लूट रहा खजाना,लुटेरों को कौन पकड़े,हमाम में सब .......? 500 रुपये पर कॉपी प्रिंट आउट,12 रुपये फ़ोटो कॉपी 
अनूपपुर - कहते है न जब राजा नपुंसक हो जाये या फिर किसी काम का न बचे तो या तो उस राजा को अपना राज पाठ छोड़ देना चाहिए या फिर भृष्टाचार की खुली अनुमति दी जानी चाहिए,फिर उसमें राजा हो या प्रजा सब बराबर के हकदार हो लूट खसोट करें और जनता के अरमानों को अजगर बन निगल ले,अनूपपुर जिले की पंचायतों में भृष्टाचार आखरी चरम पर पहुंच चुका है जिसे रोक पाना अब शायद जनपद के मुख्यकार्यपालन अधिकारियों के बूते की बात नही रही
500 में पर कॉपी प्रिंट आउट,12 रुपये कॉपी फ़ोटो कॉपी
जनपद पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत अल्हवार में एक ऐसा बिल लगा जो अपने आप मे हैरान करने वाला है दरसल काव्या फ़ोटो कॉपी एन्ड ऑनलाइन सेंटर से पंचायत ने दिनांक 27-09-2022 को 8 कॉपी प्रिंट आउट निकलवाती है जिसकी कीमत पर कॉपी 500 के हिसाब से 4000 का भुगतान किया जाता है तो वही 250  फ़ोटो कॉपी का 12 रुपये पर कॉपी के हिसाब से 3000 का भुगतान किया जाता है ऑनलाइन रिचार्ज का 3000 भुगतान किया जाता है , कुल मिला कर 10000 का भुगतान किया जाता है हम मान भी ले कि रिचार्ज हुआ होगा 3000 का पर 500 के हिसाब से प्रिंट आउट होना वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करने जैसी बात है तो सब जगह 2 रुपये के आस पास फ़ोटो कॉपी हो जाती है पर यहां तो सारी हदें पार करते हुए 12 रुपये पर कॉपी का भुगतान किया जाता है
अब जनपद के मुख्यकार्यपालन अधिकारी    अपनी पीठ थपथपाएं और मुस्कुराएं पुष्पराजगढ़ में है ,अब तो ऐसा लगने लगा है कि पंचायतों के भुगतान में कोई मोनिटरिंग नही है जनपद में सब अपनी नौकरी पका रहे है जल्द ही हम उस सचिव की कहानी बतायेंगे जो क्रेशर संचालक है और धड़ल्ले से पंचायतों में क्रेशर के नाम पर बिल लगते है और कई राज है उस सचिव के जिसका पुलिंदा हम जल्द खोलेंगे
कलेक्टर सोनिया मीणा, जिलापंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी अब जगे अन्यथा देर हो जाएगी
जिले की कलेक्टर साहिबा और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुजान सिंह रावत एक ही जनपद में कई कई वर्षों से विराजे एपीओ,एसडीओ,उपयंत्रियों को इस कोने से उस कोने भेजे साथ ही जनपदों में कई वर्षों से जमे कर्मचारियों  को तत्काल प्रभाव से दूसरे दूसरे जनपदों में भेजे इन सब की सेटिंग से सभी पंचायतों का बुरा हाल हो रहा है और ये सब अपने कमीशन के खेल में मदमस्त हो चले है,हम ये नही कह रहे कि आप के सभी अधिकारी कर्मचारी भृष्ट है पर अधिकतर तो भृष्टाचार में कंठ तक डूबे है,और अब इनका भृष्टाचार जिले के लिए कोढ़ साबित हो रहा है 
किसका है बिल
आप को बता दे पंचपरमेश्वर में लगा यह बिल किसी काव्य फ़ोटो कॉपी का नही बल्कि वहाँ पदस्थ मोबलाइजर राजू प्रसाद महोबिया का है जब इस पूरे मामले में हमने वहाँ के सचिव किरण सिंह से बात की तो उनका कहना था कि रहने दीजिए मत लगाइए मेरे पास रोजगार सहायक नही है सारा काम मोबलाइजर से करवाती हूँ तो क्या हम इसका मतलब ये समझ ले कि मोबलाइजर को भृष्टाचार की छूट मिल गई
लाखो रुपये के आफिस खर्च के नाम पर खर्च करने वाली पंचायतें पेपर भी खरीदती है,प्रिंटर, और रिपयरिंग से लेकर प्रिंटर कॉटेज रिफलिंग के नाम पर लाखों रुपये निपटाती है फिर भी महीने में कई हजारो की फ़ोटो कॉपी बाहर से करवाना अपने आप मे भृष्टाचार को साबित करता है
क्या ऐसा ही चलेगा
अगर समय रहते जिला प्रशासन अब भी कोई ठोस कदम नही उठाता तो आने वाले दिनों में इस पर रोक लगा पाना सम्भव नही होगा और ये फिर किसी के बूते की बात नही रह जायेगी