‘‘आजादी के अमृत महोत्सव पर एमसीयू के रीवा परिसर में  मल्टी मीडिया चित्र प्रदर्शनी का आयोजन‘‘

‘‘संगोष्ठी और फोटोग्राफी कार्यशाला का आयोजन‘‘

 

पत्र सूचना कार्यालय ;पीआईबी भोपाल और केंद्रीय संचार ब्यूरो ;सीबीसी मध्य प्रदेश के द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय व दैनिक भास्कर समूह के सहयोग से विश्वविद्यालय के रीवा परिसर में आजादी का अमृत महोत्सव  विषय पर आज मल्टि मीडिया प्रदर्शनी  और फोटो  पत्रकारों तथा विद्यार्थियों के लिए फोटोग्राफी उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया  ।

इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा मल्टी मीडिया प्रदर्शनी के का शुभारंभ किया। इस मल्टी मीडिया प्रदर्शनी माध्यम से आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्य न्यौछावर कर देने वाले वीर सपूतों के बलिदान की गाथा को प्रदर्शित किया गया। इसके साथ ही इस अवसर पर मध्य प्रदेश के वीर सेनानियों  की कहानियां भी प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को बताई गई । 

इसके बाद  एमसीयू के रीवा परिसर में  स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता के योगदान विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन तथा दादा पंडित माखनलाल चतुर्वेदी एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इसके पश्चात छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई । 

अतिथियों के स्वागत के पश्चात केंद्रीय संचार ब्यूरो एवं पीआईबी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के अपर महानिदेशक श्री प्रशांत पाठराबे द्वारा कार्यक्रम का विषय परिचय प्रस्तुत किया। श्री पठराबे ने कहा कि भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में देशभर के विविध हिस्सों से भाग लेने वाले सेनानियों के त्याग और बलिदान के बारे में आमजन को बताना और जागरूक करना इस प्रदर्शनी तथा संगोष्ठी का प्रमुख उद्देश्य है। उनके पश्चात जयपुर से इस कार्यक्रम में आई सीनियर विजुअल स्टोरी ट्रेलर तबीना अंजुम ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर इस प्रकार की कार्यशाला और संगोष्ठी बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि पुराने समय के दृश्यों को देखकर या उनके फोटोग्राफ आदि के जरिए आजादी के आंदोलन की कहानी को आम जन तक पहुंचाने का यह कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण है।

इसके बाद रीवा से पूर्व विधायक और मध्यप्रदेश शासन में मंत्री रह चुके श्री पुष्पराज सिंह ने कहा कि भारत के स्वाधीनता आंदोलन में पत्रकारिता की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कालाखाकर के महाराजा द्वारा प्रकाशित समाचार पत्र और उनकी प्रेस के इतिहास को बताते हुए कहा कि स्वाधीनता आंदोलन की खबरों को प्रकाशित करने के लिए उनकी प्रेस एक तहखाने में रखी थी ताकि अंग्रेज उसे ना देख सकें। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति के दौर में आज क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाले पत्र-पत्रिकाओं के विस्तार की नई संभावनाएं मौजूद हुई है इससे क्षेत्रीय भाषाओं को भी विस्तार मिलेगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि बतौर उपस्थित  ए पी एस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार आचार्य ने कहा कि हम सभी के लिए इतिहास बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जो हमारे हमारे देश के स्वाधीनता आंदोलन के नायक के बारे में मल्टीमीडिया और प्रदर्शनों के जरिए जागरूक करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रयास है। प्रोफेसर आचार्य ने कहा कि हर राष्ट्र का इतिहास होता है और हर नागरिक को अपने राष्ट्र का इतिहास जानना चाहिए।अवश्य उन्होंने कहा कि जितना हम भारत को जानेंगे उतना ही हम अपनी  संस्कृति की श्रेष्ठता  को भी जान सकेंगे । उन्होंने कहा कि किसी  राष्ट्र को समझने के लिए 1000 वर्ष का इतिहास जानना आवश्यक है और यदि हम किसी संस्कृति को जानना चाहते हैं तो उसके लिए हमें हजारों वर्ष का इतिहास जानना। होगा ।  प्रोफेसर आचार्य ने  हमारे अतीत से वर्तमान को जोड़ने में वर्तमान मीडिया की भूमिका को बहुत महत्वबहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि  आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी इतिहास  से जोड़ना चाहिए।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल  के कुलपति प्रोफेसर के जी सुरेश  ने दैनिक भास्कर समूह और प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो तथा सीबीसी भोपाल का इस आयोजन संयुक्त आयोजन के लिए आभार करते हुए कहा कि यह आयोजन हमारे फोटो पत्रकारों तथा विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम और पत्रकारिता जैसे विषयों पर मल्टीमीडिया चित्र प्रदर्शनी का प्रमुख उद्देश्य जन जागरूकता है । उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र के स्वाधीनता आंदोलन में भाग लेने वाले अपने क्षेत्र के जननायकों से स्थानीय लोगों का परिचय बहुत ही आवश्यक है।

प्रोफेसर सुरेश जी ने कहा कि देश के अलग-अलग भागों में अनेक नायकों  ने स्वाधीनता आंदोलन से जुड़कर अपने क्षेत्र में  संचालन किया। कुलपति प्रोफेसर सुरेश जी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने समाचार पत्रों का  प्रकाशन और संपादन कर जनसाधारण को स्वाधीनता आंदोलन से जोड़ा। उन्होंने कहा कि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी जी ने भी अपनी पत्रकारिता और लेखन के जरिए लोगों को स्वाधीनता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता को हमारी मानसिकता में परिवर्तन लाने का प्रयास करना चाहिए और समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए पत्रकारिता की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो सकती है। इसके पश्चात आमंत्रित अतिथियों को पीआईबी, सीबीसी भोपाल  तथा विश्वविद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का आभार विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर अविनाश  वाजपेई ने किया। सत्र का संचालन सीबीसी भोपाल  के  क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी अजय उपाध्याय जी ने किया।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में  फोटो पत्रकारों और विद्यार्थियों के लिए एक उन्मुखीकरण  कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला का आरंभ युवा कलाकार श्री अंकित मिश्रा और उनके समूह द्वारा एक संगीत मय प्रस्तुति से किया गया। इसके पश्चात केंद्रीय संचार ब्यूरो, पीआईबी के अपर महानिदेशक श्री प्रशांत पठराबे ने फोटोग्राफी और फोटो पत्रकारिता के बारे में अपने विचार रखते हुए कहा कि एक फोटो हजार शब्दों की कहानी कहने की क्षमता रखता है इसलिए फोटोग्राफी एक बहुत ही महत्वपूर्ण विधा है।

इसके पश्चात दैनिक भास्कर समूह के जबलपुर संपादक श्री मनीष गुप्ताट ने फोटोग्राफी और फोटो पत्रकारिता पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि एक फोटो पत्रकार किसी फोटो के जरिए खबर को कहने की कला जानता है। उन्होंेने कहा कि प्रिंट मीडिया में फोटो का बहुत  महत्वपूर्ण स्थान है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री मध्यप्रदेश शासन श्री पुष्पराज सिंह ने विशेष तौर पर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि फोटोग्राफर के भीतर बहुत धैर्य होना आवश्यक है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों के प्रश्नों का भी उत्तर दिया।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति प्रोफ़ेसर जी सुरेश जी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि फोटो पत्रकारिता एक विशेष क्षेत्र है जिसमें स्पेशलाइजेशन होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हर संचार कर्मी को फोटोग्राफी जानना बहुत आवश्यक है।  उन्होंने कहा कि फोटो के जरिए किसी भी समाचार को बहुत प्रभावी तरीके से जनमानस तक पहुंचाया जा सकता है। के पश्चात डॉक्टर तबीना अंजुम जी ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से फोटोग्राफी की कला तथा उसकी बारीकियों को विस्तार से समझाया।

डॉ अंजुम ने  फोटोग्राफी के लिए कैमरे के तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हर फोटोग्राफर की कंपोजिशन और फोटो खींचने का तरीका बिलकुल अलग होता है। उन्होंने कहां की हर तरह की फोटो खींचते समय हमें बुनियादी बातों का ध्यान देना आवश्यक है। इस सत्र का संचालन डॉक्टर संदीप भÍ ने किया।

  इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता जनसंचार कंप्यूटर अनुप्रयोग के विद्यार्थियों सहित फोटो पत्रकार भी शामिल हुए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय यह मुख्यालय भोपाल से कुलसचिव प्रो. अविनाश बाजपेई ,अकादमिक मेंटर डॉक्टर मणि नायर, उप कुलसचिव श्री दीपेंद्र बघेल, रीवा परिसर के प्रभारी श्री सूर्य प्रकाश प्रशासनिक अधिकारी श्री बृजेंद्र शुक्ला सहित परिसर के शिक्षक एवं कर्मचारी तथा नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ।

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शुभकामनाओं सहित सादर।