सुन लो लल्लन महाराज, तुम्हारे काले धंधे काले कारनामों की खुल गई है पोल, वह दिन दूर नहीं तुम जब हो गए जेल के शिकंजे के पीछे@राम भैया की रिपोर्ट

सुन लो लल्लन महाराज, तुम्हारे काले धंधे काले कारनामों की खुल गई है पोल, वह दिन दूर नहीं तुम जब हो गए जेल के शिकंजे के पीछे@राम भैया की रिपोर्ट
पत्थर माफिया लल्लन महाराज का कौन सा राज खोलना चाहती थी वह महिला जिसे वह जबरदस्ती मीडिया के सामने से हाथ पकड़ कर ले जाकर उसे घर में पहुंचा दिए जिसकी बाईट लेने से रोकने के लिए उन्होंने सर्वोच्च सत्ता टीम के साथ झड़प भी की ऐसा कौन सा राज्य छिपा है उस महिला के पास जिससे झिपाने मे लगे हैं पत्थर माफिया अनूपपुर जिले के सरगना लल्लन महाराज
पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के दोनीय बसही, पमरा, मैं अवैध पत्थर खनन करके छत्तीसगढ़ तक अपना अवैध खनन में साम्राज्य कायम करने वाले चर्चित पत्थर माफिया घनश्याम तिवारी उर्फ लल्लन महाराज क्या हुआ कौन सा राज्य है जिसे वह आदिवासी महिला खोलना चाहती थी लेकिन उसे महिला को मीडिया के कैमरे के सामने देखकर बोखलाए पत्थर माफिया ने मीडिया के सामने ही उसे महिला का हाथ पड़कर उसके घर के अंदर पहुंचा दिया और फिर वहां पर वह पत्थर माफिया ने चैलेंज करते हुए कहां की यह मेरा घर है इस घर में आप क्यों खुश रहे हैं वही घर के अंदर से वह महिला चिक चिक के चिल्ला रही थी कि मुझे कुछ कहना है लेकिन पत्थर माफिया घनश्याम तिवारी उर्फ लल्लन महाराज ने मीडिया के कैमरे को रोकने के साथ-साथ इस बात का खुला चैलेंज दिया कि आपको किसी के घर में घुसने का कोई अधिकार नहीं हैl यहां पर सवाल खड़ा होता है कि उसे आदिवासी महिला के पास पत्थर खनन माफिया घनश्याम तिवारी उर्फ लल्लन महाराज का वह कौन सा राज है जिसे वह मीडिया के सामने उजागर नहीं होना देना चाहते यहां पर यह भी बता दिया जाए की छत्तीसगढ़ पेंड्रा निवासी घनश्याम तिवारी उर्फ लल्लन महाराज अपनी दबंग गई और गुंडे के बल पर इस क्षेत्र में ऐसे कई काले कारनामों को अंजाम दिया है जिसकी पोल खोलने से अब वह चल रहे हैं अवैध उत्खनन अवैध परिवहन और मध्य प्रदेश के पत्थरों को ले जाकर छत्तीसगढ़ में सप्लाई करने वाले ललन महाराज की जब पोल खोलने लगी है तो वह बौखलाहट में ऐसी अनाप-शनाप करके करने लगे हैं जिसकी जितनी निंदा की जाए वह काम हैl फिलहाल आप ललन महाराज के काले कारनामों की जब जहां शुरू ही हो गई है तो उन्हें खनिज विभाग के जांच का सामना करना चाहिए ना कि मीडिया को कैमरा चलाने से रोकना अगर वह मीडिया को कैमरा चलाने से रोकना चाहते हैं तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल है और वह भूल गए हैं कि कानून किसी का मोहताज नहीं होता यह वही भारतीय संविधान का कानून है जिसे प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी को जेल के सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था लल्लन महाराज अपने दोनों कानों को खोल के सुन लीजिए अब आपके काले कारनामों के दिन लग गए हैं और वह दिन दूर नहीं है जब कानून के शिकंजे में उलझ कर जेल के सलाखों के पीछे होंगे