जैतहरी की ह्रदयस्थली गांधी चौक,बना सट्टे और मैच फिक्सिंग के अड्डा,बाप शराब का कारोबार तो बेटा मैच के सट्टे को पहुंचा रहा अंजाम तक 
अनूपपुर - इन दिनों जैतहरी में भाऊ पिता पुत्र की जोड़ी बड़े गुल खिला रही है एक तरफ पिता अवैध शराब के कारोबार को बढ़ाने में मशगूल है तो पुत्र ने जैतहरी में मैच फिक्सिंग में सट्टा की कमान संभाले हुए है मिली खबर के मुताबि नाडू ने जहां अपने शराब के अवैध कारोबार को विरासत बना कर शराब दुकान के बाहर अवैध शराब बिक्री को अपना गढ़ बना लिया है और जैतहरी में आप को कही शराब न मिले तो नाडू से संपर्क करिये साहब के पास आप को हर वरायटी की शराब उपलब्ध हो जाएगी,तो दूसरी तरफ बाप के नक्शेकदम पर पुत्र ने मैच में सट्टे की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले रखी है चाहे वो मैच का सट्टा हो शराब खेला नाडू सहित औलाद को अब इसमें महारत हांसिल हो चुकी है और जैतहरी में मैच सट्टे बाज के नाम से मशहूर हो चला है |

बाप बेटे के मकड़ जाल में फंसी जैतहरी पुलिस
क्या जैतहरी पुलिस को इन पिता पुत्र की जोड़ी के काले कारनामो की जानकारी नही होगी ऐसा बिल्कुल नही है दोनों के बारे में थाने के छोटे से लेकर बड़े साहब तक सब को खबर है पर मिली जानकारी के मुताबिक इन्ही के संरक्षण य अभय दान में ये कारोबार फल फूल रहा है ऐसी जानकारी सामने निकल कर आ रही है

 जैतहरी पुलिस बनी गांधी के तीन बंदर 
सच ही कहते है गाँधी के तीन बंदर न बुरा देखेगे न बुरा बोलेगे न बुरा सुनेंगे  बस सेटिंग बनाकर के चलेगे यह सब सटीक जम रहा है जैतहरी पुलिस के ऊपर काफी दिनों से जैतहरी में सट्टे का कारोबार और मैच फिक्सिंग क कारोबार खुल्ले आम फल फूल रहा है ,इन्हें न तो पुलिस का भय न ही समाज का डर इन्हें तो बस अपने अवैध तरीके से पैसा कमा कर तिजोड़ी भरना है चाहे वह आज का नवजवान घर के बर्तन या अनाज या जमीन बेच कर अपने बीबी बच्चो का निवाला छीन कर हमारे पास मैच फिक्सिंग में पैसा लगाए या सट्टा में ओर कंगाल होकर घर चला जाए इन दिनों गली चौराहे में बात होती है तो  लोगो के मुंह से यही बात निकलती है यार वो तो करोड़पति हो गया सट्टा खिला कर यार वो भी तो करोड़पति बन गया मैच फिक्सिंग का खेल खिला कर तो तीसरी आवाज आती है सेटिंग करके खिला रहा है तभी तो काम चल रहा है जोरो से सेटिंग ऐसी चीज है कि अपराधी ओर सेटिंग का गंठ जोड़ का बड़ा गहरा रिश्ता होता है हर वक्त एक दूसरे के लिए खड़े रहते है कहते है न कि सैया भए कोतवाल तो फिर काहे का डर होए अब देखना यह है कि अब नए कप्तान साहब का पावर यहाँ चलेगा या  यूं ही  सेटिंग का खेला वाला खेल चलता रहेगा