जिले में खनन माफियाओं की चल रही समानांतर सरकार प्रशासन को है शहडोल जैसी घटना का इंतजार खनिज विभाग की मौन सहमति पुलिस का खुला संरक्षण

जिले में खनन माफियाओं की चल रही समानांतर सरकार प्रशासन को है शहडोल जैसी घटना का इंतजार
खनिज विभाग की मौन सहमति पुलिस का खुला संरक्षण
इन्ट्रो-अनूपपुर जिले में अगर यह कहा जाए की पत्थर कोयला रेत खनन माफियाओं की समानांतर सरकार चल रही है तोगलत नहीं है स फिलहाल जिले के कोने-कोने में रेत और पत्थर माफिया बे खौफ होकर अपने काले धंधे के साम्राज्य को दिन दूनी रात चैगुनी के रफ्तार से बढ़ा रहे हैं वही जिले का खनिज विभाग और पुलिस दोनों हाथ पैर हाथ धरे कठपुतली की भूमिका में नजर आ रहे हैं।
अनूपपुर। प्रदेश में चाहे जिस पार्टी की सरकार बने या सरकार ना रहे भले ही प्रदेश की जिम्मेदारी के साथ साथ कानून व्यवस्था की भी जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग के पास है खाने को तो अभी भी आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है लेकिन अनूपपुर में तो खनन माफियाओं की ही समानांतर सरकार कई दशकों से चली आ रही है और आगे भी चलती रहेगी इस बात का जीता जागता प्रमाण इस समय जिले के कोने-कोने में बेखौफ रेत माफिया दे रहे हैं। खनिज विभाग के मोन सहमति और पुलिस विभाग के खुलेआम संरक्षण के कारण जिले की प्राकृतिक संपदाओं की इस तरह खुली लूट मची है कि यह कहने में अब कोई संकोच नहीं है कि प्रदेश में चाहे जिसकी भी सरकार हो लेकिन अनूपपुर में तो खनन माफियाओं की समानांतर सरकार ही चलती आ रही है और चलती रहेगी।
जिसके पास है जिम्मेदारी उसी का है लूट मे हिस्सेदारी
अनूपपुर जिला अपनी अकूत खनिज संपदाओं के लिए प्रदेश में एक अलग पहचान रखता है यही नहीं यहां पर पाई जाने वाली खनिज संपदा के कारण ही अनूपपुर जिला प्रदेश में राजस्व की आय वाले जिलों में से दूसरा स्थान रखता है। इसके बावजूद जिले में खनिज माफिया के हौसले किस कदर बुलंद है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चाहे दिन हो या रात अवैध खनन से भरे ट्रक ट्रैक्टर डंपर सड़कों पर दौड़ते रहते हैं। यही नहीं चाहे पत्थर का मामला हो या रेत का या फिर कोयला सभी जगह खनन माफिया सक्रिय है और इनको रोकने रोकने वाला कोई नहीं है इसका मुख्य कारण यही है कि इनको रोकने की जिम्मेदारी जिस विभाग के पास है इस विभाग को उनके द्वारा लूट में हिस्सेदारी भी दी जाती है जिसके कारण खनिज विभाग जहां इन्हें मोन सहमति प्रदान करता है वहीं पुलिस विभाग इन्हें काले धंधे को खुलेआम करने का खुला संरक्षण फिलहाल जिले की हालत बाद से बदतर होती जा रही है और जिम्मेदार आंख कान बंद करके केवल अवैध या कहा जाए की लूट में हिस्सेदारी लेने में मस्त है।
पुलिस की भूमिका में जनता पकड़ा रेत से भरा ट्रैक्टर
खनिज संपदाओं के अवैध खनन और अवैध परिवहन को लेकर खनिज विभाग और पुलिस विभाग की भूमिका का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि थक हार कर अब जनता सड़क पर उतरने को तैयार दिख रही है ताजा मामला बिजुरी थाने का है जहां पर सोमवार की देर रात्रि बिजुरी नगर पालिका के समनापुर गांव के लोगों ने अवैध खनन करके ले जा रहे रेत से भरे एक ट्रैक्टर को पकड़ा और जब यहां पर विवाद की स्थिति बनी तो गांव वालों ने पुलिस को बुलाया लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार सूचना पाने के बाद भी पुलिस 2 घंटे बाद आई और फिर ट्रैक्टर को थाने पर ले गई लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के 20 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक नियम अनुसार कानूनी कार्यवाही नहीं की गई है। यह एक घटना यह बताने के लिए काफी है कि अनूपपुर जिले की पुलिस और खनिज विभाग किस कदर से खनन माफियाओं को खुली छूट दे रखी है और अगर अब जनता खुद सड़क पर उतरकर मोर्चा खोदने की तैयारी में है तो जिले की कानून व्यवस्था का क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
पुलिस कर्मी की संलिप्तता का ऑडियो वायरल होने के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही
बिजुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक पुलिसकर्मी का रेत के अवैध उत्खनन कार्य में लगे हुए व्यक्ति के साथ बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर भी कुछ दिनों पूर्व वायरल हो रहा था जिसमें पुलिसकर्मी सुविधा शुल्क के बदले सहयोग प्रदान करने की बात कर रहा था। यह ऑडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल रहा साथ ही इसकी सूचना भी पुलिस के अधिकारियों तक भी पहुंची लेकिन आज तक इस मामले पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।