छत्तीसगढ़ की लाल कार बनी चलती फिरती अवैध शराब की दुकान,शराब दुकान में रात निर्धारित समय के बाद आपातकालीन खिड़की से होती है शराब की बिक्री

उमरिया जिले के पाली नगर जो की धार्मिक नगरी के नाम से विख्यात है लेकिन नगर को धार्मिक नगरी से अवैध शराब की नगरी के नाम से इन दिनों पहचाना जा रहा है हम आपको बता दे की मार्च माह से नए शराब दुकान का संचालन होते ही शराब ठेकेदार के गुर्गों के द्वारा शाशन द्वारा निहित शराब दुकान के अतिरिक्त नगर के कोने कोने में अवैध शराब की पैकारी कराई जा रही है जिससे नगर की धार्मिक नगरी की छवि अवैध शराब की नगरी के रूप में पहचान बनाती जा रही है सुबह होते ही शराब ठेकेदार के गुर्गे लाल रंग की काली फ़िल्म लगी छत्तीसगढ़ पासिंग कार से दिन भर नगर शहित आसपास के गांवों में अवैध शराब की पैकारी की जा रही है साथ ही मोटरसाइकिल के माध्यम से भी अवैध शराब की पैकारी जोरो से की जा रही है ये बात और है की पुलिस आबाकरी के अतिरिक्त अन्य सभी की नज़र इस अवैध कारोबार पर है इससे यह कहना गलत नही होगा की इन अवैध कारोबार में पुलिस एवम आबाकरी की मूक सहमति बनी प्रदर्शित होती दिख रही है।

*आबाकरी की मुख्य भूमिका*

शराब के अवैध कारोबार को रोकने विशेष रूप से आबाकरी विभाग की भूमिका अहम होती है लेकिन पाली नगर में तो इस अवैध कारोबार को फलने फुलाने में अहम भूमिका प्रतीत होती दिख रही है क्योकी आबाकरी विभाग की ऑफीस शराब दुकान से महज चंद गदमो पर ही सनकहलित है और इसी ऑफिस के सामने से ही दिन भर अवैध शराब की पैकारी हेतु उक्त गाड़ी निकलती है और आबाकरी विभाग को भनक तक न लग पाना उनकी कार्यशैली पर सवालिया निशान उठाती है और विभाग की शहभागीता अवैध कार्य मे सहमति होना प्रदर्शित करती है।

*आपतकालीन खिड़की से रात भर होती है शराब की बिक्री।*
यू तो शराब की बिक्री शाशन द्वारा निर्धारित समय सुबह 8:30 से रात्रि 11:30 तक की जाना सुनिश्चित किया गया है लेकिन शराब ठेकेदार द्वारा रात्रि में दुकान बंद हो जाने के बाद एक छोटी सी आपतकालीन खिड़की के माध्यम से अवैध शराब की बिक्री रात भर की जाती है जिससे शहर में कई अपराध की स्थित भी निर्मित हो रही है।अब देखना होगा की आबाकरी और पुलिस शराब ठेकेदारों के अवैध कार्य पर रोक लगाती है य फिर शराब ठेकेदारों से हुई मित्रता की वजह से अपने फर्ज को दरकिनार करते हुए अपनी मूक सहमति को आगे भी निरंतर जारी रखती है।