लखनऊ | गुजरात-हिमाचल विधानसभा और दिल्ली एमसीडी के चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने यूपी में होने वाले निकाय चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी और सांसद संजय सिंह ने कहा कि महापौर, चेयरमैन और वार्डों के आरक्षण की आपत्तियों का निस्तारण होने के साथ ही प्रत्याशियों के चयन का काम शुरू कर दिया जाएगा।

पार्टी कार्यालय में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव को देखते हुए पार्टी ने बूथ स्तर कर के संगठन को मजबूत किया है। सभी सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारे जाएंगे। चुनाव में शहरों की बेहतर सफाई व्यवस्था भी मुख्य मुद्दा रहेगा।चुनाव में अगर पार्टी जीतेगी तो यूपी में भी मोहल्ला क्लीनिक खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली एमसीडी में 15 साल से कब्जा जमाए भाजपा को जनता ने जहां नकार दिया है और गुजरात में 13 प्रतिशत वोट पाकर पार्टी महज 10 साल में राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी है। इसलिए यूपी के निकाय चुनाव में भी पार्टी को बड़ी सफलता मिलेगी।

नगर निकाय चुनाव बसपा के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि पार्टी इसमें अपनी परफार्मेंस बेहतर करने का प्रयास करेगी। वर्ष 2017 में प्रदेश के 16 नगर निगमों में से 14 पर भाजपा का कब्जा था, जबकि मेरठ और अलीगढ़ में बसपा के महापौर थे। इस बार के विधानसभा चुनाव में जिस तरह बसपा की दुर्गति हुई उससे निकाय चुनाव में बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। हालांकि निकाय चुनाव के समीकरण अलग है।अनुसूचित जाति के साथ अन्य वोटरों को जोड़कर बसपा सोशल इंजीनियरिंग करती रही है पर अब यह फार्मूला फेल हो चुका है। ऐसे में वह क्या करे, क्या न करे इसी पर विचार कर रही है। वहीं, पार्टी सिपहसालार हर उम्मीदवार को सुप्रीमो से मिलाना चाहते हैं, लेकिन सुप्रीमो का कहना है कि साफ छवि वालों को ही टिकट मिलेगा। गलत व्यक्ति को लाने पर कोऑडिनेटर पर ही एक्शन होगा।