ये रिश्ता क्या कहलाता है जेठू सेठ के यहां गिरवी खनिज विभाग,परसेल कला में अनवरत जारी अवैध उत्खनन,कलेक्टर आशीष वशिष्ठ देखे कैसे शामिल खनिज विभाग 
अनूपपुर - यह रिश्ता क्या कहलाता है के तर्ज पर जिले के खनिज विभाग और खनिज में माफिया के बीच की घनिष्ठता और उस घनिष्ठ का परिणाम पुष्पराजगढ़ के पहाड़ी इलाकों का सीना चीरते यह मशीन बता रही है ये मशीन  किसी और कि नहीं बल्कि वही कथित खनिज माफिया है जिनके चर्चे जिले के अखबारों के पन्नो में यदा कदा होते रहते है वही जयप्रकाश शिवदासानी उर्फ जेठू सेट की है जिसे अनूपपुर खनिज विभाग हर शिकायत पर मामूली जुर्माना करता है या क्लीन चिट दे देता है जब rkexpose.com कथित खनिज माफिया जेठू सेट के खिलाफ लगातार खबरें लिखी और सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो उसकी जांच करने गए खनिज अधिकारी और सर्वेयर  ने पर्सेल कला  के  उक्त खदान को पुरानी खदान बता  कर और इसमें खुदाई वर्तमान में न होने की बात करते हुए उसे क्लीनचिट देने की कोशिश की जब उस खदान की नपाई हुई तो उसे नपाई की मांप को भी पंचनामा में कम लिखकर वहां उपस्थित लोगों की आंखों में धूल झोंकने का असफल प्रयास किया गया जिसकी पुनः शिकायत rkexpose.com ने  उच्च अधिकारियों और प्रधानमंत्री कार्यालय तक की है आज हम अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ को इस खबर के माध्यम से खनिज विभाग और कथित खनिज माफिया जयप्रकाश शिवदासानी उर्फ जेठू सेठ के घनिष्ठ रिश्तो की बानगी पेश करने जा रहे हैं और यह बात अनूपपुर कलेक्टर को इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि खनिज विभाग अपने बोर्ड में ही लिखता है कलेक्टर खनिज विभाग यह माना जा सकता है कि अगर खनिज विभाग जो भी काम करता है वह कलेक्ट्रेट  के दायरे में रहकर और उनके मौजूदगी में ही कर रहा है क्योंकि अगर लाख शिकायतों के बावजूद भी जयप्रकाश शिवदासानी का गोरख धंधा खनिज विभाग के सर परस्ती पर चल रहा है तो कहीं ना कहीं साहब का आशीर्वाद भी है और अगर नहीं है तो अब तक खनिज विभाग के खिलाफ दर्जनों सीएम हेल्पलाइन और सैकड़ो खबरों के बावजूद भी साहब के ऑफिस से कोई फरमान ना निकालना और खनिज विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जांच ना खड़ी करना कई सवाल खड़े करता है
अनूपपुर:-जिला कलेक्टर आशीष वसिष्ट एक बार परसेलकला जा कर देखिये की आप का खनिज विभाग कैसे जेठू सेठ के यहां गिरवी हो चुका है खसरा नंबर 467,468 में स्वीकृत खदान के पैरलल जेठू सेठ और खनिज विभाग के जिम्मेदार अवैध उत्खनन कर करोड़ो रूपये खुले आम लूट रहे है ये तस्वीर आज सुबह 11 बजे की है जहां कैट मशीन से बाकायदा अवैध उत्खनन किया जा रहा है ,दरसल इन्ही अवैध उत्खनन की जांच करने पहुंचा था खनिज विभाग और जांच के दौरान खनिज निरीक्षक पुष्पराजगढ़ और सर्वेयर ने ये कहते हुए ठेकेदार का समर्थन किया था कि ये पुराना गड्ढा है और नपाई कुछ और कि थी और पंचनामे में कम लिखा था इससे तो ये साफ हो गया था कि पूरा का पूरा खनिज विभाग जेठू सेठ की नौकरी कर रहा है, अब कलेक्टर आशीष वसिष्ट स्वयं परसेलकला जा कर अपनी टीम के साथ जांच करें और देखे अपने खनिज विभाग की काली करतूत ,कहने को तो सब ईमानदारी की ढींगे पीट रहे है फिर जेठू सेठ उर्फ जयप्रकाश शिवदसानी की नौकरी क्यों बजा रहे है,अगर जरा भी जिम्मेदारी नाम की कोई चीज बची हो तो जांच कर कार्यवाही करें अन्यथा पूरा का पूरा जिला प्रशासन इस बात को सरेआम करे कि जेठू सेठ से क्या संबंध है और करोड़ों रुपये की राजस्व की चोरी करने वाले इस खनिज माफिया पर रोक क्यों नही कौन सा राजनैतिक दबाव है कि खनिज विभाग तो खनिज विभाग जिला प्रशासन कार्यवाही करने से बच रहा  है,
परसेल कला में जेठू सेठ की अवैध खदानों का कोई हिसाब नही और लागातर अनवरत अवैध उत्खनन को अंजाम दिए जा रहा है,और दूसरी तरफ स्थानीय विधायक और सांसद की चुप्पी भी ये बताती है कि सब के सब जेठू सेठ के आगे नतमस्तक है,
अब कलेक्टर आशीष वसिष्ट इन तस्वीरों को जरा   गौर से देखिए ये तस्वीरें आज की है जहां कैट मशीन से अवैध उत्खनन किया जा रहा है और इन खदानों की तरफ नजर दौडाइयेगा तो पता चलेगा कि अब तक करोड़ों रुपये की चोरी जेठू सेठ उर्फ जयप्रकाश शिवदसानी कर चुका है पर मर चुके लचर सिस्टम ने ये साबित तो कर दिया कि पूरा का पूरा खनिज विभाग जेठू सेठ के आगे गिरवी हो चुका है,सूत्रों की माने तो जेठू सेठ हर महीने कई लाखो की चढ़ोत्तरी खनिज विभाग के जिम्मेदारों को करता है और इस चढ़ोत्तरी के एवज में यहां के खनिज संपदा का चीर हरण खुले आम कर रहा है,
अब देखना यह होगा कि क्या जिला कलेक्टर इन अवैध खदानों पर कोई कदम उठाते है या यहां भी खनिज माफिया जेठू सेठ का रसूख एक बार फिर कामयाब होता है,
वही अगर जिला खनिज विभाग के पास रत्ती भर गैरत बची हो तो अब बताये की जेठू सेठ और खनिज विभाग के जिम्मेदारों के बीच क्या रिश्ता है जो नौकरी तो सरकार की कर रहे है पर चाकरी खनिज माफिया उर्फ जेठू सेट की करने में आमादा है