सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के साथ जिले को खनिज माफिया से मुक्ति सबसे बड़ा सवाल
आज दिलीप जायसवाल करेंगें सरकारी विभागों की समीक्षा 

इन्ट्रो-प्रदेश मंत्रिमंडल में राज्य मंत्र स्वतंत्र प्रभार बनने के बाद कोतमा भाजपा विधायक दिलीप जायसवाल अपने गृह क्षेत्र के प्रथम प्रवास पर आए हैं इस दौरान वह आज शनिवार को शाम 6 बजे अनूपपुर जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे इस दौरान वह जिले की विभिन्न समस्याओं के साथ-साथ जिले की प्रशासनिक मशीनरी को सक्रियता के साथ जनता के हितों की रक्षा का भी दिशा निर्देश दे सकते हैं। ऐसे में उनके सामने अनूपपुर के कई भ्रष्ट विभागों में सांप की कुंडली की तरह कई वर्षों से जमे अधिकारी और बाबू सबसे बड़ी चुनौती होंगे।

 


अनूपपुर। मुख्यमंत्री के शपथ लेते ही जहां प्रदेश में शिवराज युग का अंत होगा वही मोहन यादव के युग का श्री गणेश प्रदेश की सत्ता का चेहरा बदलने के कारण इस बात की भी संभावना है कि ब्यूरो क्रेट भी भारी उलट फेर होगा स इस उलट फेर में अनूपपुर जिले पर भी इसका असर पड़ेगा यह तय माना जा रहा है। अभी तक अनूपपुर जिले में जो भी प्रशासनिक संरचना है उसको शिवराज के द्वारा ही संचालित किया जाता रहा है भले ही इसमें अनूपपुर के भाजपा नेताओं और भाजपा विधायकों की भूमिका रही हो लेकिन यह तय है कि बड़े प्रशासनिक उलट फेर में हमेशा से शिवराज की ही पसंद सर्वोपरि रही है स 16 साल से ज्यादा मुख्यमंत्री होने के कारण जन-जन में लोकप्रिय और अधिकारियों से भी अच्छे संबंध के कारण जिले की प्रशासनिक ढांचे की उसे तरह से सर्जरी नहीं हो पा रही थी जिसकी जरूरत यहां की जनता बहुत दिनों से महसूस कर रही है लेकिन अब जब प्रदेश में शिवराज युग का अंत हो गया है और मोहन यादव युग का श्री गणेश तो इस बात की संभावना बढ़ गई है कि अब कहीं ना कहीं मलाईदार विभागों में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों को अनूपपुर से जाना होगा या उन्हें अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना होगा क्योंकि नई प्रशासनिक व्यवस्था के तहत अधिकारियों की सर्जरी होना तय माना जा रहा है। आज जब प्रदेश मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनने के बाद कोतमा भाजपा विधायक दिलीप जायसवाल जिले की समीक्षा बैठक 6ः30 बजे करने जा रहे हैं तो आम जनता के जेहन में यह सवाल कौन रहा है कि अनूपपुर जिले में वर्षों से सांप की तरह कुंडली मार कर बैठे भ्रष्ट अधिकारियों पर लगाम लगेगी उनकी कार्यशैली बदलेगी या फिर पिछली सरकार की तरह भ्रष्ट  अधिकारियों की मनमानी चलती रहेगी। फिलहाल अब यह सबसे बड़ा सवाल जो अनूपपुर की जनता की तरफ से है अब देखना यह है कि दिलीप जायसवाल भ्रष्टाचार और खनिज माफिया के राज से क्या इस जिले को मुक्ति दिला पाएंगे। 


जिले के सबसे भ्रष्ट खनिज विभाग में बदलाव होना जरूरी


अनूपपुर जिले में सबसे भ्रष्ट विभाग की गिनती की जाए तो खनिज विभाग का नंबर सबसे पहले आता है अगर यह कहा जाए की जिले में भ्रष्टाचार के मामले में खनिज विभाग नंबर वन पर है तो गलत नहीं है। इस विभाग में कई अधिकारी और कर्मचारी कई वर्षों से यहां पर अंगद की पांव की तरह जेम पड़े हैं और अपने संरक्षण में माफियाओं को जिले की खनिज संपदा की लूट करने की खुली छूट प्रदान कर रखी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अगर शिकायत के मामले में भी देखा जाए तो इस विभाग की दर्जनों शिकायत खनिज सचिव मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री और पीएमओ तक में लंबित पड़ी है। यही नहीं इस विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की मनमानी की एक दर्जन से ज्यादा सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायतें लंबित है परंतु शिवराज सरकार द्वारा इनका संरक्षण प्रदान किया जा रहा था लेकिन अब जब प्रदेश में मोहन यादव की सरकार काम शुरू करने वाली है तो अनूपपुर की जनता नई सरकार से इस बात की उम्मीद कर रही है कि अनूपपुर की खनिज संपदा की लूट को खुला संरक्षण देने वाले खनिज विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों को अनूपपुर के जिले से बाहर का रास्ता दिखाया जाए जिससे यहां की खनिज संपदा कि सुरक्षा हो सके।


पंचायत में भी जमे भ्रष्टाचारियों को भी बदलना जरूरी


जिले में भ्रष्टाचार के मामले में नंबर दो पायदान पर जिला पंचायत द्वारा संचालित जनपद पंचायत में जमे बाबू अधिकारी और इंजीनियर का नाम आता है। एक सर्वे के हिसाब से कहा जाए तो जनपद पंचायत और जिला पंचायत में कुंडली मारकर बैठे बाबू और इंजीनियरों को यहां से हटा दिया जाए तो इस जिले में पंचायत विभाग के भ्रष्टाचार में अपने आप 50 प्रतिषत की कमी आ जाएगी। फिलहाल चाहिए यह कहां जाए कि सत्ता का दबाव रहा हो कुंडली मार कर बैठे बाबू और अधिकारी इंजीनियरों का सत्ता के गलियारों में पकड़ मजबूत होने के कारण लाख शिकायतों के बाद भी ना तो इन पर कोई कार्यवाही हो रही है और नहीं इनके अंदर सुधार अब जब प्रदेश में नए मुखिया के हाथ में सत्ता की बागडोर आयी है तो जनता पंचायत विभागों में जमे ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के यहां से विदाई की राह देख रहे हैं।


जिले में भ्रष्टाचार के मामले में नंबर तीन पर वन विभाग


जिले में भ्रष्टाचार की चर्चा हो और वन विभाग का नाम ना आए यह हो नहीं सकता जिले में भ्रष्टाचार के नंबरिंग में नंबर तीन पर वन विभाग को लिया जा सकता है। खनिज और वन विभाग दोनों एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं और दोनों विभाग के पास प्रकृति द्वारा दी गई अकूत संपदा है लेकिन जैसे खनिज विभाग के भ्रष्टाचार मे लिप्त अधिकारियों के कारण जिले की खनिज संपदाओं की लूट मची हुई है इस तरह वन विभाग में बैठे फर्स्ट बड़े अधिकारियों के कारण वन संपदा की खुली लूट हो रही हैस जिले के कोने-कोने में जंगल काटे जा रहे हैं वन विभाग की जमीनों पर अवैध अतिक्रमण हो रहे हैं वही बंद विभाग की जमीनों पर रेट निकाल कर खुलेआम बेचा जा रहा है और ऐसी खबरों अनूपपुर के अखबारो में सुर्खियां बटोरती रहती है लेकिन यहां के अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार पर कोई लगाम नहीं लग पाता ऐसे में अब जब प्रदेश का निजाम बदल है तो अनूपपुर की जनता वन विभाग में वर्षों से कुंडली मारकर बैठे भ्रष्ट अधिकारियों को यहां से हटाए जाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर देख रही है।