारी,वनरक्षकों के साथ जिला मुख्यालय अनूपपुर के वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल ने भी हाथी दिवस के अवसर पर अपने-अपने विचार रखकर हाथियों से दूरी बनाए रखने एवं सतर्कता बरतने की अपील की,बड़हर के वनरक्षक हरिनारायण पटेल ने कार्यक्रम का संचालन किया।