19 सितम्बर से शुरू होगा गणेश उत्सव, मूर्तिकार दे रहे प्रतिमा को मूर्त रूप

19 सितम्बर से शुरू होगा गणेश उत्सव, मूर्तिकार दे रहे प्रतिमा को मूर्त रूप
कोतमा / नगर सहित कोयलांचल एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास के साथ गणेश उत्सव पर्व मनाए जाने को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। बंगाल से आये मूर्तिकार गणेश प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। नगर सहित कोयलांचल एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पंडालों में भव्य मूर्ति की स्थापना की जाती है, इस वर्ष 10 फीट तक की ऊंची प्रतिमाएं स्थापित की जाएगीं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी गणेश उत्सव पर्व को लेकर जोर शोर से तैयारियां शुरू हो गई हैं ।19 सितम्बर से गणेशोत्सव शुरू होगा। गणेश उत्सव के लिए मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों पर महंगाई की मार देखने को मिल रही है । पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सामानों की कीमतों में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है । जिसके कारण मूर्ति कारों की पूंजी भी निकलना मुश्किल हो रहा है । गणेश चतुर्थी से लेकर दुर्गा पूजा तक प्रतिमा निर्माण को लेकर जिले में 50 लाख से भी अधिक का कारोबार होता है। इस बार उत्सव आयोजन करने समितियों ने तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। गणेश उत्सव पर्व बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा जिसको लेकर गणेश समितियों के द्वारा मूर्तियों के ऑर्डर भी दे दिए गए हैं । मुखर्जी चौक में वर्षों से मूर्ति बनाने वाले रमेश पाल ने बताया कि वे हर साल 1 हजार से ज्यादा बड़ी व छोटी मूर्तियां पंडालों के लिए कि इस बार महंगाई के कारण उनकी लागत भी वसूल होती नहीं दिख रही है । नगर में मूर्ति बनाने वाले गोपाल पाल ने बताया कि वे हर बार जून से ही मूर्तियां बनाने का काम शुरू कर देते हैं। जुलाई तक सारी मूर्तियां तैयार हो जाती हैं। इसके बाद ज्यादा ऊंचाई वाली मूर्तियां बनाते हैं, इस बार भी 10 फीट ऊंची मूर्ति बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार उन्होंने पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष ज्यादा मूर्तियां बनाई है उन्होंने बताया कि 250 मूर्तियां हमारे द्वारा बनाई गई है। महंगाई की मार हम लोग भी झेल रहे हैं ।
मिट्टी से बन रही प्रतिमाएं - मूर्ति बनाने वाले रमेश पाल एवं गोपाल पाल ने बताया कि छोटी बडी प्रतिमाएं मिट्टी से बना रहे हैं। उन्होंने मिट्टी की मूर्ति बनाने में समय लगता है। जून से ही काम शुरू कर दिया था। मूर्ति में मुकुट से लेकर हाथ तक सब हाथों से बनाने पड़ते हैं। सांचे से सिर्फ चेहरा बनाते हैं। मूर्तिकारो ने बताया कि मिट्टी की मूर्ति बाजार में मंहगी होती है इसलिए लोग कम खरीदते हैं। लेकिन पर्यावरण सुरक्षा के लिए हम मिट्टी की मूर्ति बना रहे हैं। लोगों को मिट्टी की ही प्रतिमाएं खरीदनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रतिमाओं में रंग रोगन का कार्य कलाकारों के द्वारा किया जा रहा है ।
सिंहासन वाली ज्यादा प्रतिमाएं - मूर्तिकार रमेश पाल ने बताया कि इस बार ज्यादातर छोटी बड़ी प्रतिमाएं भगवान गणेश की सिंहासन पर विराजमान कर बनाया जा रहा है ।
गणरा सामातपा के द्वारा भूतिया के आर्डर मादादए गए है । मुखर्जी चौक में वर्षों से मूर्ति बनाने वाले रमेश पाल ने बताया कि वे हर साल 1 हजार से ज्यादा बड़ी व छोटी मूर्तियां पंडालों के लिए बनाते आ रहे हैं । इस बर्ष छोटी बडी मूर्तियां तैयार की जा रही हैं । इस वर्ष वह एक फिर से लेकर 10 फीट तक की गणेश प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1000 से लेकर 15000 रुपए तक की कीमत की मूर्तियों का निर्माण किया गया है रमेश पाल ने बताया कि इस बार वे 250 गणेश जी की प्रतिमा बनाई है । उन्होंने बताया कि महंगाई के कारण सामग्रियों के कीमतें 20 गुना बढ़ गई है । सजावट का सामान वह कोलकाता से लेकर आते हैं स्थानीय स्तर पर भी मिट्टी बांस लकड़ी सुतली के रेट भी बढ़ गए हैं । उन्होंने बताया कि इस बार महंगाई के कारण उनकी लागत भी वसूल होती नहीं दिख रही है । नगर में मूर्ति बनाने वाले गोपाल पाल ने बताया कि वे हर बार जून से ही मूर्तियां बनाने का काम शुरू कर देते हैं। जुलाई तक सारी मूर्तियां तैयार हो जाती हैं। इसके बाद ज्यादा ऊंचाई वाली मूर्तियां बनाते हैं, इस बार भी 10 फीट ऊंची मूर्ति बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार उन्होंने पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष ज्यादा मूर्तियां बनाई है उन्होंने बताया कि 250 मूर्तियां हमारे द्वारा बनाई गई है । महंगाई की मार हम लोग भी झेल रहे हैं ।
मिट्टी से बन रही प्रतिमाएं - मूर्ति बनाने वाले रमेश पाल एवं गोपाल पाल ने बताया कि छोटी बडी प्रतिमाएं मिट्टी से बना रहे हैं। उन्होंने मिट्टी की मूर्ति बनाने में समय लगता है। जून से ही काम शुरू कर दिया था। मूर्ति में मुकुट से लेकर हाथ तक सब हाथों से बनाने पड़ते हैं। सांचे से सिर्फ चेहरा बनाते हैं। मूर्तिकारो ने बताया कि मिट्टी की मूर्ति बाजार में मंहगी होती है इसलिए लोग कम खरीदते हैं। लेकिन पर्यावरण सुरक्षा के लिए हम मिट्टी की मूर्ति बना रहे हैं। लोगों को मिट्टी की ही प्रतिमाएं खरीदनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रतिमाओं में रंग रोगन का कार्य कलाकारों के द्वारा किया जा रहा है ।
सिंहासन वाली ज्यादा प्रतिमाएं मूर्तिकार रमेश पाल ने बताया कि - इस बार ज्यादातर छोटी बड़ी प्रतिमाएं भगवान गणेश की सिंहासन पर विराजमान कर बनाया जा रहा है ।