किसान अपने रोजगार और मुवावजा को लेकर करेगें जंगी प्रदर्शन भूपेश शर्मा 

शहडोल / रामपुर बुढार एस ई सी एल सोहागपुर एरिया अंतर गत रामपुर बटुरा खुली खदान परियोजना में रोजगार और मुवावजा को लेकर किसान बहुत परेशान हैं किसानों के साथ चर्चा उपरांत हालत को देखते हुए छोटी छोटी समस्याओ को लेकर मुववजा और रोजगार रोका जा रहा है बिलासपुर मुख्याल एल एन डार यानी राजस्व विभाग के आधिकारीयो के द्वारा तहसीलदार और एस डी एम के आदेश को अपने भाषा में चाहते हैं तो वही तहसीदरर और एसडीएम जैसे अधिकारियो का कहना है कि हमारी मर्यादा लिखने का भी है आए दिन किसान पूरे समय घर वार छोड़ कर क्वारी जैसे महामारी और तो और कोविट से भी खतरनाक साबित होते जा रहा है श्री शर्मा कहते हैं कि इन दोनों की गलती का खामियाजा की सजा बेचारे किसानों को दिया जा रहा है अब उनके पास सिर्फ और सिर्फ एक रास्ता बचता है खदान बंद करके बैठना उसमे भी अब अनावस्यक मुकदमा दर्ज करवाया जाता हैं और नुकसान का रिकवरी भरपाई की नोटिस पकड़ा दिया जाता है ऐसे में किसान क्या करें मरता क्या न करता लक्ष्मण रेखा का भी समय पूरा हुआ सरकारों के हाथ में एक बड़ा हथियार चुनाव के समय रहता है आचार संहिता का उलंघन ओ भी पूरा हुआ ग्राम पंचायत रामपुर के सरपंच, जनपद सदस्य जिला पंचायत सदस्य सहित गांव के प्रमुखों आम नागरिक जिसे बेचारे गरीब किसान कहा जाता है लेकीन हम अन्नदा ता या पालन हार कहते हैं इन सभी लोगो के प्रयास से आने वाले 10 जून से धन और धरती बट के रहेगी भूखी जानता अब न रहेगी, हम अपने दादा पुरखों की पसीने की कमाई से जंगल,पहाड़, ऊबड़ खाबड़ बंजर भूमि को खेती लायक और उपजाऊ जमीन बनाया उस ज़मीन को बिना पूछे बड़ी बड़ी मसीन लाकर खेत खलिहान खोद कर कोयला खदान चालू कर दिया मुवावज और रोजगार उपलब्ध कराने में लम्बी नाटक चला रहे हैं किसानों का कहना है की समस्या और समाधान दोनों एस ई सी एल और राज्य सरकारों के बीच में ही है अब किसानो ने निश्चित किया है की जैसे समस्या उनके द्वारा उत्पान्य हुआ है दोनों मिलकर समाधान भी करें किसान थक गया और हार भी गया सच कहूं तो अब पानी सर से ऊपर हो रहा है किसान रोता हुआ मिलेगा और यह भी कह रहा की हमे नहीं चाहिए नौकरी और मुवाबजा हमे हमारा खेत खलिहान बाग बगीचा गाय को गोदुल हमारी संस्कृति हमारा चोपाल हमारा अपना गांव उद्योग के आने से जन जीवन के लिए बहुत जरूरी है लेकीन उल्टा हुआ भाई चारे रिश्ते नाते टूट गए और पुलिस कोर्ट कचहरी चालू हो गया अचल संपत्ति समाप्त और रिश्ते भी समाप्त हो गय ऐसे तो बेरोजगार युवाओं का ही ठीक था बच्चे घर में अपने नजर के सामने होते थे पैसे से महत्त्व पूर्ण हमारा अपना परिवार था 
जिले के नए मुखिया जिला कलेक्टर महोदय से प्रेस के माध्यम से निवेदन है कि हमारे किसानों के समस्या का समाधान करें नहीं तो हमारा जमीन हमे वापास कराए जिस तरह से जमीन अधिग्रहण के बाद क्लब करके किसान आपत्ति करता है और एस ई सी एल उसे नौकरी और मुवाबजा में रोक लगा रही है उसी तरह से हम ग्रामीण जन, पेसा एक्ट कानून को ध्यान में रखते हुए ग्राम सभा प्रस्ताओ पास करते हैं की खदान बंद किया जाए और किसानों का खेत खलिहान वापास किया जाए हमारा भी कागज बदल दिया जाए इस बार जिला प्रशासन एस ई सी एल के जिम्मेदार अधिकारियों को यहां बुलाए उनको क्या चाहीए मिलकर मौके पर निर्णय करें उक्तसाय की जानकारी देते हुए किसान नेता भूपेश शर्मा, जनपद सदस्य चन्द्र कुमार तिवारी, झोले बैगा पूर्व सरपंच, प्रमोद बैगा राजाराम, राजू सोनी, नेमसाए, रामाकांत, आदित्य त्रिपाठी, आंनद जी, राजकमल मिश्रा, ओम प्रकाश दुवेदी, जुगल किशोर जी, बालमिक, बाबूलाल साहू, प्रीतम लाल, सज्जन महराज,मूलचंद गुप्ता, बालमीक विद्वकर्मा, नत्तू नापित, विजय, सजन बैगा लवकुश साहू सहित सभी लोगों ने चेतवनी दी