अनूपपुर की भाजपा में लिखी जा चुकी है बगावत की पटकथा, दाव पर राजनैतिक भविष्य प्रत्याशी के घोषणा का इंतजार -@राजनारायण द्धिवेदी 
असमंजस में भाजपा नेतृत्व एक तरफ कुआँ दूसरी तरफ खाई
 अनूपपुर विधानसभा में भाजपा के प्रत्याशी को लेकर भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व भी असमंजस में पड़ा हुआ है। एक तरफ कांग्रेस से आए प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बिसाहू लाल सिंह है तो दूसरी तरफ भाजपा के पूर्व विधायक वर्तमान में कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त रामलाल अनूपपुर के दोनों लालो के बीच भाजपा के वर्तमान जिला अध्यक्ष रामदासपुरी भी टिकट की दौड़ में है ऐसे में यह कहां जाए की अनूपपुर से प्रत्याशी चयन में उलझी भाजपा के लिए एक तरफ कुआं है तो दूसरी तरफ खाई।  
अनुपपुर। जिले की तीन विधानसभा सीटों में से जहां पुष्पराजगढ़ विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने हीरा सिंह श्याम को प्रत्याशी घोषित करके चुनाव की रणभेरी बजा दी है वही कोतमा में भाजपा प्रत्याशी को लेकर भोपाल भाजपा कार्यालय तक शक्ति प्रदर्शन चल रहा है इन सब के बीच अनूपपुर विधानसभा में ऊपरी तौर पर तो प्रत्याशी चयन को लेकर शांति बनी हुई है लेकिन अनूपपुर के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जो नजर आ रही है वह किसी बड़े आने वाले तूफान का संकेत है। इस विषय में चुनाव के जानकारों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की अनूपपुर विधानसभा को लेकर फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है क्योंकि उसके सामने एक तरफ कांग्रेस से आए बिसाहू लाल है तो दूसरी तरफ भाजपा के पूर्व विधायक और वर्तमान में कॉल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल दावेदारी में दमदारी के साथ ताल ठोक रहे हैं। वहीं वर्तमान भाजपा जिला अध्यक्ष रामदासपुरी के साथ-साथ युवा चेहरे के रूप में अमोल सिंह भी भाजपा के टिकट पर अनूपपुर विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते हैं। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अंदरुनी सर्वे और यहां के दावेदारों की रिपोर्ट कार्ड के साथ-साथ प्रवासी विधायक की रिपोर्ट का भी आकलन और मंथन करने के बाद अभी तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने में नाकाम रही है स भाजपा के लिए रामलाल और बिसाहू लाल दोनों जिताऊ चेहरे हैं और यह तय है कि भारतीय जनता पार्टी दोनों में से किसी एक को भी प्रत्याशी बनती है तो दूसरा चेहरा नाराज होकर घर बैठ सकता है।
एक तरफ कुआं दूसरी तरफ खाई
बिसाहू लाल और रामलाल के चक्कर में फंसकर प्रत्याशी चयन में उलझी भाजपा के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष रामदासपुरी और युवा चेहरे के रूप में अमोल सिंह विकल्प के रूप में तैयार को खड़े हैं लेकिन भाजपा का सर्वे और प्रवासी विधायक की रिपोर्ट इस बात का साफ-साफ संकेत कर रही है कि यहां से बिसाहू लाल या रामलाल को ही सफलता मिलने की संभावना है फिलहाल तो अब भाजपा के सामने प्रत्याशी चयन को लेकर उलझने कम होने की जगह बढ़ती जा रही है जिसका मुख्य कारण यही है कि भोपाल के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरो पर है कि भाजपा के एक प्रबल दावेदार ने कमलनाथ से मुलाकात की कमलनाथ ने मुलाकात को गंभीरता से ना लेते हुए इतना जरूर कहा कि आप पर विश्वास नहीं किया जा सकता लेकिन आपके किसी परिवार के सदस्य पर दाव लगाया जा सकता है। वही दूसरे एक अन्य प्रबल दावेदार की कमलनाथ से मुलाकात की खबर कई महीनों से चर्चा में है। ऐसे में कौन कब कहां करवट बदल ले यह नही कहां जा सकता। 
दो बड़े दावेदारों की राजनीतिक पृष्ठभूमि दाव पर  
भोपाल की सत्ता के गलियारों में चल रही चर्चा के अनुसार अनूपपुर विधानसभा के दोनों दावेदारों का राजनीतिक पृष्ठभूमि गांव पर लगा हुआ है। कहा जाता है कि नेताओं की ताकत और नेताओं को संजीवनी चुनाव की मैदान से ही मिलती है और हर नेता का पहला सपना यही होता है कि वह जनता के बीच चुनावी मैदान में उतर कर विजई होकर विधानसभा या लोकसभा में पहुंचे स यही कारण है कि बिसाहू लाल और रामलाल भाजपा से चुनाव के प्रबल दावेदार हैं। रामलाल जहाँ भाजपा के पूर्व विधायक हैं वही बिसाहू लाल कांग्रेस से भाजपा में आए हुए हैं। ऐसे में दोनों में से किसी एक को चुनना और एक को नाराज करना भाजपा के लिए भारी पड़ने वाला है। बिसाहू लाल की जिद्दी स्वभाव को जानने वाले इस बात का दावा करते नहीं थक रहे हैं कि अगर भारतीय जनता पार्टी ने उनका टिकट नहीं दिया तो वह चुपचाप बैठने वाले नहीं है क्योंकि वह अपने सामने ही अपनी राजनीतिक विरासत को अपने परिवार को सौंपना चाहते हैं। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि अभी भाजपा से टिकट फाइनल मान रहे बिसाहू लाल टिकट न मिलने पर कुछ भी कर सकते हैं ऐसे भी उनकी भाजपा कोई पृष्ठभूमि नहीं है कांग्रेस से आए हुए बड़े नेता हैं और कांग्रेस में उनकी पकड़ आज भी बड़े और सजातीय नेताओं के साथ है।