कोलकाता । पश्चिम बंगाल में राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच खींचतान होती दिख रही है, क्योंकि ममता सरकार द्वारा सुझाए नामों को अभी तक राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के कार्यालय की ओर से स्वीकृति नहीं मिल सकी है। इसके बजाय, गवर्नर हाउस ने अन्य नाम की मांग की है। इस बीच, राज्य में एक प्रशासनिक संकट पैदा हो गया है, क्योंकि पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त सौरव दास का कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो गया। 
प्रारंभ में, सचिवालय ने नए राज्य चुनाव आयुक्त के रूप में बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव राजीव सिन्हा के नाम की सिफारिश की थी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल उस एकमात्र सिफारिश के आधार पर हरी झंडी देने के इच्छुक नहीं थे और उन्होंने राज्य से और सिफारिशें मांगी थीं। इसके बाद राज्य सरकार ने उत्तर बंगाल विकास विभाग के वर्तमान अतिरिक्त मुख्य सचिव अजीत रंजन बर्धन की अनुशंसा भेजी थी। दूसरे नाम से भी संतुष्ट नहीं होने पर गवर्नर हाउस ने एक और सिफारिश मांगी है। 
हालांकि, नौकरशाही हलकों का मत है कि मामले में कुछ समय के लिए देरी हो सकती है, अंतत: गवर्नर हाउस को अनुशंसित लोगों में से किसी एक नाम का चयन करना होगा। एक नौकरशाह ने कहा, राज्य चुनाव आयुक्त के पद के लिए अपनी पसंद पर जोर देने के लिए गवर्नर के लिए ज्यादा प्रावधान नहीं है, जब तक कि राज्य सरकार उस पर सहमत न हो।