बिजली बिल में मनमानी के खिलाफ उपभोक्ता पहुंचा फोरम उपभोक्ता फोरम ने माना ग्राहक की सेवा में विभाग ने की कमी

बिजली बिल में मनमानी के खिलाफ उपभोक्ता पहुंचा फोरम
उपभोक्ता फोरम ने माना ग्राहक की सेवा में विभाग ने की कमी
अनूपपुर। आम आदमी की जिंदगी में बिजली एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। बिजली आपूर्ति से घर में हो रही रोशनी के पीछे उपभोक्ता को कितना फायदा और नुकसान खपत के आधार पर मिल रहा है इस बात का पीछा करते हुए एक उपभोक्ता ने फोरम में इस बात का केस दाखिल किया की लगातार जीरो यूनिट का बिल देने के बाद विभाग ने एकाएक घर बिजली की खपत बढ़ाकर बिल उपभोक्ता को थमा दिया। जिसके चलते 100 रुपए का बिजली बिल 5 हजार का हो गया। मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड चचाई के बिजली उपभोक्ता मोनीष कुमार पिता किशोरी लाल ऊईके निवासी चचाई के द्वारा बिजली विभाग के खिलाफ सही बिजली खपत का बिल न भेजने पर फोरम में केस दर्ज किया और केस भी जीत लिया है। विद्युत वितरण कंपनी ने कनेक्शन काटने का डर दिखाकर जो राशि उपभोक्ता से ली गई है उसे वापस करने का आदेश फोरम के द्वारा दिया गया है साथ ही मानसिक छतिपूर्ति की राशि देने का भी आदेश जारी किया गया है।
उपभोक्ता के पक्ष में हुआ फैसला
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग अनूपपुर के द्वारा 26 सितंबर को बिजली बिल के मामले में एक अहम फैसला उपभोक्ता के पक्ष में दिया है जिसमें बिजली कंपनी अपनी सेवा में कमी कर उपभोक्ता से मनमाना बिजली बिल वसूल रही थी जिस पर फोरम के द्वारा मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड चचाई सहायक अभियंता अनूपपुर, कार्यपालन अभियंता अनूपपुर को पार्टी बनाकर मोनीष कुमार ऊईके निवासी चचाई के द्वारा फोरम में 27 मार्च को केस दाखिल किया गया। जिसमें उपभोक्ता मोनीष की जीत हुई है।
खपत में हुई अचानक बढ़ोतरी
मोनीष ने बताया है कि वर्ष 2022 में विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा माह जून से माह अक्टूबर तक मीटर से रीडिंग नहीं ली गई और तीन माह तक जीरो यूनिट का बिल भेजा गया। माह नवंबर से में 101 यूनिट का बिल भेजा गया वहीं दिसंबर में फिर से जीरो रीडिंग की खपत दिखाई गई। वर्ष 2023 माह जनवरी में अचानक बिजली खपत 148 यूनिट का बिल भेजा गया। इसके बाद फरवरी माह में 671 यूनिट के आधार पर 6560 का बिल थमा दिया गया।
बिल सुधार की जगह लाइन काटने पहुंचे विभाग के कर्मी
इस बात से हैरान उपभोक्ता ने बिल सुधार के लिए विभाग में काफी अनुरोध किया लेकिन विभाग ने बिल सुधार में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, उपभोक्ता को केवल आश्वासन ही हाथ लगा। कुछ दिन बाद जब विभाग के कर्मचारी उपभोक्ता का कनेक्शन काटने पहुंच गए तो उन्हें विभाग में उल्लिखित नियमों का हवाला देकर आधी रकम जमा करने की बात कही गई ताकि कनेक्शन का विच्छेद न किया जा सके। उपभोक्ता के द्वारा तत्काल आधी राशि 3362ध् 24 मार्च को जमा की गई।
बिजली विभाग के खिलाफ फोरम पहुंचा उपभोक्ता
27 मार्च 2023 को जिला मुख्यालय स्थित उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में बिजली विभाग के खिलाफ केस दर्ज किया गया। 6 माह तक कैस चलने के बाद 26 सितंबर को कोर्ट ने फैसला देते हुए विभाग को यह आदेश दिया कि बिजली विभाग के द्वारा उपभोक्ता को दी जा रही सेवा में काफी कमी की गई है। इसलिए दो माह की अवधि में परिवादी द्वारा जमा की गई 6174 राशि के साथ मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 3000 परिवाद के रूप में 2000 की राशि जमा करने का आदेश विभाग को दिया है। साथ ही फोरम ने यह भी माना है कि विरोधी पक्ष द्वारा परिवादी के मीटर की सही जांच कराई जाए। परिवारी को वास्तविक खपत यूनिट के आधार पर ही बिजली का बिल दिया जाए ताकि निर्धारित अवधि में उसका भुगतान परिवादी कर सके।
उपभोक्ता में जागरूकता है जरूरी
आमतौर पर यह देखने को मिलता है कि अलग-अलग मौसम में बिजली विभाग जीरो खपत का बिजली बिल भेजता है जिसे उपभोक्ता काफी खुश नजर आते हैं जबकि इसमें सीधे तौर पर विभाग की लापरवाही है विभाग के द्वारा उपभोक्ता को प्रदान की जा रही बिजली में सेवा में कमी की जा रही है। लेकिन रोजमर्रा से जूझ रहा आम व्यक्ति इस ओर ध्यान नहीं देता है इसका खामियां जा आपको बढ़े हुए बिल में जरूर मिलता है जागरूक होने के साथ-साथ आम आदमी को जानकर भी होना चाहिए इसके लिए जरूरी है कि रोजाना घर में हो रही बिजली की खपत की जानकारी रोजाना आपको या परिवार के किसी भी सदस्य को रखनी चाहिए ताकि बिजली विभाग अपनी मनमानी न कर सके