अनूपपुर/23/जून/विगत लगभग तीन माह से छ,ग,राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र से आए तीन हाथियो के समूह ने अनूपपुर,शहडोल,डिंडोरी एवं उमरिया जिले के जंगलो,जंगल से लगे गावो में निरंतर विचरण किया जा रहा है, इस दौरान एक दन्तैल हाथी कुछ दिन पूर्व छ,ग,के मरवाही वन मंडल मे लौट चुका है वही दो धन्तैल हाथी अनूपपुर जिले के अहिरगवा,राजेंद्रग्राम वन क्षेत्र के जंगलों तथा गांव के किनारे निरंतर विचरण करता हुआ 21 जून की शाम वन परिक्षेत्र अमरकंटक के इलाके में आकर दो दिन रुकने बाद बुधवार की देर रात छ,ग,राज्य के गौरेला वन परीक्षेत्र की ओर विचरण करते चला गया है,इस दौरान दोनों हाथियो के दल द्वारा विभिन्न ग्रामों में जो जंगल के किनारे स्थित है मे ग्रामीणों के कुछ कच्चे घरो को खाने की तलाश के कारण तोड-़फोड कर घर के अंदर रखें अनाजों को अपना आहार बनाया है 21 जून की शाम पर दोनो हाथी वन परिक्षेत्र राजेन्दगाम के गढीदादर से विचरण करता परीक्षेत्र  अमरकंटक के पौड़ी,बरसोत,दमगढ के जंगल पहुच कर बुधवार के पूरे दिन रूकने बाद सम कोा भुन्डाकोना के जंगल से विचरण करते हुए 22 जून की शाम शहडोल अमरकंटक मुख्य मार्ग को जलेश्वर तिराहे के पास से पार कर जागेश्वर मंदिर के पीछे से देर शाम उमरगोहान गांव में पहुंच कर एक झोपड़ी को तहस-नहस कर झोपड़ी में रखें सामान को खाने बाद देवगढ़ होकर पहाड़ चढ़कर छत्तीसगढ़ राज्य के गौरेला वन क्षेत्र अंतर्गत चुक्तीपानी के जंगल में गुरुवार की सुबह पहुंच गये जहां वे जंगल में विश्राम कर रहे हैं हाथियों के आने की सूचना पर वन परीक्षेत्र राजेंद्रगाम,अमरकंटक का वन अमला एवं पुलिस विभाग के द्वारा हाथियों के विचरण क्षेत्र पर नजर रखते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित रहने,रखने में लगे रहे वही हाथियों के दल द्वारा जंगल के किनारे स्थित कुछ घरो,झोपड़ियों को खाने की तलाश के कारण तोड-़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया है जिसका मुआवजा प्रकरण राजस्व विभाग द्वारा बनाया जा रहा है फिर से हाथियों का दल कि छत्तीसगढ़ राज्य में चले जाने से ग्रामीणों एवं वन विभाग तथा प्रशासन ने राहत की सांस ली है दो दन्तैल हाथियों के द्वारा विगत दिनों एक व्यक्ति को घायल किया रहा जिसका मेडिकल कॉलेज शहडोल में उपचार कराया गया है,वहीं अन्य किसी तरह के जन घायल,जनहानि की स्थिति निर्मित नहीं हुई है।