शीतलहर के बीच कल्याणिका केंद्रीय शिक्षा निकेतन स्कूल अमरकंटक ने कलेक्टर के आदेश की अवहेलना की

अमरकंटक। अनूपपुर जिले में बढ़ती ठंड और शीतलहर को देखते हुए कलेक्टर हर्षल पंचोली ने जिले के सभी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए 14 और 15 जनवरी को अवकाश घोषित किया था। यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया था, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है।

अमरकंटक के वार्ड नंबर 10 में स्थित कल्याणिका केंद्रीय शिक्षा निकेतन स्कूल, जो कि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है, ने इस आदेश को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। स्कूल ने कक्षा केजी 1 से लेकर 8 तक के छात्रों का अवकाश घोषित नहीं किया और पढ़ाई जारी रखी। स्कूल प्रबंधन का यह कदम न केवल प्रशासनिक आदेश की अवहेलना है बल्कि बच्चों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही का भी प्रतीक है।

अमरकंटक क्षेत्र में दिसंबर के अंत से ठंड और पाले की स्थिति बनी हुई है। दिन और रात के समय कड़ाके की ठंड और गलन से लोग परेशान हैं। छोटे बच्चों के लिए यह मौसम विशेष रूप से जोखिमभरा है, क्योंकि ठंड के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में स्कूल का यह रवैया अभिभावकों और स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

स्कूल के प्रिंसिपल कमलेश मिश्रा से जब जानकारी ली गई, तो उन्होंने कहा कि स्कूल हॉस्टल वाला है, इसलिए कक्षा केजी 1 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों की कक्षाएं चल रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि करंजिया के बच्चों को छुट्टी दी गई है। जब उनसे पूछा गया कि अमरकंटक के बच्चों की छुट्टी क्यों नहीं की गई, तो उन्होंने कहा कि "हमने अमरकंटक के बच्चों को स्कूल आने के लिए नहीं बुलाया।"

लेकिन जब उनसे यह सवाल किया गया कि यदि बच्चों को स्कूल बुलाया ही नहीं गया तो क्या उन्हें घर वापस भेजा गया, इस पर उनका कोई स्पष्ट जवाब नहीं था। इसके अलावा, यह भी ध्यान देने वाली बात है कि चौथी कक्षा के नीचे के बच्चों को हॉस्टल में रखने का प्रावधान ही नहीं है। फिर केजी से तीसरी कक्षा तक के बच्चों की उपस्थिति पर सवाल खड़े होते हैं।

जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कलेक्टर का आदेश उनके स्कूल पर लागू नहीं होता, तो उनका जवाब था, "इसकी भी एक सीमा होती है, जहां तक हम इसे मानते हैं।"

स्थानीय निवासियों का कहना है कि कल्याणिका स्कूल पहले भी प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी करता रहा है। लोगों ने जिला प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।

बढ़ती ठंड और शीतलहर को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रशासनिक आदेशों का पालन अनिवार्य है। जिला प्रशासन को इस आदेश की अवहेलना करने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही को रोका जा सके।