तीन दिवसीय जनजातीय उत्सव के द्वितीय दिन की संध्या में कलाकारों ने अमरकंटक में मचाया धूम
अमरकंटक। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज द्वारा अमरकंटक के रामघाट पर तीन दिवसीय जनजातीय उत्सव का आयोजन 29 सितंबर से किया जा रहा है। केंद्र के निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा जी की परिकल्पना है कि लोक कला के अनेक स्वरूपों जैसे गायन, नाटक, नृत्यों इत्यादि के माध्यम से एक क्षेत्र के लोगों को दूसरे प्रदेश की विलुप्त होती सांस्कृतिक परंपराओं को सांस्कृतिक उत्सवों के माध्यम से पहचान कराया जाना चाहिए ताकि लोग न केवल अपनी सांस्कृतिक विरासत को पहचान सकें बल्कि इससे जुड़े रहें। इसी उद्देश्य से निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा के मार्गदर्शन में इस जनजातीय उत्सव का आयोजन अमरकंटक में विगत दिवस से हो रहा है। प्रथम दिवस की तरह आज भी कलाकारों में मंच पर अपनी उत्कृष्ठ प्रस्तुतियों के साथ धूम मचा दिया। जनजातीय उत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत पीलीभीत उत्तर प्रदेश के रजनेस सिंह और उनके साथी कलाकारों के द्वारा भजन गायन के साथ हुई। तत्पश्चात छत्तीसगढ़ के बेमेतरा से आयी हुए सुश्री प्रेमशिला वर्मा और उनके दल द्वारा प्रसिद्ध पंडवानी की प्रस्तुति की गई जिसमें कलाकारों द्वारा अभिमन्यु वध का प्रदर्शन किया। तीसरी प्रस्तुति जिला धार, मध्यप्रदेश से आये हुए गोविंद गहलोत और उनके साथियों द्वारा पाली लोकनृत्य की हुई। इसके पश्चात देहरादून, उत्तराखंड की सुश्री उर्मिला राणा और उनके साथी जौनसारी जनजाति के कलाकारों द्वारा तांदी जौनसारी लोक नृत्य की प्रस्तुति की गई। पांचवी प्रस्तुति बैतूल मध्यप्रदेश के अर्जुन बाघमारे और उनके साथियों द्वारा गोंडी कर्मा की रही। इसके पश्चात शिरोही, राजस्थान से आये हुए मावा राम और उनके साथी गरासिया जनजाति के कलाकारों ने गरासिया लोकनृत्य की प्रस्तुति दिया। अंतिम प्रस्तुति पीलीभीत, उत्तर प्रदेश से आये हुए रजनेश सिंह और उनके था। जनजाति के कलाकारों द्वारा झींझी नृत्य की रही। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तराखंड से आये हुए जनजातीय समुदाय के कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों को देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे और तालियों की गड़गड़ाहट कार्यक्रम स्थल में गुंजायमान होती रही। मंच के परे केंद्र के प्रतिनिधि कृष्ण मोहन द्विवेदी और उनके साथियों ने कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलने में मदद करते रहे। प्रथम दिवस की तरह द्वितीय दिन भी कार्यक्रम का संचालन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के अंग्रेजी और विदेशी भाषा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 संतोष कुमार सोनकर ने किया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।