नई दिल्ली । पूर्व लोकसभा स्‍पीकर और कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने भी माना कि देश में जाति के आधार पर लोगों से भेदभाव की घटनाएं अभी भी जारी है। राजस्‍थान की इस स्‍तब्‍ध करने वाली घटना का उल्‍लेख करते हुए मीरा कुमार ने एक ट्वीट में कहा है, "100 साल पहले मेरे पिता बाबू जगजीवन राम को स्‍कूल में सवर्ण हिंदुओं के घड़े से पानी पाने से रोक दिया गया था। यह चमत्‍कार ही था कि उनकी जान बच गई। उन्‍होंने कहा कि आज इसी वजह से एक 9 वर्ष के दलित बच्चे को मार दिया गया। आज़ादी के 75 वर्षों के बाद भी जातिवाद हमारा सबसे बड़ा शत्रु है। यह कलंक है।"
दलितों के साथ 21वीं सदी में भी भेदभाव के मुद्दे पर एनडीटीवी के समक्ष विचार रखते हुए मीरा कुमार ने कहा, "जो भी हुआ है वह बेहद भयावह है। 100 साल पहले मेरे पिता बच गए थे लेकिन 100 साल बाद बच्‍चे को जान गंवानी पड़ी।"उन्‍होंने कहा, "मैंने एक बार अपने पिता बाबू जगजीवन राम जी से पूछा था कि आपने इस देश के लिए आजादी की लड़ाई क्‍यों लड़ी? आपने यह जोखिम क्‍यों लिया?  इस देश ने आपके लिए और दलित वर्ग के लिए कुछ नहीं किया, आप लोगों को तो अपमान और अत्‍याचार ही झेलना पड़ा तो उन्‍होंने कहा था कि आजाद भारत बदलेगा। हमें जातिविहीन समाज मिलेगा। मुझे खुशी है कि (ऐसी घटनाओं को सुनने के लिए) आज वे नहीं हैं। आजादी के 75 साल भी इस मामले में भारत ने बदला है। यह बेहद दुखद है।"