समूह धान खरीदी केंद्र किसानों को लूटने में आमादा,40 किलो 580 ग्राम की जगह किसानों से 41 किलो 200 ग्राम ले रहे धान,मामला दुर्गा स्वसहायता समहू जैतहरी का 
अनूपपुर - किसान की मुसीबतें कम होने का नाम नही ले रही कही प्राकृतिक आपदा मुसीबत बनती है तो कहीं खाद,बिजली की अनुपलब्धता इनके लिए मुसीबत बनती है और जब किसी कदर खेतों से फसल का तिनका तिनका समेट कर सरकार की मंशानुरूप मंडियों तक किसान पहुंचता है कि चलो कम से कम अब उसका अनाज वाजिब दाम पर सरकार खरीद लेगी पर यहां भी लुटेरों की जमात बैठी है कल हम पहुंचे थे जैतहरी के दुर्गा स्वसहायता समहू क्रमांक 2 बलबहरा खरीदी केंद्र जहां कृषि उपज मंडी केंद्र क्रमांक 1 में धान खरीदी चल रही थी जो नजारा था चौकाने वाला था एक तो सैम्पल के नाम पर एक से दो किलो धान लिया जा रहा था हर किसान से तो दूसरी तरफ दुर्गा स्वसहायता समहू के द्वारा कृषि उपज मंडी केंद्र क्रमांक एक मे जो धान खरीदी जा रही है उसमें किसानों को सीधे सीधे लूटने का काम इस समहू द्वारा किया जा रहा है और जहां सरकार के नियमानुसार धान की तौल हर बोरी में 40 किलो 580 ग्राम लेना है वही यह स्वसहायता समूह किसानों को लूटते हुए 41 किलो 200 ग्राम तौल ले रहा है जिसमे किसान को हर बोरी में  सीधे सीधे 620 ग्राम धान हर बोरी में अधिक ली जा रही है 40 किलो 580 ग्राम की जगह 40 किलो 600,650 ग्राम चलता है पर सीधा सीधा हर बोरी में 600 ग्राम से अधिक लेना किसानों को लूटने का काम है,जब हमने धान खरीदी कर रहे समहू के संचालक से बात की तो उसका साफ कहना था कि जो धान नही उठ रही और सूखेगी तो उसको क्या प्रशासन और पत्रकार भरेंगे सोचिये एक तरफ किसानों को खुले आम लूटा जा रहा है और ऊपर से ये कहा जा रहा है कि इसकी भरपाई कौन करेगा अरे साहब इसमे उस बेचारे किसान का क्या कसूर जो तिनका तिनका समेट आपके दरवाजे पर सरकार के नियमानुसार धान बेचने आया है आप तो सीधे सीधे उसके साथ डकैती को अंजाम दे रहे है और मरता क्या न करता कि तर्ज पर किसान मुह बंद कर आपसे लुटने को मजबूर है,क्या सरकार धान खरीदने के लिए किसानों के साथ डकैती करने का जिम्मा इन समूहों को दिया है ऐसा नही है पर जिम्मेदार जब ऑफीस में बैठ कर निगरानी करेंगे तो हालात तो ये होना ही है किसी खरीदी केन्द्र में किसान बन कर पहुंचिये तब हकीकत सामने आयेगी अधिकारी बन खाना पूर्ति करने जायेंगे तो लुट रहे किसान को न्याय मिल पाना तो दूर की कौड़ी है आप समझ भी नही पाएंगे कितने सलीके से किसानों के साथ ये समहू धान खरीदी के नाम पर छलावा कर रहे है