कल्चुरी समाज द्वारा धूमधाम से मनाई गई सहस्त्रबाहु की जयंती

कल्चुरी समाज द्वारा धूमधाम से मनाई गई सहस्त्रबाहु की जयंती
पुष्पराजगढ़। कल्चुरी समाज द्वारा सामुहिक रूप से दुर्गा मंदिर परिषर में सहस्त्रबाहु अर्जुन जयंती उत्साह पूर्वक मनाई गई उक्त कार्यक्रम में सहस्त्रबाहु अर्जुन की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा अर्चना कर प्रसाद वितरण किया गया एवं समाज को संगठित रख कर सामाजिक कुरूतियों को दूर करने का संकल्प लिया गया।
पुराणों सहस्त्रबाहु अर्जुन का वर्णन
सहस्त्रबाहु अर्जुन का जन्म महाराज हैहय की 10वीं पीढ़ी में माता पद्मिनी के गर्भ से हुआ था। उनका जन्म नाम एकवीर तथा सहस्रार्जुन भी है।सहस्रार्जुन जयंती क्षत्रिय धर्म की रक्षा एवं सामाजिक उत्थान के लिए मनाई जाती है। चंद्रवंशी क्षत्रियों में हैहय वंश सर्वश्रेष्ठ उच्च कुल का क्षत्रिय माना गया है। चन्द्र वंश के महाराजा कृतवीर्य के पुत्र होने के कारण उन्हें कार्तवीर्य-अर्जुन कहा जाता है। महाभारत, वेद ग्रंथों तथा कई पुराणों में सहस्रबाहु की कई कथाएं पाई जाती हैं। पुराणों के अनुसार प्रतिवर्ष सहस्रबाहु जयंती कार्तिक शुक्ल सप्तमी को दीपावली के ठीक बाद सहस्रार्जुन जयंती क्षत्रिय धर्म की रक्षा एवं सामाजिक उत्थान के लिए मनाई जाती है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित
सहस्त्रबाहु जयंती कार्यक्रम में मुख्य रूप से कल्चुरी समाज के प्रतिष्ठित समाज सेवी संतोष जायसवाल, सुरेश जायसवाल, कन्हैया जायसवाल, भोला जायसवाल, ज्ञानचंद जायसवाल, बाल्मिक जायसवाल, राकेश जायसवाल, आशा जायसवाल, शारदा जायसवाल, पिंकू जायसवाल, आकाश जायसवाल, गणेश जायसवाल, हनुमान मंदिर के प्रधान पुजारी हरिदास महराज सहित कल्चुरी समाज के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।