कोतमा विधानसभा चुनाव में किंग चाहे जो बने, किंग मेकर रहेंगे खनिज माफिया
एक लगाओं दस कमाओं की स्कीम प्रत्याशीयों की चालू

इन्ट्रो- शहडोल संभाग की एकमात्र सामान्य सीट कोतमा विधानसभा में पल-पल बदलती चुनावी तस्वीर के साथ पर्दे के पीछे से जो कहानी निकाल कर आ रही है वह यह बता रही है कि कोतमा में असली लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं खनिज माफिया के बीच में है अगर सीधे-सीधे शब्दों में कहा जाए तो एक तरफ दिलीप बिल्डकॉन है तो दूसरी तरफ बिजुरी का खेड़िया अब यह देखना है कि कौन किस पर भारी पड़ता है। वही जनचर्चा है कि भजपा और कांग्रेस प्रत्याषियों के यहां खनिज माफियाओं को देखा जा रहा है। और कहा तो यह भी जा रहा है कि दोनो दलों के प्रत्याषियों ने एक लगाओं और दस कमाओं की स्कीम का आफर खनिज माफियाओं को कर रहें है।
अनूपपुर। कोतमा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी इस समय भाजपा और कांग्रेस नेताओं के सर चढ़कर बोल रही है तो आम जनता अभी भी साइलेंट मोड में नजर आ रही है। फिलहाल इस क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई मानी जा रही है कौन जीतेगा कौन हारेगा के आकलन में जुटे कोतमा विधानसभा की चुनावी नब्ज के जानकारी का कहना है कि यहां पर चाहे बीजेपी जीते या कांग्रेस हारेगी जनता ही और यह भी तय है कि किंग मेकर की भूमिका में खनन माफिया ही रहेंगे इसके पीछे चुनावी विशेषज्ञ यह भी कह रहे हैं कि कोतमा क्षेत्र में कोयला पत्थर, रेत और  ग्रेनाइट, अभर्क की भरमार है और यहां पर कोयले की एक दर्जन से ज्यादा तो पत्थरों की लगभग पचास, ग्रेनाइट की आधा दर्जन, संचालित होती है। और सूत्रों की माने तो अधिकतर खदानें भाजपा और कांग्रेस के नेताओं की हैं और यह खदाने सारे नियम कानून को ताक पर रखकर अवैध ढंग से खनन कार्य के साथ-साथ इस क्षेत्र की प्राकृतिक संपदा का दोहन किया जाता है। यह तय है कि अवैध काम के पीछे किसी ने किसी बड़े नेता का हाथ होता है लेकिन कोतमा क्षेत्र में अजब ही कहानी है यहां के नेता ही अपराधी है और यहां के नेता ही खनन माफिया लेकिन वर्तमान विधानसभा चुनाव 2023 में कहानी थोड़ी सी बदली हुई है अब कोतमा से बाहर के भी खनन माफियाओं की नजर कोतमा क्षेत्र में है और वह अपने-अपने समर्थक को विधायक बनने के लिए की जान से लगे हुए हैं इसके पीछे उनका बस एक ही स्वार्थ है कि जब उनका विधायक बन जाएगा तो वह इस क्षेत्र की खनिज संपदा को दोनों हाथों से लूटेंगे और विधायक मौन खड़ा रहेगा।
कांग्रेस के साथ खेड़िया का आशीर्वाद
2018 के चुनाव को देखा जाए तो उसे समय अनूपपुर जिले का सबसे बड़ा खनन माफिया खेड़िया में खुलेआम कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ का समर्थन किया था और यही नहीं कांग्रेस के विधायक बन जाने के बाद खेड़िया ने अपने अवैध कारोबार को बढ़ाते हुए कांग्रेस के समर्थन में जो भी पैसा खर्च किया था उसका कई गुना अवैध खनन से वसूल लिया, यही कारण था कि अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक ने कोतमा क्षेत्र में खनिज संपदाओ की मची लूट के खिलाफ कभी भी अपनी आवाज नहीं बुलंद की यही नहीं इस क्षेत्र में रेत माफियाओं का आतंक भी सर चढ़ कर बोलता रहा लेकिन मिलती चढ़ने की राशि के कारण कांग्रेस विधायक ने ऐसी चुप्पी साथ रखी थी कि आम लोगों की समझ में नहीं आ रहा था कि छोटी-छोटी बातों में ललकारने वाला कांग्रेस का विधायक पत्थर कोयला रेत माफियाओं के अवैध धंधे के मामले में क्यों चुप है I
दिलीप के ऊपर दिलीप बिल्डकॉन का हाथ
स्थानीय जनता के विरोध के कारण आमाडाड़ में अपनी कोयले की ओपन खदान शुरू करने में विफल दिलीप बिल्डकॉन की कंपनी ने भले ही अपनी खदान को सलेंडर करते हुए एसईसीएल से हर जाने का दावा करके मुकदमा लड़ रही है लेकिन उसकी नजर आज भी इस क्षेत्र की कोयला और ग्रेनाइट के साथ-साथ क्रेशर उद्योग पर टिकी हुई है यही कारण है कि इस बार दिलीप बिल्डकॉन ने भाजपा प्रत्याशी प्रधान लगाते हुए उनका टिकट ही नहीं दिलवाया बल्कि कहा जाए कि उन्होंने जीत के लिए भी एक मोटी रकम इस क्षेत्र में खर्च कर रहे हैं जिसके पीछे इस कंपनी का एक ही मकसद है इस क्षेत्र के खनिज संपदाओं की लूट यहां पर यह भी बता दिया जाए कि इसके पहले जब दिलीप जायसवाल इस क्षेत्र के विधायक थे तो दिलीप बिल्डकॉन ने कोतमा विधानसभा क्षेत्र की कई सड़कों का निर्माण किया था जहां पर उसने सारी नियम कानून पर ताप पर रखकर कई जगह अवैध ढंग से खनन कार्य किया था जिसकी गधे सबूत के तौर पर आज भी मौजूद हैं। अब देखना यह है कि दिलीप बिल्डकॉन का दिलीप लगाया गांव कितना सफल होता है यह तो नहीं पता लेकिन यह भी स्पष्ट है कि भाजपा के ही अन्य खनन माफिया खुलकर दिलीप के साथ हैं जिसमें से कई तो जिला भाजपा पदाधिकारी भी हैं और इनका मानना है कि दिलीप के विधायक बन जाने के बाद उनका कला धंधा और जोरो से चमक उठेगा।
एक लगाओ 10 कमाओ कि चालू है स्कीम
कोतमा विधानसभा में चल रही चर्चा के अनुसार इस क्षेत्र के खनन माफिया भाजपा और कांग्रेस में पैसा लगा रहे हैं सूत्रों की माने तो दोनों दलों के प्रत्याशियों के नजदीक रहने वालों ने खुलेआम खनिज माफिया को इस बात का संदेश दिया है कि अगर आप चुनाव में हमारे प्रत्याशी के साथ एक लगते हैं तो आपको 10 कमाने का मौका दिया जाएगा ऐसा संदेश पाने के बाद कोतमा के खनिज माफिया वह चाहे अवैध पत्थर के माफिया हो, या रेत के माफिया, या फिर यह कहा जाए कि वह काले हीरे कोयले के माफिया सभी एक लगाओ 10 कमाओ के चक्कर में  भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं।