*अनूपपुर :  अकुआ विद्यालय में लटका ताला,बैगा छात्रों का भविष्य अंधकारमय*

रिपोर्ट- अनीश तिगाला

*अनूपपुर* जिले के सकरा संकुल केंद्र अंतर्गत शासकीय प्राथमिक विद्यालय अकुआ शिक्षक विहीन हो चुका है,जिससे विद्यालय में अध्ययनरत छात्र छात्राओं का भविष्य अब अंधकारमय होने की कगार पर है।प्राप्त जानकारी के अनुसार एक शाला एक परिसर अंतर्गत संचालित प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय अकुआ में कुल 03 शिक्षक पदस्थ थे,जिनमें से दो शिक्षकों को विभाग द्वारा जनशिक्षक के रूप में  प्रतिनियुक्ति देकर स्थानांतरित कर दिया गया जबकि बाकी बचा एक सहायक शिक्षक वर्तमान में मेडिकल में चल रहा है।

*_संरक्षित बैगा समुदाय के छात्र हैं अध्ययनरत_*
वैसे अगर देखा जाए तो शिक्षा विभाग के नियमानुसार एक शाला एक परिसर अंतर्गत संचालित प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय में कम से कम 05 शिक्षकों की पदस्थापना की जानी चाहिए थी,किंतु सिर्फ 03 शिक्षकों वाले इस विद्यालय में जहां आज वर्तमान में भी बैगा जैसे संरक्षित समुदाय के लगभग 95% बच्चे अध्ययनरत है,के बावजूद भी संकुल प्राचार्य सकरा आर.पी.सोनी द्वारा लापरवाही बरतते हुए अकुआ विद्यालय में पदस्थ शिक्षक दुर्गा किरमें तथा ब्रजनंदन शुक्ला दोनों माध्यमिक शिक्षको को जनशिक्षक के रूप में प्रतिनियुक्ति मिलने के उपरांत नवीन शिक्षकों की पदस्थापना पूर्व ही दोनों को अकुआ विद्यालय से मुक्त कर दिया गया।जबकि पदस्थ सहायक शिक्षक लामू सिंह मरावी पहले से ही मेडिकल में गया हुआ था।जिसके बाद विद्यालय में ताला लगा हुआ है,तथा अध्ययनरत 48 छात्रों का भविष्य अंधकारमय होने की कगार पर है।

*_संकुल प्राचार्य की लापरवाही का है परिणाम_*
वर्तमान में विद्यालय शिक्षक विहीन होने से मुख्य द्वारा पर ताला लटकने के कारण बच्चे भी शिक्षा विहीन हो चुके है।प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्यालय के शिक्षकों की कमी के बावजूद संकुल प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सकरा आर. पी.सोनी द्वारा दोनों शिक्षकों को मुक्त किए जाने संबंधी प्रस्ताव बनाकर बीआरसी को दे दिया गया जिस पर बीआरसीसी द्वारा अनुमोदन जिला पंचायत सीईओ को सौंप दिया गया।इस प्रकार विभाग तथा संकुल प्राचार्य द्वारा अकुआ प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापना संबंधी जानकारी एकत्र किए बिना ही लापरवाही पूर्वक दोनों शिक्षकों को विद्यालय से मुक्त कर दिया गया।बैगा जाति के बच्चों के शिक्षा के साथ जो खिलवाड़ किया जा रहा है उससे स्पष्ट होता है कि जिला प्रशासन और सर्व शिक्षा अभियान तथा सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग बैगा जाति के बच्चों के शिक्षा को लेकर कितना संजीदा है