कैसे होगी नगर पालिका अनूपपुर के अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही डेढ़ साल में नहीं हो पाया सीमांकन
सीएमओ ज्योति सिंह के स्थानांतरण के बाद भूल गए कार्यवाही

इन्ट्रो-नगर पालिका अनूपपुर में कई ऐसी जगह है जहां पर अवैध अतिक्रमणकारियों का कब्जा है और यह कब्जा साल 2 साल नहीं कई दशकों से चला रहा है इस कब्जे की चर्चा तो कई बार होती रही लेकिन इस पर कारवाई कब होगी यह सबसे बड़ा सवाल है फिलहाल इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।
(क्राइम रिपोर्टर)
अनूपपुर। अनूपपुर नगर पालिका क्षेत्र में आम जनता के बीच में यह सवाल बार-बार उठता रहा है कि नगर पालिका क्षेत्र की सरकारी जमीनों पर जो अवैध कब्जा है क्या कभी इस कब्जे से मुक्ति मिल पाएगी। फिलहाल यह सवाल जनता के बीच भले ही चर्चा का विषय बना है लेकिन इस सवाल को लेकर अनूपपुर नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों से लेकर भाजपा कांग्रेस के नेता या कहां जाए तो यहां के विधायक और सांसदों के साथ-साथ यहां के अधिकारी भी कभी भी गंभीरता से यहां के अवैध अतिक्रमण के बारे में विचार नहीं किया यही नहीं कभी भी यहां के अवैध अतिक्रमण पर कोई विशेष कार्यवाही करने की पहल नहीं की। वही अनूपपुर के इतिहास के पन्नों को नजर दौड़ाई जाए तो यह भी कहा जा सकता है कि जब कभी कोई ईमानदार नगर पालिका अधिकारी ने अवैध अतिक्रमण को लेकर जब जब कोई सकारात्मक पहल की तो राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव के कारण उसे यहां से जाना पड़ा और फिर उसके बाद उसके द्वारा की गई सकारात्मक पहल मात्र फाइलों में कैद होकर रह जाती है।
धूल फांक रही सीएमओ के 24 मई 2022 का आदेश
यहां पर विशेष उल्लेखनीय तथ्य है कि 24 मई 2022 को तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनूपपुर ज्योति सिंह ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनूपपुर को पत्र क्रमांक संख्या 1194/राजस्व/न0पा0/2022 के द्वारा नगर पालिका के शासकीय भूमि का सीमांकन करने बाबत एक पत्र लिखा था। इस पत्र में तत्कालीन नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह ने इस बात का उल्लेख किया था कि नगर पालिका की आवंटित भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर लिया गया है नगर पालिका में भूमि के समस्त दस्तावेज के साथ-साथ नजरी नक्शा ना होने के कारण कई जगहों पर सीमा विवाद की स्थिति भी बनी रहती है। यही नहीं तत्कालीन सीएमओ ज्योति सिंह ने नगर पालिका क्षेत्र की सुंदरता एवं यातायात सुगमता के लिए अवैध अतिक्रमण हटाने की जरूरत भी बताई गई थी। लेकिन यह नगर पालिका क्षेत्र की जनता का दुर्भाग्य है कि लगभग 19 महीने बीत जाने के बाद भी तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह का यह पत्र आज भी विभाग के अधिकारियों की फाइलों में धूल फांक रहा है। जबकि तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह ने इस पत्र को कलेक्टर अनूपपुर और परियोजना अधिकारी जिला विकास शहरी अभिकरण अनूपपुर को भी सूचनार्थ भेजी थी।
बस स्टैंड और हांकर जोन  है सबसे बड़ी समस्या


वैसे तो तत्कालीन नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह ने अतिक्रमण वाले स्थानों को चिन्हित करते हुए पुराना बस स्टैंड नया बस स्टैंड वार्ड नंबर 2 सिंकू कबड्डी के सामने रेलवे स्टेशन हाकर जोन और पुराने रेस्ट हाउस के आसपास सामने चेतना नगर मार्ग बस्ती रोड आंगनबाड़ी के पास जैसे पांच स्थान चिन्हित कर सीमांकन किए जाने की मांग की थी। फिलहाल यहां पर यह बता दिया जाए की वर्तमान में अनूपपुर नगर पालिका क्षेत्र में बस स्टैंड से लेकर हाकर जोन न होते हुए रेलवे स्टेशन तक और यही नहीं वार्ड नंबर 7 और वार्ड नंबर आठ के बाजार क्षेत्र में मुख्य सड़कों के दोनों तरफ अवैध अतिक्रमण कार्यों का कब्जा बना चल रहा है। आम जनता की माने तो बस स्टैंड की जितनी जमीन नगर पालिका को आवंटित की गई थी उससे कम जमीन पर बस स्टैंड बना हुआ है। बस स्टैंड के जमीन के सीमांकन की मांग कई बार हो चुकी है लेकिन इसका सीमांकन नहीं हो पता यही हाल  हाकर जोंन का है। यहां पर कब्जा हटाने की कई बार कोशिश की गई लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण हाकर जोन को अवैध अतिक्रमणकारियों से मुक्ति नहीं दिलाई जा सकी।