कोतमा कांग्रेस नगर पालिका अध्यक्ष अजय सराफ का भाजपा के मंच पर जाना दे रहा नया संकेत क्या कांग्रेस से पाला बदलने की तैयारी में है कोतमा नगर पालिका अध्यक्ष

कोतमा कांग्रेस नगर पालिका अध्यक्ष अजय सराफ का भाजपा के मंच पर जाना दे रहा नया संकेत
क्या कांग्रेस से पाला बदलने की तैयारी में है कोतमा नगर पालिका अध्यक्ष
इन्ट्रो- मध्य प्रदेश की सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनने के बाद कोतमा भाजपा विधायक दिलीप जायसवाल शुक्रवार की देर रात अपनी ग्रह विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे इस दौरान नगर पालिका कोतमा के कांग्रेस अध्यक्ष अजय सर आपने बस स्टैंड पर नगर पालिका की तरफ से उनका स्वागत किया लेकिन उसके बाद जिस तरह से नगरपालिका अध्यक्ष गांधी चैक में आयोजित भाजपा के स्वागत सम्मान समारोह में मंच पर पहुंच गए उसको देखने के बाद अब यह बेहिचक कहा जा सकता है कि कोतमा नगर पालिका अध्यक्ष अब कांग्रेस से भाजपा में जाने की तैयारी में लगे हैं।
अनूपपुर। एक पुरानी कहावत है कि जब सितारे गर्दिश में होते हैं तो साया भी साथ छोड़ देता है और यह कहावत इस समय कोतमा की राजनीति में सटीक बैठ रही है। कोतमा कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील सराफ के परछाई की तरह काम करने वाले कोतमा नगर पालिका के अध्यक्ष जो अपनी नगर पालिका के अध्यक्ष की कुर्सी पर भी सुनील सराफ को बैठाकर अपनी वफादारी का प्रदर्शन करने में पीछे नहीं हटते थे वही अजय सराफ जैसे ही सुनील सराफ विधानसभा में चुनाव हार गए उनसे दूरी बनाने लगे थेस वैसे तो राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा की माने तो चुनाव के दौरान भी इस बात की चर्चा थी कि अपना आगे का रास्ता साफ करने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष के बड़े भाई पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कांग्रेस के बड़े नेता मनोज सराफ अंग भीतर भीतर कुछ खेल खेल रहे हैं और अब इस बात के लिए किसी को भी प्रमाण देने की जरूरत नहीं है अब खुद ही दिलीप जायसवाल के मंत्री बनने पर भाजपा के मंच पर खड़े होकर नगर पालिका कांग्रेस के अध्यक्ष अजय सराफ ने चुनाव के दौरान उठ रहे सवालों का जवाब दे दिया है।
अध्यक्ष बनाने में भी थी कुछ भाजपा के नेताओं की भूमिका
कोतमा नगर पालिका में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर भले ही उसे समय के कांग्रेस विधायक सुनील सराफ ने अपनी वाहवाही ही लूटी थी लेकिन यह किसी से छिपा नहीं है कि अजय श्रॉफ को नगर पालिका अध्यक्ष बनाने में भाजपा के ही कुछ बड़े नेताओं ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। क्योंकि उसे समय भाजपा ने नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में जिस प्रत्याशी को मैदान में उतारा था उसे उन लोगों का राजनीतिक समीकरण में 36 का रिश्ता है और आज जब प्रदेश में पुणे भाजपा सरकार बन गई और कोतमा से भाजपा विधायक प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री बना दिए गए तो अध्यक्ष बनाने में पीछे की भूमिका निभाने वाले भाजपा नेताओं ने अब उन्हें भाजपा में शामिल कराने की कोशिश में जुटे हैं।
अब क्या करेंगे कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील सराफ
विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद गुमनामी के साथ खामोशी की चादर ओढ़ कर अपने नए राजनीतिक भविष्य का ताना-बाना बुनने व्यस्त कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील सराफ के लिए कोतमा की कांग्रेस की नगर सरकार का भाजपा में विलय होना सबसे बड़ा झटका हो सकता है। इसके पीछे का कारण बताते हुए राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कोतमा की राजनीति में जिंदा रहने के लिए कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील सराफ को कोतमा नगर पालिका की कांग्रेस सरकार से ही संजीवनी मिल सकती है। फिलहाल अब जब राजनीतिक गलियारों में कोतमा की कांग्रेस की नगर सरकार का भाजपा में विलय होने की चर्चा चल रही है तो वही साथ में अब इस बात की भी चर्चा चलने लगी है कि अगर ऐसा हो गया तो सुनील सराफ क्या करेंगे फिलहाल यह चर्चा अटकलें पर आधारित है लेकिन राजनीति में कुछ भी संभव नहीं कहा जा सकता और जिस तरह से भाजपा के मंच पर कोतमा नगर पालिका के अध्यक्ष ने मौजूद रहकर दिलीप जायसवाल का स्वागत किया है उसे इस चर्चा को बल ही मिल रहा है।