सेंट जोसेफ स्कूल कोतमा के अभिभावकों का महंगाई के नाम पर छलका दर्द

सेंट जोसेफ स्कूल कोतमा के अभिभावकों का महंगाई के नाम पर छलका दर्द
कोतमा/ अनूपपुर जिले के कोतमा में संचालित सेंट जोसेफ स्कूल जमुना कोतमा क्षेत्र में सबसे अधिक नामचीन विद्यालयों में शुमार है और कोयलांचल क्षेत्र के अधिक से अधिक अभिभावक अपने बच्चों को सेंट जोसेफ जैसी स्कूल में दाखिला दिलाने और वहां पर अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने का सपना देखते हैं लेकिन कोयलांचल क्षेत्र में सेंट जोसेफ स्कूल शुरूआती दिनों में तो शिक्षण व्यवस्था पर विशेष ध्यान देते हुए अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रही और देखते देखते विद्यालय प्रगति पथ पर अग्रसर हुई और कोयलांचल क्षेत्र की सबसे बड़ी विद्यालय बन गई लेकिन विद्यालय प्रबंधन का रवैया वर्तमान में अभिभावकों को प्रखर होने पर मजबूर कर रहा है। विश्वस्त सूत्रों व कई अभिभावकों से मिली जानकारी के अनुसार विद्यालय में लगभग तीन से चार वर्षों के भीतर पुस्तकों में बदलाव कर अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ लादने में विद्यालय प्रबंधन को महारत हासिल है और विद्यालय प्रबंधन अपने विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के माता पिता के साथ और उनकी आर्थिक स्थिति के साथ किसी प्रकार की सहानुभूति नहीं रखते हुए मनमौजी ढंग से अतिरिक्त आर्थिक बोझ लाद कर अभिभावकों को मजबूर कर देता है। वर्तमान में कुछ अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय में पांचवीं कक्षा तक के लिए एन सी ई आर टी की पुस्तकों का प्रयोग न कर शिक्षण स्तर का हवाला देकर अन्य प्रकाशन की पुस्तकों का प्रयोग किया जा रहा है और लगभग 4000 रुपए में पूरी किताबों का सेट उपलब्ध हो पा रहा है, जो कि इस कमर तोड़ महंगाई में अभिभावकों के लिए एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ से कम कुछ नहीं है। अभिभावकों ने बताया कि जहां एन सी ई आर टी की पुस्तकें 500 रुपए से 800 रुपए के भीतर बाजार में उपलब्ध हैं, वहीं अन्य प्रकाशन की उसी कक्षा की पुस्तकें 4000 रुपए में दी जा रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार सेंट जोसेफ स्कूल बिजुरी में एन सी ई आर टी की पुस्तकों से ही पठन पाठन कार्य कराया जा रहा है और वहीं कोतमा में संचालित सेंट जोसेफ स्कूल में कॉलरी क्षेत्र होने का पूरा फायदा उठाते हुए मनमाने ढंग से लाभ अर्जित करने के तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिससे कि अभिभावकों में रोष व्याप्त है और कई अभिभावक इस पर अपने स्तर से विरोध भी कर रहे हैं। अब देखना है कि क्या विद्यालय प्रबंधन अभिभावकों के साथ सहानुभूति प्रदर्शित करेगा या फिर विद्यालय में मनमाने ढंग से पुस्तकों का चयन करेगा?