अमरकंटक दक्षिण तट पर बना परिक्रमावासीयों का धर्मशाला हो रहा अव्यवस्था का शिकार ,,संवाददाता / श्रवण उपाध्याय

अमरकंटक दक्षिण तट पर बना परिक्रमावासीयों का धर्मशाला हो रहा अव्यवस्था का शिकार ,,संवाददाता / श्रवण उपाध्याय
अमरकंटक / मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक के दक्षिण तट में बने परिक्रमा वासियों के ठहरने का एकमात्र आश्रय हेतु बना धर्मशाला इस समय अव्यवस्था का शिकार हो रहा है । परिक्रमा वासियों का यह एकमात्र धर्मशाला दुर्दशा का पर्याय बन चुका है । इस धर्मशाला की लंबे समय से मरम्मत और सुधार तथा उसकी साफ सफाई , रंग रोगन आदि न किए जाने से उक्त धर्मशाला की अपनी दुर्दशा पर स्वयं आंसू बहा रहा है ।
उल्लेखनीय है कि पवित्र नगरी अमरकंटक में पतित पावनी पुण्य सलिला मां नर्मदा नदी के दक्षिणी तट में नर्मदा परिक्रमा वासियों के माई की बगिया से प्रस्थान के बाद एकमात्र आश्रय हेतु धर्मशाला है । उक्त भवन का निर्माण विंध्य विकास प्राधिकरण रीवा से प्राप्त राशि से लगभग 12 वर्ष पूर्व कराया गया था । उक्त भवन में लगभग 20 लाख रुपए की लागत ब्यय कर निर्मित किया गया । तब से लेकर आज दिनांक तक उक्त भवन में आवश्यक सुधार , मरम्मत तथा साफ सफाई , रंग रोगन आदि नहीं कराया जा सका है । इस कारण उक्त भवन में कोई भी यात्री , श्रद्धालु , दर्शनार्थी , परिक्रमावासी यहां रुकने से डरते हैं कारण की यहां रुकने से भय लगता है । इस जगह की देखरेख का कार्य स्थानीय अमरकंटक विकास प्राधिकरण (विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण) साडा अमरकंटक के द्वारा किया जाता है ।
रायसेन जिला से दस बारह की जत्था में आये परिक्रमा वासी और रीवा शहर से आए पटेल दंपति एवं रायपुर से आए देवांगन परिवार ने कहा कि उक्त भवन की साफ सफाई , देख-रेख ना होने के कारण रुकने से डर लगता है । इसके आसपास जंगली जीव जंतुओं का डर बना रहता है । परिक्रमा वासियों के नाम पर बनाया गया लेकिन देखरेख ठीक न होने की वजह से अव्यवस्था फैली है ।
नगर परिषद अमरकंटक के पूर्व अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रज्जू सिंह नेताम ने कहा कि अमरकंटक विंध्य विकास प्राधिकरण प्रशासन जिला प्रशासन लोकप्रिय कलेक्टर हर्षल पंचोली तथा अनु विभागीय अधिकारी राजस्व तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्राधिकरण सुधाकर सिंह बघेल से तत्संबंध में भवन का निरीक्षण करा कर परिक्रमावासी भवन का तत्काल ही सुधार , मरम्मत करवा कर साफ सफाई एवं रंग रोगन करने की मांग की जावेगी , ताकि परिक्रमा वासी एवं पर्यटक , श्रद्धालुगण उसमें आश्रय पा सके । आने वाले परिक्रमा वासियों को यहां वहां भटकना न पड़े। उक्त धर्मशाला में स्थाई कर्मचारी नियुक्त करें ताकि किसी भी समय यात्री आकर रूक सके ।