काली कमाई के लिये काला कारनामा! खनिज विभाग के संरक्षण में संचालित अवैध मुरुम खदान ध्रुव पटेल के क्रेशर के पीछे खाई नुमा अवैध मुरुम खदान, दे रही विभाग की ईमानदारी का प्रमाण - विजय उरमलिया की कलम से

काली कमाई के लिये काला कारनामा! खनिज विभाग के संरक्षण में संचालित अवैध मुरुम खदान
ध्रुव पटेल के क्रेशर के पीछे खाई नुमा अवैध मुरुम खदान, दे रही विभाग की ईमानदारी का प्रमाण
इन्ट्रो- जिले में सालों से खनिज मुरुम की वैध खदान नही है इसके बाबजूद पंचायतों व अन्य स्थानों में मुरुम की सप्लाई करते हुये लाखों का भुगतान सप्लायरों द्वारा प्राप्त किया जा रहा है, जिससे शासन के राजस्व को सीधा नुकसान हो रहा है पर जिम्मेदार खनिज अमला मौके की नाम जोख कर मुरुम के अवैध उत्खनन का प्रकरण माफियाओं के विरुद्ध बनाने में क्यों परहेज करता है समझ के परे है, ऐसे में यह कहा जाए की खनिज विभाग के संरक्षण में अवैध मुरुम की खदान संचालित है तो कोई अतिसंयोक्ति नहीं होगी। जमुड़ी स्थित ध्रुव पटेल के क्रेशर के पीछे मुरुम की अवैध खदान आज भी चल रही है जहां वाहनों के पहिए यह गवाही दे रहे हैं कि यहां से प्रतिदिन मुरुम का अवैध उत्खनन करते हुए परिवहन किया जा रहा है। पर कार्यवाही न होना खनिज विभाग की ईमानदारी का प्रमाण है।
अनूपपुर। कहते है जब जिम्मेदार पूर्ण रूप से निरंकुश हो जाये या अकर्मण्य हो जाये तो अवैध काला कारोबर किस कदर फलता फूलता है इसका उदाहरण देखना है तो चलिए जिले के जनपद पंचायत जैतहरी की ग्राम पंचायत जमुड़ी में संचालित धु्रव पटेल के क्रेशर के पीछे घूम कर देखिये जहा अवैध मुरूम की खदान से किए गए काले कारोबार का भंडा फोड़ हो जायेगा। खनिज विभाग के संरक्षण में धु्रव पटेल और संतलाल पटेल का अवैध उत्खनन का काले कारोबार का साम्राज्य जमुड़ी पंचायतों तक फैला हुआ है, और अगर इनके काले कारोबार के साम्राज्य को देखना है तो मुरुम के नाम पर लगे पंचायतों में बिलों और भुगतान देख कर अंदाजा लगा सकते है खनिज विभाग का संरक्षण किस कदर प्राप्त है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते है की क्रेशर के पीछे मुरुम खदान तक जाने का रास्ता क्रेषर के मुख्य द्वार से होकर ही जाता है। इसके अलावा और कोई रास्ता उस अवैध मुरूम खदान तक नही जाता ऐसे में अब तक कार्यवाही न होना अपने आप में सवालो को जन्म देता है।
जिले में नही स्वीकृत मुरूम खदान
अनूपपुर जिले में एक भी मुरुम की खदाने स्वीकृत नहीं है तो फिर भला किसकी अनुमति से ये खदान चलाई जा रही है, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संतलाल पटेल के द्वारा पंचायतों में अवैध रूप से मुरुम का उत्खनन कर परिवहन करके करोड़ों रूपये सरकार के राजस्व की चोरी की जा रही, तो दूसरी तरफ खनिज विभाग के संरक्षण में नदियों से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कर पंचायतों में चोरी की रेत सप्लाई की जाती है खास तौर से परसवार पंचायत और भेलमा पंचायतों में संतलाल के नाम से हुए मुरुम और रेत के भुगतान ये गवाही दे रहे है। और पंचायतों में इस तरह के अवैध तरीके से खनिज की खरीदी कर सचिव बाकायदा अपना कमीशन लेने के लिए संतलाल को लाखो रूपये का हर महीने के भुगतान किये जा रहे है।
राजस्व की चोरी करता संतलाल पटेल
जिले के पंचायतों में अवैध खनिज सामग्री सप्लाई का किंग बन चुका संतलाल पटेल के द्वारा कि गई मुरुम की सप्लाई ये साफ बताती है की जिस खनिज सम्पदा के उत्खनन और परिवहन की अनुमति ही नहीं है आखिर उस चीज का भुगतान संतलाल कैसे ले रहा है और अगर ले रहा है तो क्या अवैध सामग्री सप्लाई की जीएसटी जमा करता है और करता है तो रॉयल्टी किस की दिखता है अपने आप में कई सवाल है देखना यह होगा की आखिर पंचायत सचिव इस खनन माफिया को कब तक अवैध कमाई के लिए पालते पोसते है चूंकि इस पूरे खेल में मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत सचिवों का भी कमीशन फिक्स है जिसके चलते इस तरह के फर्जी भुगतान संतलाल पटेल को लगातार किये जा रहे है।
आखिर खनिज विभाग की नजरो से क्यों दूर
जिले का खनिज विभाग जब खुद यह जानता है कि मुरूम की कोई खदान विभाग द्वारा न तो नीलामी के द्वारा दी गई है और न ही कही खदान किसी के नाम स्वीकृत है फिर उसके बाद विभिन्न कामो में पहुचती मुरूम कहा से आती है कौन लाता है उसकी नजरो से कैसे दूर है। समयान्तराल में कुछ एक अवैध मुरूम के वाहन पर विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए अवैध परिवहन का प्रकरण बनाया गया लेकिन अवैध उत्खन्न का प्रकरण उन परिवहन कर्ताओ के विरूद्ध क्यों नही बनाया गया आखिर जब मुरूम का कही से उत्खन्न किया गया होगा तभी तो उसका परिवहन हुआ है बहरहाल विभाग जिसे चाहे अभय दान दे या उसका अपना विषय है लेकिन इतना जरूर है कि शासन को अवैध मुरूम के उत्खन्न व परिवहन से करोड़ो के राजस्व की क्षति हो रही है।
इनका कहना है
अभी मैं बाहर हूं आकर अवैध मुरूम खदान की जाच कर कार्यवाही की जाएगी।
श्रीमती ईषा वर्मा खनिज निरीक्षक अनूपपुर