औढेरा में बगैर किसी अनुमति के खेत से काटे गए प्राकृतिक रूप से लगे सरई के वृक्ष- रिपोर्ट @ शशिधर अग्रवाल अनूपपुर
औढेरा में बगैर किसी अनुमति के खेत से काटे गए प्राकृतिक रूप से लगे सरई के वृक्ष- रिपोर्ट @ शशिधर अग्रवाल अनूपपुर
अनूपपुर / अनूपपुर तहसील एवं जिला मुख्यालय अंतर्गत ग्राम पंचायत औढेरा के औढेरा गांव में एक बैगा जनजाति समाज के ग्रामीण के खेतों में लगे तीन सरई के प्राकृतिक वृक्षों की कटाई बगैर किसी अनुमति के एक ठेकेदार द्वारा दिनदहाड़े मशीनों से व्यवसाय हेतु काट दिए जाने पर ग्रामीण एवं ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा अनूपपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर कार्यवाही किये जाने की मांग की है। इस संबंध में ग्राम पंचायत औढेरा के सरपंच श्रीमती श्यामबाई पति जयपाल सिंह ने बताया कि औढेरा गांव के वार्ड नंबर 1 कठेवाटोला निवासी तेरसू बैगा पिता घसिया बैगा के राजस्व भूमि के खेत में प्राकृतिक तौर पर सरई के वृक्ष लगे हुए हैं जिन्हें जमुडी के लकड़ी व्यवसायी द्वारा बगैर किसी विभाग की अनुमति के बैगा जनजाति समाज के ग्रामीणों को पैसों का लालच देकर मनमाने तौर पर हरे वृक्षों की कटाई की जा रही है,विगत 12 दिसंबर को जमुडी के एक लकड़ी व्यवसायी द्वारा बगैर किसी विभाग की अनुमति के चालीस फिट उंचाई एवं दो घन मीटर मोटाई के तीन सरई के वृक्षों की दिनदहाड़े अवैधानिक रूप से कटाई कर दी इसके पूर्व भी ग्राम पंचायत के कुछ बैगा जनजातीय समाज के ग्रामीण के खेतों में लगी विभिन्न प्रजाति के हरे वृक्षों की कटाई एवं परिवहन किया जा चुका है उन्होंने अनूपपुर कलेक्टर को पत्र लिखते हुए राजस्व निरीक्षक स्तर के अधिकारियों एवं वन विभाग की टीम के साथ संयुक्त रूप से सर्वेक्षण कराकर प्रभावी कार्यवाही शीघ्र किए जाने की मांग की है। ज्ञातब्य है कि किरर,औढेरा,अंकुश,बड़हर,छीरापटपर,डिडवापानी जैसे अनेकों गांव घने वन क्षेत्र से घिरे हुए हैं जहां सैकड़ो वर्ष पुराने प्राकृतिक तौर पर इमारती एवं अन्य तरह के वृक्ष बहुतायत मात्रा में है जिनके मध्य राजस्व भूमि एवं वनाधिकार प्राप्त भूमि ग्रामीणो की है ग्रामीणों के खेत एवं बाड़ी में लगे इमारती एवं सामान्य प्रजाति के हरे वृक्षों को लकड़ी व्यवसायी व्यवसाय के लालच में ग्रामीणों को पैसों का लालच देकर निरंतर अवैधानिक रूप से हरे वृक्षों की कटाई कर रहे हैं अवैधानिक रूप से लकड़ी का व्यवसाय अनूपपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रो में राजस्व,वन विभाग के स्थानीय कर्मचारियो के माध्यम से गलत प्रतिवेदन बनवाकर स्वीकृत प्राप्त कर किए जाने की जानकारी विगत कई वर्षों से मिल रही है जिस पर समय-समय पर जागरूक ग्रामीणो,जनपतिनिधियो ने प्रशासन की कार्यवाही की मांग पूर्व से की जा रही है