अनूपपुर में रात भर रेत माफियाओं का होता तांडव,तिपान कन्या क्रीड़ा परिसर के पीछे रोज लाखो की रेत चोरी जिम्मेदार कुम्भकर्णी निद्रा में - विजय उरमलिया की कलम से

अनूपपुर में रात भर रेत माफियाओं का होता तांडव,तिपान कन्या क्रीड़ा परिसर के पीछे रोज ;लाखो की रेत चोरी जिम्मेदार कुम्भकर्णी निद्रा में
अनूपपुर - गजब है ये आदिवासी जिला और यहाँ के अधिकारी कर्मचारी सब इस आदिवासी अंचल क्लो लूटने में मसगूल दिखाई दे रहे है , जिले का खनिज विभाग और संबंधित जिम्मेदार गहरी निद्रा में रात 12 से सुबह 5 बजे तक रहते है और उसी दरमियानी रात रेत माफियाओं को लूटने की खुली आज़ादी दी गई है और इसके पीछे सब को चढोत्तरी मिल रही है पर हर रात कन्या क्रीड़ा परिसर अनूपपुर के पीछे तिपान नदी से जिला मुख्यालय के रेत माफिया ताबड़तोड़ रात भर बैटिंग करते है और लाखों रुपये की रेत हर रात चोरी की जा रही है
सूत्रों की खबर बड़े साहब भी दिए मूक सहमति
सूत्रों की माने तो जैसा नाम वैसा दाम कलेक्टर जिला खनिज विभाग नाम ही काफी हैं और भृष्टाचार तो मानो इस विभाग की बपौती है तभी तो जिले में एक तरफ़ा माफिया राज तांडव मचाया हुआ है और ये है की चिरनिद्रा से उठने का नाम नहीं ले रहे , गौर करने वाली बात तो यह है की इन रेत माफियाओं का आतंक कही सौ दो सौ किलोमीटर दूर नहीं बल्कि जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर कन्या क्रीड़ा परिसर के पीछे लाखो रुपये की रेत हर रोज निकाली और बेंची जा रही है पर इन माफियाओं ने पुलिस से लेकर जिम्मेदारों को मन मुताबिक चढ़ोत्तरी गिरवी जैसा रख लिया है और जब जिम्मेदार अपना कर्तव्य गिरवी रख दे तो उससे भला आप ईमानदारी की उम्मीद कैसे कर सकते है
जिला खिनज विभाग पूरी तरह माफियों के चंगुल में
जिले के खिनज अमले की बात की जाए तो उसका तो कोई माई बाप है ही नहीं मानो चाहे पथ्थर के अवैध उत्खनन का मामला हो या रेत के अवैध उत्खनन परिवहन से जुड़ा हो मानो इनकी जिम्मेदारी माफियों को संरक्षण देने की हो पूरा अमला सिवाय माफियाओं को संरक्षण देने के आलावा कोई दूसरा काम करता नजर नहीं आता और जिले के पूरे खनिज माफियाओं को अभय दान दे कर अपनी चढोत्तरी समय समय पर प्राप्त करते हुए सरकार के करोडो रूपये के राजस्व नुकसान के पीछे सबसे बड़ा और अहम योगदान जिला खनिज विभाग का है चूँकि कन्या क्रीड़ा परिसर से विभागीय कार्यालय की दूरी इतनी भी नहीं की इनको जानकारी न हो जब मुख्यालय के हर एक नागरिक को लगभग पता है की कहाँ से और कौन कौन लोग रेत का अवैध कारोबार कर रहे है फिर भला समूचा विभाग कैसे कुंडली मार कर बैठा है अपने आप में सवालिय निशान खड़े होते है