प्रदेश से बाहर का पत्थर माफिया लल्लन महराज ने बसहीं में बारूदी बिस्फोट करके खनन विभाग को दी चुनौती आर के एक्सपोज के खबर के बाद भी नही जागा पुलिस प्रशासन और खनन विभाग ,,रिपोर्ट@राजन सिंह

प्रदेश से बाहर का पत्थर माफिया लल्लन महराज ने बसहीं में बारूदी बिस्फोट करके खनन विभाग को दी चुनौती
आर के एक्सपोज के खबर के बाद भी नही जागा पुलिस प्रषासन और खनन विभाग
इन्ट्रो-विगत दिनों आर के एक्सपोस ने पुष्पराजगढ के छत्तीसगढ सीमा से सटे क्षेत्रो में अवैध खनन, अवैध परिवहन करके पत्थर माफिया लल्लन महराज के द्वारा बसहीं के खदान में अवैध ब्लास्टिंग के तैयारी के संबंध में विस्तृत खबर छापी थी। परंतु विकलांग असहाय हो चुका खनन विभाग इसके बावजूद भी पत्थर माफियाओ की बैसाखी पर चलना नही छोड रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण बसहीं की लल्लन महराज की खदान है जहां पर शनिवार की रात एक बार फिर एक-एक करके कई बारूदी बिस्फोट होते रहे और ग्रामीण जनता रात भर रत जगाकर के अपने घरों की पत्थरो से सुरक्षा करती रही।
पुष्पराजगढ़। जिले के पुष्पराजगढ़ मेकल पहाड़ो में अकूत खनिज संपदा का भंडार है जिसपे खनिज माफियाओं की तिरछी नजर गड़ी रहती है पत्थर माफियाओं के द्वारा लगातार इन पहाड़ो का सीना छलनी कर पत्थरो का अवैध कारोबार किया जा रहा है कभी मशीनी से तो कभी बारूदी बिस्फोटक से चट्टानों के सीन छलनी किया जा रहा है ऐसा हम इस लिए कह रहे है कि पुष्पराजगढ़ के पूर्वी क्षेत्र ग्राम बसही से जो तस्वीर निकल कर आ रहे है वो खनिज और जिला प्रशासन के गाल पे झन्नाटेदार तमाचा है। ग्राम बसही में मेसर्स सरस्वती मिनरल्स के प्रोपराइटर घनशयाम तिवारी उर्फ ललन महराज के खदान खसरा नंबर 158/2 घ में ब्लास्टिंग माफिया प्रेम परिहार के द्वारा बिस्फोट कर पूरे इलाके को थर्रा दिया गया है इनके पहले भी घनश्याम तिवारी और ब्लास्टिंग माफिया प्रेम परिहार ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा को दहलाया गया था जिससे कि विश्वविद्यालय क्षेत्र थर्रा उठा था इसके बाद भी न तो खनिज विभाग और न ही जिला के जिम्मेदार झांकने तक नही गए ऐसा नही है कि जिला प्रशासन और खनिज विभाग को जानकारी नही है माफियाओं के हाथ की कठ पुतली बन चुका खनिज विभाग।
प्रेम परिहार की प्रशासन को खुली चुनौती
पुष्पराजगढ़ में अवैध ब्लास्टिंग का कारोबार कर रहे प्रेम परिहार किसी पहचान का मोहताज नही। पुष्पराजगढ़ में एक तरफ राज करते हुए अलग-अलग खनिज माफियाओं से अच्छी सांठ-गांठ करते हुए मैकल पहाड़ो का सीना छलनी करने का काम कई वर्षों से कर रहा है। सूत्र बताते है कि प्रेम परिहार की खनिज विभाग के जिम्मेदारो दसको से साठ गाँठ है और लगातार नियमो को ताक पर रखते हुए अवैध रूप से ब्लॉटिंग कर गरीब आदिवाशियो और पर्यावरण के लिए काल बन चुका है। आये दिन खदानों और सीमांचल क्षेत्र में ब्लास्टिंग कर जिला प्रशासन को खुली चुनौती दे रहा है।
पलायन को मजबूर है आदिवासी
पुष्पराजगढ़ में अब हालात ऐसे हो चले है बारुदी धमाको के दहसत से राहवशी के सामने पलायन करने की समस्या आ खड़ी हुई है। आर के एक्सपोस की टीम ने बसही पहुंचकर ब्लास्टिंग के बाद वहां के हालात का जायजा लिए और सारी तस्वीरों को कैमरे में कैद कर लिया बसही स्थित घनशयाम तिवारी की खदान से महज कुछ ही दूरी पे कई कच्चे मकान में लोग रह रहे है जब हमने उनसे इस बारूदी धमाको के बारे में पूछा तो वह के राह रहे लोग ने अपनी आप बीती हमे सुनाई की किस तरह से आये दिन यहाँ बिस्फोट किया जाता है। रहवासियों ने बताया कि जब विस्फोट किया जाता है तब हमें अपना घर छोड़ बच्चो के ले कर भागने पड़ता है हमे हमेसा दसर के साये में रात बितानी पड़ती है और जब वापस आते है तो गबरू की छतों पे पत्थर के बड़े बड़े टुकड़े दिखाई देते है कि बार तो घरो की दीवारों में दरारें आ जाती है। जब हम उनसे पूछा कि आप लोग किसी से शिकाय क्यों नही करते है तब ग्रमीणों ने बताया कि हम किसके पास जाए हमारी काकोई सुनने वाला नही अब तो हमे लगता है कि हम लोग यह से कही और चले जाएं। इतना सब कुछ होने के बाद भी जिला प्रशासन अंधा गुगा और बहरा बना हुआ है मानो अब जिले के जिम्मेदारो ने इन खनिज माफियाओ और अवैध ब्लास्टिंग कारोबारियों के सामने घुटने टेक दिया हो।