जगह-जगह बंद पड़ी मौत की खाई बनती खदानें, बता रही खनिज विभाग के भ्रष्टाचार की कहानी एक लाख खनिज विभाग में चढ़ावा देकर भागने में विश्वास रखते पत्थर माफिया

जगह-जगह बंद पड़ी मौत की खाई बनती खदानें, बता रही खनिज विभाग के भ्रष्टाचार की कहानी
एक लाख खनिज विभाग में चढ़ावा देकर भागने में विश्वास रखते पत्थर माफिया
इंट्रो- जिले का पुष्पराजगढ़ क्षेत्र हो या कोतमा का जैतहरी या फिर अनूपपुर का सकरा हर जगह आपको सड़क के किनारे एक गांव के अंतिम छोर पर कोई न कोई ऐसी मौत की खाई जरूर नजर आएगी जिसमें से पत्थर निकालकर पत्थर माफिया उसे खुली छोड़ देते हैं ऐसा नहीं है कि यह किसी एक जगह की कहानी है इस जिले में जहां भी जाइए वहीं पर आपको ऐसी मौत की खाइयां नजर आती रहेंगी।
(क्राइम रिपोर्टर)
अनुपपुर। पुष्पराजगढ़ क्षेत्र का छत्तीसगढ़ से सटा हुआ क्षेत्र दोनिया से लेकर ताली पूरा बिजोरी में ऐसे एक नहीं दर्जनों मौत की खाई हैं जहां पर आपको खनन विभाग के ऊपर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप की पुष्टि के लिए किसी से पूछने की कोई जरूरत नहीं है कभी पत्थर की खदानें रहिए मौत की खाईया इस बात का जीता जागता सबूत है कि अनूपपुर जिले में पत्थर माफिया खनन विभाग के किसी भी नियम कानून का पालन करने में विश्वास नहीं रखते उनका एकमात्र विश्वास रहता है खनन विभाग में एक मोटा चढ़ावा चढ़ा कर नियमों कानूनों को धता बताते हुए इस क्षेत्र की सबसे अनमोल प्राकृतिक धरोहर पहाड़ों को नष्ट करना और अपनी झोली भरना पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के इस जनजाति विश्वविद्यालय के क्षेत्र में कमरा और बिजौली गांव के बीच छत्तीसगढ़ की सीमा के पास स्थित उक्त मौत की खाई अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि खनिज विभाग ने यहां के पत्थर माफियाओं से मोटी रकम वसूलने के चक्कर में खनन के बाद खदान को माटी से पार्टी ने की प्रक्रिया पूरी नहीं कराई है।
मौत की खाई बता रही है भ्रष्टाचार की कहानी
खनिज विभाग के सूत्रों की माने तो या मध्य प्रदेश खनिज अधिनियम की भी बात की जाए तो इस बात का साफ-साफ उल्लेख है कि धरती के नीचे से निकलने वाली चाहे पत्थरों बॉक्स आइडिया कोयला खनन के बाद लीज होल्डर ओं द्वारा उस खाई को या खनन स्थल से खाली हुई जमीन को मिटटी, डस्ट से जमीन के बराबर पटना होगा लेकिन पमरा और बिजोरी के बिच छत्तीसगढ़ की सीमा की तरफ कई ऐसे गड्ढे नजर आएंगे जो अब धीरे-धीरे मौत की खाई में तब्दील हो गए हैं इसके लिए कोई और नहीं जिले के खनिज विभाग के लापरवाह अधिकारी ही जिम्मेदार हैं क्षेत्र के ग्रामीणों का आरोप है कि पहले यहां से पत्थर खनन का काम होता था बाद में खनन की लीज खत्म होने पर ठेकेदार या पत्थर माफियाओं ने खदान को बिना मिट्टी से पाटे ही छोड़ कर चले गए जो अब इस क्षेत्र के लिए जानलेवा होने के साथ-साथ बरसात का जमा पानी से बीमारियां भी उपहार में दे रहे हैं।
बड़ी तुम्बी में भी सड़क के किनारे बने गड्ढे
जिले के पश्चिमी छोर पर उमरिया और शहडोल की सीमा से सटा हुआ पुष्पराजगढ़ क्षेत्र का बड़ी तुबी में एक नहीं मुख्य सड़क के किनारे तीन से चार ऐसे बड़े गड्ढे मिलेंगे जिसे आप हम बस तालाब भी समझ सकते हैं लेकिन यह सब पत्थर की खदानें हैं जिन्हें खनिज विभाग के चलते चढ़ावे के कारण पत्थर माफियाओं ने खुला छोड़ रखा है सरस्वती क्रेशर के ठीक बगल में स्थित दो बड़ी बड़ी खाई इस बात की गवाह है कि खनिज विभाग अनूपपुर में अधिकारियों और कर्मचारियों के सिर पर भ्रष्टाचार चढ़कर बोल रहा है फिलहाल खनिज विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के पास इस बात के सवाल का कोई जवाब नहीं है कि बिना खनिज विभाग के माइनिंग क्लोजर रिपोर्ट लगे यह खजाने बंद कैसे हो गई और अगर बंद हो गई तो इन खदानों को मिट्टी से पटा क्यों नहीं गया फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगा रहे अनूपपुर के खनन विभाग के अधिकारी पत्थर माफियाओं को इस कदर खुली छूट दे रखे हैं कि उनका जहां मन करता है वहीं पर पत्थर निकालकर आम जनता के लिए पाकिस्तानी का सबब मौत की खाई या खुले छोड़कर भाग जाते हैं।