अनूपपुर मानपुर अवैध रेत खदान के माफिया विक्रम,गोपाल पुलिस लाइन के नाक के नीचे से कर रहे अवैध उत्खनन 
अनूपपुर - आप अनूपपुर रेत माफियाओं को दाद दे सकते है या ये कह सकते है कि गजब का गठबंधन है पुलिस,माफिया,खनिज का ऐसा इसलिए कि अनूपपुर की पुलिस लाइन जहां पर है वहां से चंद मीटर की दूरी पर मानपुर में अवैध रेत खदान संचालित है और यहाँ से कलेक्ट्रेट और खनिज विभाग की दूरी महज एक किलोमीटर है इसके बावजूद भी विक्रम सिंह और गोपाल राठौर की जोड़ी यहां अपने अवैध रेत कारोबारियों के साथ मिल कर रेत का भारी मात्रा में अवैध उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है पर धन्य है जिम्मेदार की उनके नाक के नीचे से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन बदस्तूर जारी तो है पर इनको इस बात की खबर न हो मुमकिन नही इसका सीधा मतलब यही निकलता है कि रेत माफियाओं के गजब का गठजोड़ है जो रात होते ही सोन नदी का चीरहरण करने लगते है पर इन्हें रोकने वाला कोई नही है
सूत्रों की माने तो मानपुर खदान में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन की जिम्मेदारी विक्रम सिंह और गोपाल राठौर ने ली है और इन्ही के संरक्षण में यहां से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है और यही दोनो पुलिस और खनिज विभाग को मैनेज करने का काम करते है,मानपुर खदान से अब तक लाखो गाड़ी रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन किया जा चुका है,
अब सबसे बड़ा सवालिया निशान खनिज विभाग के जिम्मेदारों पर है जिनको अपने कार्यालय से चंद कदमो पर हो रहे अवैध उत्खनन परिवहन की जानकारी अगर नही है तो और अगर है तो किसकी सह पर ये अवैध कारोबार संचालित हो रहा है बताये जिम्मेदार 
खनिज विभाग की शाख दांव पर
जबसे जिला खनिज अधिकारी की जिम्मेदारी आशालता वैद्य को सौंपी गई तबसे जिले का खनिम माफिया इस कदर हावी हुआ है कि पूरे जिले में माफिया राज चल रहा है जिला खनिज अधिकारी और उनके अधीनस्थ कर्मचारी खास तौर से खनिज निरीक्षक अपने अपने क्षेत्रों में खनिज माफियाओं को खुला संरक्षण देते आ रहे है अब काबिलेगौर करने वाली तो बात यह है कि जब जिस विभाग के कंधों पर अवैध उत्खनन परिवहन रोकने की जिम्मेदारी है वही संरक्षण करता बन गया तो भला अवैध उत्खनन और परिवहन पर कौन रोक लगायेगा
कलेक्टर कार्यालय के सामने से होता अवैध परिवहन
मानपुर खदान से निकलने वाली अवैध रेत का परिवहन कलेक्टर कार्यालय कलेक्टर बंगला एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं बंगले के सामने से हो कर अवैध परिवहन लगातार जारी है और तो और पुलिस लाइन के सामने से अवैध उत्खनम और परिवहन होना ये साबित करता है कि खनिज माफियाओं के बड़ा गठजोड़ है जिसके चलते इन पर कोई हाँथ नही डालता