कोतमा के लहसुई मे हुई पहली इस्तेमाई निकाह @रिपोर्ट - मो अनीश तिगाला

कोतमा के लहसुई मे हुई पहली इस्तेमाई निकाह
@रिपोर्ट - मो अनीश तिगाला
अनूपपुर / गरीबी व महंगाई के इस दौर मे गरीब परिवार को शादी करना बेहद परेशानियों भरा हो चला है ऐसे ही कुछ हालात को देखते हुए एक नेक काम की शुरुआत अनूपपुर जिले के कोतमा नगरपालिका अंतर्गत लहसुई की अंजुमे अशरफिया व लहसुन गांव के तमाम मुस्लिम समाज ने 30 मई 2023 पहली इस्तेमाई निकाह का प्रोग्राम करा कई गरीब परिवारों का घर बसा कर काबिले तारीफ का काम किया है , पहली मर्तबा लहसुई मे हो रहे
इस्तेमाई निकाह मे लोगो का जबरदस्त जज्बा देखने को मिला हर जहाँ हर समाज के लोगों ने गरीब बच्चों के निकाह में बढ़-चढ़कर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से मदद की, बाद नमाज ईशा के बाद हुई निकाह मे हर समाज के लोग शादी के मंडप में नए जोड़ों को दुआएं देते हुए देखें इस अवसर पर इज्तेमाई निकाह में कोतमा विधायक सुनील सराफ, नगर पालिका अध्यक्ष, पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष प्रभात मिश्रा, भी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने पहुंचे । उन्होंने अपनी ओर से आशीर्वाद स्वरुप बेटियों को उपहार भी भेंट में दिया। और समाज की इस पहल की सरहाना की।
मैनेजमेंट में लगे रहे सैकड़ों लोग
कोतमा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत लहसुई में पहली मर्तबा हुए इज्तेमाई निकाह में करीब 08 जोड़ो के सैकड़ों मेहमानों ने शिकरत किया। इसमें लड़की और लड़के पक्ष के मेहमानाें के अलावा तकरीरी प्रोग्राम को सुनने वालाें की भी संख्या कम नहीं थी। निकाह के लिए फाइल बनाने से लेकर खाने पीने तक के इंतजाम को बेहतर ढंग से मैनेज किया गया। इसके लिए सकलैन अकादमी के करीब सैकड़ों लोग लगे थे, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाई।
सैकड़ों लोगों ने निभाई जुम्मेदारी
इस इस्तेमाई निकाह के लिए सैकड़ों लोग कई महीनों से व्यवस्था पर लगे हुए थे, क्षेत्र के चारों ओर गरीब परिवारों के बीच इस इस्तेमाई शादी का ऐलान करवाया जा रहा था, वही इस व्यवस्था से जुड़े लोग गरीब परिवारों के बीच पहुंचकर इस्तेमाई सादी मे निकाह कराने की जानकारी जरुरत मंदो को दे रहे थे जिसका नतीजा भी बेहतरीन निकल कर सामने आया और पहली मर्तबा हो रहे इस इस्तेमाई निकाह मे जिले भरवा आसपास के ग्रामों जिनमे
चिरमरी, अंबिकापुर, लहसुई, भालूमाडा, जमुना, धनपुरी, शहडोल, गावो से एक एक जोड़ो ने इस्तेमाई शादी में रजिस्ट्रेशन करा कर निकाह पढ़ा |
जरूरत के दिए गए सामान
समाज के द्वारा ऐसे परिवारों से संपर्क किया गया। गरीब परिवार तलाशे गए जिनकी बेटियों के रिश्ते लगभग कई साल से तय कर रखे गए थे लेकिन रुपयों के अभाव में शादी नहीं हो पा रही थी। तब लहसुई गाँव के मुस्लिम समाज के लोग आगे आए और इन बेटियों का निकाह करवाया। वहीं इनके गृहस्थ जीवन के लिए जरूरत के सामान भी समाज के दानदाताओं की मदद से मुहैया करवाया गया। अनूपपुर निवासी मो अहसानुल हक़ ने कहा की , इज्तेमाई शादियां (सामूहिक) बहुत ही अच्छी होती हैं.इसमें लड़की के माता-पिता पर ज़्यादा भार नहीं पड़ता,सामाजिक तौर पर ये सुधार का काम है. अमीर हो या गरीब ,सबकी यहाँ एक साथ शादी हो जाती है, इसमें किसी को ये अहसास नहीं होता कि वो गरीब है."