आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं आषा कार्यकर्ताओं ने शुरू की अनिष्चित कालीन हडताल
सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप
अनुपपुर। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सरकार को अपनी विभिन्न मांगे पूरी कराने के लिए विभिन्न संगठनो के द्वारा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन और धरने किए जा रहे है। 15 मार्च से महिला बाल विकास विभाग की आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका और पर्यवेक्षक के साथ परियोजना अधिकारी सामूहिक अवकाष लेकर लगातार हडताल पर है। हडताल में बैठी कार्यकर्ताओ ने कहा कि मांगों को लेकर कई बार संगठन के बैनर तले हम सभी ने लिखित ज्ञापन भी दिए गए तथा कई बार धरना प्रदर्शन भी किया गया, लेकिन शासन द्वारा लगातार उपेक्षा कि गई और मांगों का समाधान नही किया गया। जिलाध्यक्ष अफसाना बेगम ने कहा कि बीते 9 दिनों से प्रदेश भर के महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक अधिकारी अनिश्चितकालीन अवकाश में अपनी विभिन्न मांगो को लेकर है जिसमे परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षक के ग्रेड पे पूरे देश में सबसे कम, प्रदेश के समकक्ष अधिकारियों में भी सबसे कम, संविदा पर्यवेक्षक का नियमतिकरण प्रमुख मुद्दा है। इसके अतिरिक्त कई मांगे है। विगत कई वर्ष से निरंतर ज्ञापन एवं निवेदन मुख्यमंत्री से किया जा रहा है लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नही निकला है।
इंदिरा तिराहे पर बैठी आषा कार्यकर्ताएं 
जिले की आशा कार्यकर्ताओं व पर्यवेक्षकों द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हडताल की जा रही है। हड़ताल पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार उनसे स्वास्थ्य विभाग के अलावा विभिन्न योजनाओं को गांव-गांव पहुंचाने का कार्य लेती है लेकिन कोई मानदेय निश्चित नही किया गया है। बढ़ी हुई महंगाई में घर चलाना मुश्किल हो गया है, सुबह से शाम तक सरकार के द्वारा दिये गये कार्य मे समय निकल जाता है, जिसकी वजह से अन्य आमदनी का वह कोई कार्य नही कर पाती हैं। 15 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल में चल रही आशा कार्यकर्ताओं की मध्यप्रदेश सरकार से मांग है कि उन्हें प्रत्येक माह 10 हजार रुपये व आशा पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाए एवं आशा बहनों के भी वेतन का निर्धारण किया जाये साथ अस्पताल में डिलेवरी केश लेकर जाने पर उनके बैठने का स्थान नियत किया जाये।