सावन का महीना महादेव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए सबसे खास समय होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना पांचवां माह होता है।

यह महीना भगवान शिव को सबसे प्रिय माह होता है। सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने और विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस सावन के महीने में ही माता पार्वती ने कठोर तप करते हुए भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। सावन के महीने में सोमवार व्रत रखने और महादेव की विशेष पूजा-आराधना का महत्व होता है। सावन के महीने में विवाहित महिलाएं जहां एक तरफ अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय और समृद्धि बनाने के लिए व्रत और पूजा-पाठ करती हैं,वहीं अविवाहित महिलाएं अच्छे वर की कामना के लिए सावन सोमवार का व्रत रखते हुए भोले भंडारी की उपासना करती हैं। इस बार सावन का पवित्र महीना 14 जुलाई 2022 से आरंभ होने जा रहा है। ऐसे में सावन के महीने में किस तरह से शिव उपासना की जाए ताकि शिव कृपा का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।

सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने की पूजा विधि

सावन का महीना शिव उपासना के लिए सबसे अच्छा समय माना गया है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में शिव उपासना से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। वैसे भी कहा जाता है कि सभी देवी-देवताओं में भगवान शिव की पूजा करना सबसे आसान होता है। भोले भंडारी को सच्चे मन से चढ़ाया गया मात्र एक लोटा जल की काफी होता है। सावन के पवित्र महीने में महादेव को प्रसन्न करने के लिए तीन प्रकार से व्रत रखे जाते हैं।

- सावन सोमवार का व्रत: सोमवार का दिन शिव आराधना के लिए खास माना जाता है। ऐसे में सावन के पवित्र महीने में आने वाले सोमवार का महत्व काफी बढ़ जाता है। शिवजी की विशेष कृपा पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है।

- 16 सोमवार का व्रत: शिव आराधना के लिए सबसे अच्छा और पवित्र महीना सावन का होता है। ऐसे में जो भक्त अपनी मनोकामना को प्राप्त करने के लिए व्रत रखना चाहता है उसे सोलह सोमवार का व्रत आरंभ करने के लिए यह समय बहुत ही शुभ होता है।

- प्रदोष व्रत: भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए सावन के महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत काफी महत्वपूर्ण होते हैं।

सावन व्रत और पूजा-विधि

-सावन माह के दौरान सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- आस पास स्थित शिव मंदिर में जाकर शिवजी के दर्शन करते हुए शिवलिंग पर गंगाजल और दूध से अभिषेक करें।
- भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र,धतूरा,गंगाजल और दूध अवश्य शामिल करें।
- सावन माह में शिवजी के जलाभिषेक के दौरान 'ओम् नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
- पूजा के अंत में अपनी सभी तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें और उनकी आरती करते शिव चालीसा का पाठ करें।

सावन माह में सोमवार व्रत की तिथि

गुरुवार, 14 जुलाई श्रावण मास का पहला दिन
सोमवार, 18 जुलाई सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 25 जुलाई सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 01 अगस्त सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 08 अगस्त सावन सोमवार व्रत
शुक्रवार, 12 अगस्त श्रावण मास का अंतिम दिन