अंशुल अग्रवाल उपयंत्री या  ठेकेदार,ओढेरा में सरपंच पति से सांठगांठ कर बना रहा ग्रेवल मार्ग 
अनूपपुर - पंचायतों में भृष्टाचार कोई नई बात नही है पर जब उपयंत्री ही ठेकेदारी पर उतर जाये तो भृष्टाचार अपनी सारी हदें पार कर देता है और फिर जब अंशुल अग्रवाल जैसा ठेकेदार हो तो बात और ही कुछ हो जाती है अंशुल अग्रवाल को हम उपयंत्री इसलिए नही कह रहे चूंकि जिन ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी अंशुल अग्रवाल की होती है या यूं कहें जिन पंचायतों में उनका कार्य क्षेत्र होता है वहां ठेकेदारी अंशुल ही करेंगे जिन पंचायतों की जिम्मेदारी अंशुल अग्रवाल को जिम्मेदारी मिली होती है वहां कोई भी सचिव अपने हिसाब से पंचायत का काम नही कर सकता बल्कि सचिव चुपचाप बैठे जाये पंचायत में वही होगा जो अंशुल अग्रवाल चाहेगा अन्यथा पंचायत के  कामो की एमबी,सीसी जारी होन बड़ी टेढ़ी खीर है,दरसल ओढेरा पंचायत में स्वीकृत सुदूर सड़क पंचायत भवन से कडेवा पहुंच मार्ग होकर किरर की तरफ भाग 3 जिसका वर्क आर्डर 1746003058/RC/22012034586501 है जिसका जिओ टैगिंग होना बकाया था और जब अंशुल अग्रवाल को उपयंत्री बतौर ओढेरा की जिम्मेदारी सौंपी गई तो वहां के सरपंच पति के साथ सांठगांठ कर इस ग्रेवाल मार्ग का निर्माण  कल से शुरू कर दिया गया ग्रेवाल मार्ग का निर्माण मनरेगा से लोगो को रोजगार मुहैया कराते हुए करना था पर अंशुल अग्रवाल के ऊपर ठेकेदारी का भूत चढ़ा है जैसा अन्य पंचायतों में करते आया है वही रवैया ओढेरा में शुरू है,और आनन फानन में मशीन लगा कर ग्रेवाल मार्ग का निर्माण कर सरकारी खजाने को लूटने के प्रयास में सरपंच पति और अंशुल अग्रवाल है ,हम अगले एपिसोड में अंशुल अग्रवाल के और कई अन्य कारनामो का खुलासा करेंगे दूसरी तरफ हमारे सूत्रों की माने तो अंशुल अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान आया से अधिक संपत्ति कमाने का मामला भी सामने आ रहा है प्रशासन को चाहिए कि अंशुल अग्रवाल जब से बतौर उपयंत्री नौकरी जॉइन किये है तब से लेकर इनके परिवार और रिश्तेदारों के नाम से अवैध  कमाई से संपत्तियां खरीदी गई है जिनकी जांच होना बहोत जरूरी है चूंकि अंशुल अग्रवाल उपयंत्री की जगह ठेकेदारी पे उतारू हो चले है जिसके चलते इनके कार्य क्षेत्र की पंचायतों में भृष्टाचार चरम पर होता है