अभी तो ज्योति जली है उसे मिसाइल बनाना बाकी है - मुनि श्री सौम्य सागर जी महाराज 
मुंगावली। अभी तो केवल ज्योति जली है उसे मिसाइल बनाना अभी बाकी है कुछ लोग सोच रहे थे की बस कलश स्थापना तक की बात है अभी तो यह शुरुआत है आगे और अभी काम है जिन्हे पूरा करने है कल कमेटी वाले नही आए थे आज कुछ लोग आए कमेटी के कह रहे थे की महराज कल हम यदि आ जाते तो इन सब लोगो का सम्मान कौन करता हम है सभी आगे देख लेंगे कलश तो प्रत्येक घर में जाना है जो आ गए है और नही आए है वह देख रहे और हम भी उन्हें रह रहकर देख रहे है मंदिर तो बनेगा ही कुछ लोग सोच रहे है सहस्त्र कूट बनेगा की नही गुरुदेव ने जो नीव रखी है और जो संस्कार हमे देकर गए है तो सहत्रकुट भी बनेगा चाहे मंदिर निर्माण कमेटी हो चाहे पंचायत कमेटी सभी आगे आए है और लोगो में एक आश जग गई है और लोगो को विश्वास होने लगा है की मंदिर तो अब बनेगा ही संकेतो के माध्यम से जो समझने लग जाते है उनके लिए शब्दो में व्यक्त नही करना पड़ता है की यदि समझ गए हो तो मुस्कुराना भी सीख जाओ जिस तरह हम रोज बोलना और याद करना यह मानव के दिन चर्या में है लेकिन कुछ चीजे ऐसी जोड़ लो जो दिन निकलने के बाद भी हम भूल न पाए जैसे हम सांस लेना, और भूख लगने पर खाना, खाना नही भूलते वैसे ही देव शास्त्र गुरु के समझ विराजमान हो तो हमे मुस्कुरना भी नही भूलना चाहिए क्योंकि यह चीज अपने जीवन में महत्त्वपूर्ण है।