जनजातीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय एकता दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
अमरकंटक। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में लौह-पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित जयंती समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो० प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि सरदार पटेल की पहचान सादगी, स्पष्टवादिता तथा निर्भीकता थी। उनके इन विराट गुणों के चलते महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार कहकर पुकारा। राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के हर पड़ाव की वह महत्वपूर्ण धुरी रहे तथा संविधान सभा में भारतीय दृष्टिकोण को स्थापित करते थे। सरदार पटेल ने आंतरिक सुरक्षा, प्रशासनिक सरंचना तथा बाह्य सुरक्षा का ढाँचा खड़ा किया। उन्होंने स्वतंत्र भारत को सुरक्षित बनाया। पैरामिलिट्री फोर्स के रूप में भारतीय सुरक्षा की दूसरी पंक्ति सरदार पटेल की दूरदर्शी सोच का परिचायक है। सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाना सर्वाधिक उपयुक्त है। सरदार पटेल का व्यक्तित्व हम सभी को राष्ट्रीय एकता के लिए समर्पित होने की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर वरिष्ठ आचार्य प्रो० एके० शुक्ला ने कहा कि वल्लभभाई पटेल को जनता ने सरदार की पदवी से नवाजा तथा उन्होंने आजीवन इसे सार्थक सिद्ध किया। जयंती पर अपना उद्गार व्यक्त करते हुए डीन अकादमिक प्रो० आलोक श्रोत्रिय ने कहा कि सरदार पटेल का व्यक्तित्व इतना विशाल था कि हम आज भी उनके योगदान के प्रति नतमस्तक रहते हैं। इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो० भूमिनाथ त्रिपाठी ने कहा कि सरदार पटेल ने देशी रियासतों का एकीकरण कर आधुनिक भारत के भूगोल को परिभाषित किया। वित्त अधिकारी प्रो० जितेन्द्र शर्मा, डॉ० विजयनाथ मिश्रा, प्रो० ए० पी० सिंह, प्रो० जगदंबा प्रसाद शुक्ल, डॉ० विजायनाथ सिंह, डॉ० गोविंद जी मिश्र, डॉ० संजीव सिंह, डॉ० अखिलेश सिंह, डॉ० कुंजबिहारी सुलखिया, डॉ० अभिषेक बंसल, डा पान्डेय, डा गौर, डा संजय यादव आदि सहित एनएसएस के स्वयं सेवक, एनसीसी कैडेट, छात्र-छात्राएं, अध्यापक, कर्मचारी गण उपस्थित रहे। अकादमिक हॉल संख्या दो में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने राष्ट्रीय एकता शपथ ली। इससे पूर्व  समारोह के तहत प्रातः कालीन सत्र में रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया गया जिसे माननीय कुलपति प्रो० श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० कृष्ण मुरारी सिंह ने किया। अतिथियों का स्वागत डॉ० जितेंद्र कुमार सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो० राघवेंद्र मिश्रा ने किया।