करपा सचिव अजय कन्नौजिया ने हड़प ली नीलामी की राशि, सरपंच सोते रहे लाखो का खेला हो गया 
अनूपपुर। जिले का प्रशासनिक अमला लाख हांथ पैर मार ले पर भ्रष्टचार करने वाले कोई न कोई नया तरीका निकाल ही लेते है और खास तौर से जनपद पुष्परजगढ़ की करपा पंचायत तो मानो जिसको भी यहां की जिम्मेदारी सौंपी जाती है जनाब वही इस पंचायत का गड्ढा खोदने में आमादा हो जाता है और करपा रोजगार सहायक के बर्खास्तगी के बाद यहां की जिम्मेदारी पूर्व लीला सचिव अजय कन्नौजिया को दी गई तो ये महाशय तो और बड़े वाले निकले और भ्रष्टचार का खेला ऐसा की कुछ पूँछिये मत आप को उसका एक उदाहरण मात्र समझिए कि करपा पंचायत के लिए सीमेंट की खरीदी पोड़की से होती है करपा में सीमेंट मिलती है, लीला में मिलती है राजेन्द्रग्राम में मिलती है पर ये साहब सीमेंट पोड़की से मंगवाते है। 
साप्ताहिक बाजार नीलामी का लाखो रुपये खा गये 
दरसल ग्रामपंचायत करपा के उप सरपंच ने कल जन सुनवाई में कलेक्टर को शिकायत करते हुए बताया कि करपा हाट बाजार की नीलामी 28 मार्च 2023 को की गई थी जिसमे नीलामी की सबसे अधिक बोली छज्जू राम बाम्बा निवासी करपा के द्वारा बोली गई और यह सबसे अधिक बोली होने के नाते ये ठेका छज्जू राम बाम्बा को मिल गया छज्जू राम बाम्बा द्वारा 27 मार्च 2023 को रसीद नंबर 12 के माध्यम से पंचायत सचिव को 25 हजार रुपये दिए उसके बाद 28 मार्च 2023 को पुनः 1 लाख 50 हजार रुपये सचिव महोदय को दिया गया और आखरी किस्त 29 मार्च 2023 को 1 लाख 76 हजार 500 रूपये की राशि सचिव महोदय को सौंपी गई कुल राशि 3 लाख 51 हजार 500 रुपये पंचायत को दिए गए पर सचिव अजय कन्नौजिया ने इस राशि से महज 1 लाख 10 हजार पंचायत के खाते में जमा किया गया। हालांकि उसके द्वारा 20 हजार की एक और राशि पंचायत के खतम जमा की गई है कुल मिला कर मान भी लिया जाए कि साहब ने 1 लाख 30 हजार रुपये पंचायत के खाते में जमा भी करवा दिए पर 2 लाख 21 हजार 500 रुपये कहाँ गये जबकि ये नीलामी मार्च महीने की थी आज मई का महीना चल रहा है कुल मिला कर अजय कन्नौजिया के बारे में बताया जाता है कि जिस भी पंचायत में ये साहब रहते है वहां की पंचायत को घुन की तरह खोखला कर देते है जिसकी वजह से निलंबन तक झेल चुके है इसके बावजूद सुधरने का नाम नही ले रहे।
इस पूरे खेल में सरपंच कहाँ
सूत्र बताते है ये सारा खेल सरपंच हीरा सिंह के साथ मिल कर खेला गया चूंकि हीरा सिंह सरपंच संघ के अध्यक्ष है तो उन्हें लगता है कि वो कुछ भी कर सकते है सूत्रों का कहना तो यहां तक है कि सचिव अजय कन्नौजिया इतनी बड़ी राशि बिना सरपंच के अकेले नही डकार सकता दोनो ने मिल कर पूरे खेल को अंजाम दिया है, वहीं इसी पंचायत से जुड़ी एक और खबर है कि जो पंचायत की दुकाने है उनका भी पैसा कई लोगों से वसूल कर डकार लिया गया जबकि वो पंचायत का पैसा था पर कहते है न अंधेर नगरी चैपट राजा टके शेर भाजी टके शेर खाजा फिर भला आप उम्मीद भी क्या कर सकते है एक भ्रष्टाचारी जाता नही की जिसको बाड़ की रखवाली की जिम्मेदारी सौंपी जाती है वही खुद बाड़ को खाने में आमादा हो जाता है भला ऐसे में फसल बचने की उम्मीद अपने आप मे बेमानी हो जाती है।