39 दिन बाद पांच हाथियो का समूह वापस पहुंचा छत्तीसगढ़ राज्य के जंगल में 
अनूपपुर I विगत 39 दिन पुर्व छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परीक्षेत्र से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले मे वन परीक्षेत्र जैतहरी में प्रवेश किए पांच हाथियों का समूह निरंतर 39 दिन तक अनूपपुर जिले के जैतहरी,अनूपपुर एवं कोतमा वन परीक्षेत्रों में तीन दर्जन से अधिक ग्रामीण अंचलों के समीप स्थित वन क्षेत्र में दिन भर विश्राम करने बाद देर साम व रात में जंगल से लगे ग्रामीण अंचलों के गांव,टोला, मुहल्ले में विचरण करते हुए आहार की तलाश कर 100 से अधिक घरों एवं बाड़ी के साथ खेतों में लगी विभिन्न तरह की फसलो धान,केला,कटहल,गन्ना आदि को खाते हुए शनिवार की देर शाम वन परीक्षेत्र कोतमा के पोड़ी बीट अंतर्गत राजस्व क्षेत्र साहीगढार के जंगल से सोननदी मे बने बांध एवं भेडवानाला को पार कर छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परीक्षेत्र अंतर्गत मालाडांड होते हुए देर रात करहनी गांव में दो घरों एवं 13 कृषकों के फसलों को नुकसान पहुंचाते हुए 13 अगस्त,रविवार की सुबह मरवाही वन परीक्षेत्र के सिवनी बीट के कक्ष क्रमांक पी,एफ,2042 जो सिलवारीटोला एवं पथर्री गांव के बीच कोकड़ा बांध के किनारे जंगल में पहुंचकर लेट कर,शो कर विश्राम कर रहे हैं,हाथियों का समूह रविवार के देर साम-रात को किस ओर जाएगा यह देर शाम होने पर पता चल सकेगा हाथियों के समूह का विगत 39 दिनों तक अनूपपुर जिले में विचरण दौरान जिले के जनप्रतिनिधियों,जिला प्रशासन,वन विभाग,पुलिस विभाग के साथ स्वयंसेवी व्यक्तियों,वन्यजीव संरक्षक,हाथी मित्र दल,प्रभावित ग्राम पंचायत के सरपंच,जन प्रतिनिधि एवं ग्रामीण जनो द्वारा निरंतर चिंता व्यक्त की जाती रही है इस दौरान प्रत्येक दिन शाम होते ही वन विभाग एवं प्रशासन द्वारा हाथियों के देर शाम एवं रात को संभावित विचारण क्षेत्र के ग्रामीणों को जो जंगल एवं गांव के बीच अलग-अलग खेत एवं अन्य स्थानों में कच्चे एवं पक्के मकान बनाकर परिवार सहित रहते रहे हैं को मुनादी एवं अन्य माध्यमों से सूचना देकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाता रहा है या ग्रामीण महिलाएं बच्चों को लेकर स्वयं भी सुरक्षित स्थानों पर जाकर रात भर जाग कर बिताते रहे हैं वहीं ग्रामीण जन हाथियों के समूह पर नजर बनाते हुए उन्हें अपने क्षेत्र से बाहर करने का भरसक प्रयास करते रहे हैं जिस कारण किसी भी तरह की बड़ी दुर्घटना से बचा जा सका है,हाथियों के निरंतर विचारण के कारण तीन दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीण भयभीत व परेशान रहे हैं जिनके द्वारा अपने गांव,मोहल्ला एवं घरों को हाथियों के प्रवेश से बचाने के उद्देश्य पर हो-हल्ला,पटाखा,नगाड़ा,ट्रैक्टर ,लकड़ी काटने वाली मशीन आदि के माध्यम से हाथियों को भगाने का प्रयास करते रहे हैं इस बीच कलेक्टर अनूपपुर आशीष वशिष्ठ वन मंडल अधिकारी अनूपपुर एस,के,प्रजापति,पुलिस अधीक्षक अनूपपुर जितेंद्र सिंह पवांर के द्वारा निरंतर निगरानी रखी जा रही थी वन विभाग के मैदानी अधिकारियों-कर्मचारियों को तीन अलग-अलग पारियों में सुरक्षा एवं निगरानी के लिए तैनात किया रहा वहीं राजस्व एवं वन विभाग के मैदानी अमले द्वारा देर शाम एवं रातों में हाथियों के समूह द्वारा किए गए विभिन्न तरह के नुकसान का सर्वेक्षण कर नुकसानी का पंचनामा एवं प्रकरण तैयार किए जा रहे थे जिसमे अनूपपुर एवं जैतहरी तहसील के अधिकांश प्रकरणों को शासन के नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान भी किया जा चुका है शेष विचाराधीन क्षतिपूर्ति प्रकरणों का एक सप्ताह के मध्य भुगतान किए जाने के निर्देश जिला प्रशासन द्वारा संबंधित तहसीलदारों को दिया गया है। हाथियों के विचरण दौरान एक व्यक्ति की मौत हुई रही जिसके आश्रित पत्नी को वन विभाग द्वारा शासन के नियमानुसार आठ लाख रुपये की सहायता राशि घटना के एक सप्ताह के मध्य प्रदान कर दी गई रही है इस बीच घर में हाथियों के आते देखकर बेहोश हुई दो महिलाओं एवं हाथियों को दौराये,भगाये जाने पर हाथियों का समूह अपनी सुरक्षा को देखते हुए बीच-बीच में वापस ग्रामीणों को भगाने के लिए बढ़ाए जाने पर दौड़ने भागने दौरान गिरे दो व्यक्तियों एवं एक हाथी द्वारा एक व्यक्ति को जो हाथियों के समूह के बहुत नजदीक पहुंच गया रहा है को दौड़ाकर सूढ से धक्का मारने दौरान घायल एक व्यक्ति को उपचार हेतु जैतहरी एवं जिला चिकित्सालय अनूपपुर में 108 एंबुलेंस के माध्यम से लाकर भर्ती कराया गया उपचार पर सभी स्वस्थ स्थिति में हैं, पांच हाथियों में से एक सबसे बड़ा हाथी सदस्य जो कबरा कान वाला रहा है के द्वारा बीच-बीच में ग्रामीणों के द्वारा भगाए जाने पर अपने दल की सुरक्षा को देखते हुए ग्रामीणों को भगाने का प्रयास निरंतर करता रहा है हाथियों के समूह का  फिर से छत्तीसगढ़ राज्य चले जाने से अनूपपुर जिले के हाथी प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है वर्तमान समय हाथियों का मध्यप्रदेश की सीमा वन परीक्षेत्र जैतहरी एवं कोतमा से लगभग 5 कि,मी,की दूरी पर पहुंचे हैं,जिला प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा हाथियों के समूह पर निगरानी रखने एवं सतर्कता बनाये जाने के उद्देश्य से विभिन्न ग्रामीण अंचलों में हाथी मित्र दल का गठन कर दल के माध्यम से निगरानी रखने का कार्य किया है इस दौरान कलेक्टर, एस,पी,डी,एफ,ओ, एसडीएम जैतहरी एवं अनूपपुर,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैतहरी द्वारा विभिन्न हाथी प्रभावित ग्रामों में हाथी मित्र दल,ग्राम पंचायतो के सरपंच,अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ग्रामीण को एकत्रित कर हाथियों के समूह से बचने एवं सतर्कता बरतने के संबंध में बैठके आयोजित की गई रही है।