मुरादाबाद के बिलारी में दस साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोपित को दोषी मानते हुए अदालत ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सजा के साथ दोषी पर 85 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वारदात के सात साल बाद सजा होने से बच्ची के परिवार वालों को राहत मिली है।

बिलारी के एक गांव की रहने वाली महिला ने थाना बिलारी में दो दिसंबर 2015 को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि दोपहर के समय उसकी दस साल की बेटी अपने घर की महिलाओं के साथ खेत पर घास काटने के लिए गई थी। शाम को महिलाएं तो वापस आ गईं। लेकिन, उसकी बेटी पीछे रह गई थी। रास्ते में उसे विपिन जाटव मिल गया जो लड़की को साइकिल पर बैठा कर दूर गन्ने के खेत में ले गया। आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

दुष्कर्म के बाद बालिका को गांव के पास छोड़कर चला गया था। जाते समय विपिन जाटव ने बालिका को पचास रुपये देकर घर में न बताने की बात कही। बालिका ने सारी बातें अपनी भाभी पूनम को बताई। आरोपित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने विपिन जाटव के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया। इस मुकदमे की सुनवाई पाक्सो कोर्ट संख्या प्रथम डा. केशव गोयल की अदालत में की गई।

विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार वर्मा एवं अभिषेक भटनागर ने बताया कि अदालत में वादी पक्ष की ओर से आरोपित के पक्ष में गवाही दी गई। लेकिन, अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए विपिन जाटव को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए उसे बीस साल के कठोर कारावास की सजा के साथ उस पर 85 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।