सावन की विनायक चतुर्थी व्रत 01 अगस्त दिन सोमवार को है. इस दिन सावन का तीसरा सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat) भी है. इस बार की विनायक चतुर्थी व्रत रवि योग में है.विनायक चतुर्थी व्रत के दिन विघ्नहर्ता श्री गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करते हैं. गणेश जी की जिस पर कृपा होती है, उसके सारे कार्य बिना किसी विघ्न बाधा के पूरे होते हैं. उसके जीवन में शुभता सौभाग्य बढ़ता है. गणेश जी विघ्नहर्ता हैं, वे अपने भक्तों के सभी संकटों को हर लेते हैं, उन्हें दूर कर देते हैं मनोकामनाएं पूरी करते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं विनायक चतुर्थी की पूजा विधि के बारे में.
सावन विनायक चतुर्थी 2022 व्रत पूजा विधि (Sawan Vinayak Chaturthi 2022 Vrat and Puja Vidhi)
- सावन के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से एक दिन पूर्व यानि 31 जुलाई से तामसिक पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए.
- इस दिन आप प्रातः जल्दी उठें स्नान ध्यान से मुक्त होकर साफ़ वस्त्र धारण करें.
- विनायक चतुर्थी के दिन पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें.
- घर के पूजा स्थान को साफ करें सभी भगवानों को स्नान कराएं.
- एक चौकी में शुभ मुहूर्त के अनुसार लाल या पीला कपड़ा बिछाकर गणपति की मूर्ति रखें
- गणपति जी को स्नान कराएं.
- उसके पश्चात हाथ में जल, फूल अक्षत् लेकर विनायक चतुर्थी व्रत का संकल्प लेना लें.
- गणेश जी को सिन्दूर लगाएं रोली के साथ साथ दूर्वा भी चढ़ाएं

- गणेश जी को पीले या लाल फूल अर्पित करें.

- चंदन, पान का पत्ता, अक्षत्, सुपारी, केला, फल, फूल, कुमकुम, धूप, दीप, गंध, दूर्वा की 11 गांठें आदि चढ़ाएं.

- गणेश जी को मोदक अत्यंत प्रिय है इसलिए उन्हें इसका भोग जरूर लगाएं.

- फिर गणेश चालीसा का पाठ करें गणपति के बीज मंत्रों का 108 बार जाप करें.

- विनायक चतुर्थी पर गणेश चतुर्थी व्रत कथा अवश्य पढ़ें.

- कथा के बाद आरती करें प्रसाद वितरित करें.

सावन विनायक चतुर्थी 2022 महत्व (Sawan Vinayak Chaturthi 2022 Significance)
सावन की विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की आराधना से समस्त बाधाओं का नाश होता है. गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता की उपाधि दी गई हैं. इनकी पूजा से किभी भी कार्य में विघ्य पैदा नहीं होते इसलिए हर मांगलिक शुभ कार्य से पहले प्रथम पूज्य गणेश जी की उपासना की जाती है. गणेश जी को विनायक चतुर्थी बहुत प्रिय है.