आरपीएफ थाने की कलेक्टर से हुई शिकायत
पीड़ित ने बताया चालू बोरिंग मशीन को आरपीएफ ने कर दिया बंद
राजस्व जमीन वार्ड क्रमांक 12 की जमीन में हो रहे बोरिंग का मामला
अनूपपुर। वॉर्ड क्रमांक 12 में रह रही एक बेबा ने किसी तरह अपनी जमा पूंजी एकत्रित कर पेयजल के लिए बोर कराने की सोची और जब बोर मशीन घर में बोरिंग करने पहुंची तो सीमा से लगी रेलवे विभाग के सुरक्षा बल के द्वारा बोरिंग मशीन को पकड़कर उस पर कार्यवाही कर दी गई। बोर मशीन मलिक का कहना है कि बरसात के मौसम में परमिशन की जरूरत नहीं होती है मगर रेलवे का कहना है कि हमारी सीमा में खड़ा करना है तो मंजूरी जरूरी है लिहाजा पीड़ित महिला ने इस मामले की शिकायत जनसुनवाई के आलावा सीएम हेल्पलाइन में की है मगर वहां से भी उसे अभी तक कोई राहत नही मिली है। मामले के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार अनूपपुर नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 12 में रहने वाली दीपू सिंह पति स्वर्गीय सुखपाल सिंह के द्वारा 17 अगस्त को अपने पट्टे की जमीन खसरा क्रमांक 37ध्2ध्घ में बोरिंग करा रही थी तभी चालू बोर मशीन को कुछ समय बाद ही रेलवे सुरक्षा बल के जवान मौका स्थल पर पहुंचे और मशीन को बंद करते हुए बोरिंग मशीन के कर्मचारियों को थाने ले गए। जहां पर उनके द्वारा उन पर जुर्माने की कार्रवाई की गई।
राजस्व की जमीन में रेल्वे सुरक्षा बल का अड़ंगा
जिस जमीन पर बोरिंग हो रहा था वह राजस्व की जमीन है लिहाजा रेलवे को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए थी बावजूद इसके रेलवे सुरक्षा बल के जवानों के द्वारा जानबूझकर उसे पर कार्यवाही कर दी गई।
पीड़ित महिला ने जन सुनवाई में की शिकायत
पीड़ित महिला ने इस मामले की शिकायत 5 सितंबर को अनूपपुर कलेक्टर से की है जिसमें उन्होंने बताया है कि पट्टे की जमीन पर आरपीएफ के द्वारा बोरिंग करने से रोका गया है।
सीएम हेल्पलाइन की शिकायत पर भी नहीं हो रहा अमल
5 सितंबर को हुई जनसुनवाई में और 6 सितंबर को सीएम हेल्प लाइन में शिकायत क्रमांक 24112220  दीपू सिंह परिहार के द्वारा शिकायत करने के 10 दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में अनूपपुर तहसीलदार के द्वारा अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। फिर यूं कहें की अधिकारी सीएम हेल्पलाइन में पड़ी शिकायतों पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
पैसों के लेनदेन में रूका मामला
सूत्रों की माने तो आरपीएफ थाने में बिना चुनौती कोई काम नहीं होता है। ऐसे में अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या दीपू सिंह का बोरिंग सीमा विवाद के चलते विवादित हो चला है या फिर पैसों के लेनदेन के कारण मामला रुका पड़ा है।
रेल्वे सिविल विभाग की मिलीभगत
हालांकि इस मामले में रेल्वे के सीनियर सेक्शन विभाग(कार्य) की जिम्मेदारी तय होती है मगर आरपीएफ के द्वारा बिना किसी शिकायत के ही मशीन को जानबूझकर बंद करा दिया गया। जानकार बता रहे हैं कि आरपीएफ थाने में बिना चढ़ोतरी के कोई भी काम नहीं होता है। या फिर यू कहे की दोनों विभाग के अधिकारी मिलकर रेल्वे को अपनी निजी कमाई का जरिया बना रखा है।