उज्जैन ।  लगातार बरसात होने से बुधवार को उज्जैन पानी-पानी हो गया। शहर में जल आपूर्ति का मुख्य केंद्र गंभीर बांध अपनी पूर्ण जल संग्रहण क्षमता 2250 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) अनुरूप लबालब भरा गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) का कहना है कि अब उनके पास अब इतना पानी है कि वह पूरे साल शहर में प्रदाय कर सकता है। मालूम हो कि 5 अगस्त से इंदौर, देवास सहित उज्जैन में लगातार वर्षा हो रही है। इसके परिणाम स्वरूप मोक्षदायिनी शिप्रा नदी लगातार उफान पर बह रही है। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात को ही नदी का जल रामघाट को लांघकर रामानुजकोट और बंबईवाला की धर्मशाला तक पहुंच गया। इससे घाट के सारे मंदिर और छोटा पुल दिनभर पानी में डूबे रहे। शाम को पानी बड़े पुल तक पहुंच गया। वहीं इंदौर में यशवंत सागर बांध के गेट खोल दिए जाने से गंभीर बांध तड़के लबालब भरा गया। पानी की आवक लगातार होने पर बांध की सुरक्षार्थ पीएचई ने बांध के तीन गेट खोल अतिरिक्त पानी शिप्रा में मिलने को छोड़ा। कलेक्टर आशीष सिंह ने नदी के डाउन स्ट्रीम क्षेत्र में जनसुरक्षा बतौर अलर्ट जारी किया। बांध सहित पुल-पुलिया पर बेरिगेट लगाने और चौकीदार की तैनाती करने के निर्देश संबंधित एसडीएम को दिए। आदेश का तुरंत पालन हुआ और सभी जगह शाम तक बेरिकैड्स लगा दिए हैं।

बड़े पुल को छू रही शिप्रा

शिप्रा नदी का पानी बुधवार शाम शिप्रा नदी पर चक्रतीर्थ के पास बने बड़े पुल को छूकर बही। ये नजारा देखने हजारों लोग नदी किनारे पहुंचे। याद रहे कि स्थिति छोटा पुल बीते पांच दिनों से शिप्रा में समाया हुआ है।

24 घंटे में हुई 43.4 मिली वर्षा, अब तक 575 मिमी

बीते 24 घंटों में उज्जैन में 43.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। इससे इस सीजन में हुई वर्षा का कुल आंकड़ा बढ़कर 575 मिलीमीटर पहुंच गया। जीवाजी वेधशाला के अनुसार वर्षाकाल 30 सितंबर तक मान्य है। उज्जैन की औसत वर्षा 906 मिलीमीटर है। मौसम विभाग ने गुरुवार को भी भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।

तीन कार नदी में समाई, क्रेन से बाहर निकाला

बंबईवाला धर्मशाला के सामने पार्क की गईं तीन कार रात ही नदी के पानी में समा गईं। सुबह धर्मशाला की छत से लोगों की नजर कार पर पड़ी तो पुलिस को सूचना दी। यातायात पुलिस ने क्रेन और कुछ लोगों की मदद से तीनों कार को पानी से बाहर निकाला।

शक्करवासा गांव में कई घर में पानी भराया

नाले-नालियां चौक होने से बरसात का सारा पानी सड़क सहित लोगों के घर और दुकानों में भी भराया। शिप्रा नदी से लगे शक्करवासा गांव स्थिति काफी खराब रही। यहां के कई घरों में पानी घुटनों तक भरा गया। ऐसे में लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ा। नगर निगम का राहत दल देर शाम तक लोगों की मदद के लिए जुटा रहा। अफसर भी वहां व्यवस्था बेहतर करने को पहुंचे। ऐसा ही हाल इंदौर रोड, देवास रोड की डाउन स्ट्रीम कालोनियों में और शांतिगर के पास सुदर्शन नगर, पिपलीनाका जोन कार्यालय के पास, नई सड़क, कमल कालोनी कालोनी में भी रहा।

सुबह 8 बजे तक तीन गेट खोल दिए थे

पीएचई के सहायक यंत्री राजीव शुक्ला ने बताया कि सुबह 8 बजे तक गंभीर बांध के तीन गेट एक-एक खोल दिए गए थे। ये गेट दिनभर खुले रहे। बांध का पानी आगे जाकर शिप्रा नदी में मिलता रहा। फिलहाल गंभीर बांध को 2130 एमसीएफटी जल संग्रहण क्षमता पर मेंटेन रखा जा रहा है।

गत वर्ष 24 सितंबर को भराया था गंभीर बांध

गत वर्ष गंभीर बांध 24 सितंबर को लबालब भराया था। इसके पहले साल 2020 में बांध 22 अगस्त को पूर्ण क्षमता से भराया था। बीते 10 वर्षों में साल 2014 और 2017 में गंभीर बांध पूर्ण क्षमता से नहीं भराया था। ये साल जल संकट का साल रहा था। परिस्थितिवश नगर निगम ने पूरे साल एक दिन छोड़कर शहर में जल प्रदाय किया था।