अमरकंटक में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया होली का त्यौहार, मां का हुआ विशेष श्रृंगार , आरती बाद लगा भांग का भोग , फाग में झूमे लोग,,संवाददाता @ श्रवण उपाध्याय अमरकंटक

अमरकंटक में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया होली का त्यौहार,
मां का हुआ विशेष श्रृंगार , आरती बाद लगा भांग का भोग , फाग में झूमे लोग
अमरकंटक / मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में भी होलिका दहन के दूसरे दिवस प्रातः से ही होली के रंग में लोग रंगने लग गए थे ।
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होली उत्सव पर्व नर्मदा मंदिर उद्गम स्थल तथा संतो के आश्रमों में , अमरकंटक नगर में तथा बाहर से आए तीर्थयात्रीयों , पर्यटक भी रंगों की होली का भरपूर आनंद ले रहे थे । देशभर में होली का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया । इस पूरे पर्व के दौरान प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट रही ।
होली का पर्व भाई चारा बढ़ाने का त्यौहार है । गिले शिकवे मिटा कर गले मिलने का पर्व है । होली रंग खेलने का त्यौहार नहीं बल्कि आपस में मिलना जुलना , भाईचारा बनाये रखने , गिले शिकवे भूलाने , मिल जुल कर खुशियां बांटने का त्यौहार है ।
उद्गम स्थल नर्मदा मंदिर परिसर में आज उत्सव जैसा माहौल था । मंदिर परिसर में पुजारी परिवार के अलावा संतगण , नगर के गणमान्यजन , तीर्थयात्री , पर्यटक , बच्चे ,बूढ़े सभी मिल जुलकर एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर बड़े उत्साहित होकर एक दूसरे से मिल रहे थे ।
संतो ने भी गुलाल लगाकर मिठाईयां बांटी । कई आश्रमों में भंडारे का भी आयोजन रहा ।
नर्मदा मंदिर के पुजारी पंडित रूपेश द्विवेदी ने बताया कि होली पर्व पर सुबह मां नर्मदा जी को पंचामृत से स्नान कराया जाता है उसके बाद रंग गुलाल से स्नान फिर विधिवत श्रृंगार किया जाता है । श्रृंगार बाद आरती उसके बाद भोग लगाया जाता है । आज का खास भोग भांग से बनी भजिया , हलुआ और ठंडई होता है । मां का भोग लगाने के बाद भक्तों में प्रसाद बांटा जाता है । जिसको श्रद्धालु , पर्यटक , संत , भक्त , नगर के लोग प्रसाद पाते है । नर्मदा मंदिर पुजारियों के आह्वान पर नगर के फाग प्रेमीजन सुबह नौ बजे से एक बजे तक नर्मदा मंदिर प्रांगण में फाग गीत की बहार रहती है तथा सभी एक दूसरे को गुलाल लगाकर गले मिलते है ।
इस होली के पावन अवसर पर संतजन अपने आश्रमों में रहकर होली का त्यौहार मनाते है । दो दिवसीय प्रवास पर अमरकंटक पहुंचे चित्रकूट कामदगिरि पीठम सेवा न्यास के अध्यक्ष तथा कामद कल्प तरु वन आश्रम अमरकंटक के श्रीमहंत जगतगुरू रामानंदाचार्य स्वामी श्री राम स्वरूपाचार्य जी महाराज , कल्याण सेवा आश्रम के परम तपस्वी बाबा कल्याण दास जी महाराज , शांति कुटी आश्रम के श्रीमहंत स्वामी रामभूषण दास जी महाराज , परमहंस धारकुंडी आश्रम के स्वामी लवलीन महाराज जी , गणेश धुना के संत भगवान दास जी महाराज , तुरी आश्रम के संत स्वामी महेश चैतन्य जी महाराज , मार्कण्डेय आश्रम के श्रीमहंत अग्निपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि श्रीमद् राम कृष्णानंद जी महाराज , गीता स्वाध्याय मंदिर के श्रीमहंत स्वामी नर्मदानंद गिरी जी महाराज, मृत्युंजय आश्रम अमरकंटक आदि आश्रमों में संतो ने अपने इष्ट देवताओं के चरणों में रंग गुलाल अर्पित करने के बाद गुलाल लगाकर , मिठाईयां बांटकर होली का उत्सव जोरदार मनाया गया ।
कई आश्रमों में होलिका दहन किया गया तथा धुरेड़ी पर भंडारे का आयोजन भी हुआ ।