अनूपपुर : नो एंट्री मामले में कलेक्टर का आदेश नहीं बल्कि यातायात प्रभारी अपना चला रही है कानून 

@रिपोर्ट - अनीश तिगाला 

इन्ट्रो-अभी दो दिन भी नहीं हुए अनूपपुर जिले की यातायात व्यवस्था को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए कलेक्टर अनूपपुर ने नो एंट्री का नया आदेश जारी किया जो यातायात पुलिस की लापरवाही या कहा जाए भ्रष्टाचार बना शिष्टाचार के कारण झुनझुना बन गया है। कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के नो इंट्री आदेश को दरकिनार कर पी एच क्यू भोपाल से डायरेक्ट पोस्टिंग करा कर  आई जिला यातायात प्रभारी अपना क़ानून चला रही है | 


अनूपपुर। गुरुवार को सुबह से लेकर शाम 5ः00 तक अंडर ब्रिज जिला सत्र न्यायालय के सामने से  एक बार दो बार नहीं कम से कम दस चककर लगाते हुए डग्गी वाहनों को देखा गया यही नहीं शाम को 5ः00 एक डग्गी वाहन शंकर मंदिर चैराहे से बस्ती की ओर जाते समय इस तरह से सड़क पर आर तिरछा खड़ा दिखाकर पूरी ट्रैफिक व्यवस्था ही जाम हो गई। यहां पर यह विशेष उल्लेखनीय है कि जिला कलेक्टर ने जो नो एंट्री का नया आदेश जारी किया है उसमें साफ-साफ लिखा है कि कोई भी 6 चक्का वाहन भी इस नो एंट्री में प्रवेश नहीं करेगा अब ऐसे में सवाल तो खड़ा ही होता है कि कलेक्टर के साथ दिशा निर्देश के बावजूद रेत से भारी वाहन नगर की सीमा क्षेत्र में कैसे दौड़ रहे हैं लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि यातायात पुलिस रेत परिवहन करने वाले वाहनों से ऐसी कौन सी यारी है जिसके कारण जगह जगह बैठी यातायात पुलिस अपनी जिम्मेदारी को भूल बैठी है। वैसे जिले के जिम्मेदार अधिकारी वह चाहे पुलिस विभाग के हो या कलेक्ट के 13 जून को सुबह से लेकर 5ः00 तक नगर क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे को देख सकते हैं इन कैमरों से अपने आप इस बात का प्रमाण मिल जाएगा की रेत से भारी वाहन नगर की सीमा में किस तरह से बेखौफ होकर दौड़ रहे हैं।
दो लाख का नजराना से सब जायज
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की रेत ठेका लेने वाली कंपनी की तरफ से यातायात थाना अनूपपुर को हर महीने 2 लाख रुपए का नजराना दिया जाता है और इस नजराने के बदले जिले का यातायात विभाग और इसके अधिकारी जिले भर में कई तरह के नियम कानून को तोड़ कर चल रहे रेत से भरे वाहनों को हर उसे ढंग की छूट प्रदान कर देते हैं जो रेत ठेका कंपनी चाहती है और ऐसी ही छूट में नो एंट्री के समय उनके वाहनों को प्रवेश देना भी माना जा रहा है फिलहाल जिले भर में रेत परिवहन कर रहे डंपर तो ओवरलोड चल ही रहे हैं लेकिन यही डम्फर शहर की सीमा में भी प्रवेश करते हैं लाइन में लगे खड़े वाहन को दरकिनार रेत से भारी वाहन नो एंट्री की परवाह किए बिना जिस तरह से दौड़ रहे हैं उसे सवाल तो खड़ा ही होता है और जवाब में वही 2 लाख का नजराना समझ में आ रहा है फिलहाल यातायात विभाग की जिम्मेदार अधिकारी जो अपने ऑफिस में बैठकर जिले की सड़कों के सीसीटीवी फुटेज देखा करती है क्या उनको यह रेत से भारी वाहन नजर नहीं आ रहे हैं क्यों।