जर्जर भवन बना तालाब, अस्पताल खुद हुआ बीमार पशुओं का कैसे होगा इलाज

जर्जर भवन बना तालाब, अस्पताल खुद हुआ बीमार पशुओं का कैसे होगा इलाज
अनूपपुर। जिले के ग्राम पंचायत बेलिया बड़ी में पशु अस्पताल खुद बीमार है उसके साथ साथ भवन भी जर्जर हो चुका है और पशु सहायकों के भरोसे पशु अस्पताल चल रहा है। बिना कोई इंतजाम के यह अस्पताल राम भरोसे चल रहा है। पशुपालकों को भी अस्पताल में काफी परेशानियां होती हैं, खास कर बरसात का समय जो कि भवन मैं पूरी तरह पानी भर जाता है और अस्पताल तालाब जैसा दिखाई देने लगता है, उसी जर्जर पशु अस्पताल में पशु पालक अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं कभी भी कोई घटना घट सकती है। ग्रामीणों द्वारा कई बार खबर प्रकाशन के माध्यम से पंचायत को भी एवं विभाग को भी अवगत कराया गया, लेकिन कई साल बीत चुके अभी तक न तो विभाग ध्यान दे रही है ना पंचायत अगर देखा जाए तो ग्रामीणों को पशु चिकित्सालय की सुविधा नाम मात्र का है। काफी समय के बाद किसी तरह एक डॉक्टर की उपलब्धि प्राप्त हुई लेकिन अब वह सुविधा भी खत्म हो रही है सिर्फ एक सहायक कर्मचारी के दम पर ही पशु चिकित्सालय चल रहा है जर्जर भवन की स्थिति देखकर पशु पालक भी अपना जानवर अस्पताल नहीं लाते और वह अस्पताल आने में कतराते हैं। खानापूर्ति के नाम पर ही पशु चिकित्सालय चल रहा है अगर प्रशासन समय रहते इस मामले को संज्ञान लेकर भवन की मरम्मत नहीं करती तो कभी भी यह भवन गिर सकता है, और बड़े हादसा को अंजाम दे सकता है।
इनका कहना है
प्रभारी डॉक्टर को भेज कर भवन की स्थित दिखावा लेते हैं
उप संचालक डॉ. ए पी पटेल
पशुपालन एवं डेयरी विभाग
जब हमने ग्राम पंचायत के सरपंच बब्बू कोल बेलिया बड़ी से जर्जर पशु अस्पताल के संबंध में फोन से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किए।