अनूपपुर में किसानों की मुसीबत का जिम्मेदार कौन,धान बेचने के बाद भुगतान के लिए भटक रहे किसान 
अनूपपुर - जिले में धान खरीदी किसानों के लिए अब सबसे बड़ी मुश्किल बन गई है किसी कदर किसान धान खरीदी केंद्रों तक पहुंच गया और मुश्किलों से धान भी खरीदी केंद्रों में बेंच दी पर उसके बाद असल मे जो मुसीबत सामने पहाड़ बन कर टूटी उससे जिले के किसानों के लिए और मुश्किलें बढ़ा दी है दरसल धान खरीदी के बाद 72  घन्टो के अंदर खरीदी केंद्र से धान का परिवहन या तो वेयर हाउस या फिर मिलर के यहां हो जाना चाहिये और जब तक यह नही होता किसानों को बिक्री की गई धान का भुगतान नही हो पाता और जिले भर में कई धान खरीदी केंद्र ऐसे है जहां आज भी धान खरीदने के बावजूद 72 घन्टे की जगह लगभग महीना बीतने को आ रहा है धान का उठाव नही हो सका जिसके चलते धान विक्रय करने वाले अन्नदाता के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है उनको उनके धान का भुगतान नही हो पा रहा जिसके चलते अधिकतर किसान अपने आगे की खेती करने में या तो असमर्थ हो रहे है तो कई किसानों को अपने बच्चों का भविष्य जो धान विक्रय से तय करना था वो भी अधर में अटक गया है
इस बार धान खरीदी की जिम्मेदारी नेशनल कॉपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन की है और खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन समय रहते हो जाये जिसकी जिम्मेदारी इस कंपनी की बनती है मगर इस कंपनी के फील्ड ऑफीसर रोहन से हमारी बात हुई उनका कहना था हम कर रहे है क्या कर रहे है कैसा कर रहे है उसका अंदाज तो धान खरीदी केंद्रों में विगत महीने भर से पड़े बैक्लॉट से पता चलता है खैर कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते एन सी सी एफ कंपनी अपने मनमुताबिक काम करने में आमादा है जिसका खामियाजा सीधे सीधे किसानों को भुगतना पड़ रहा है   और जिसके चलते कई किसानों की अब हालात बिगड़ रहे है जिसके लिए कहीं न कही  पूरी जिम्मेदारी जिले में धान खरीदी करने आई नेशनल कॉपरेटिव कंज्यूमर  फेडरेशन की है