खानापूर्ति तक सीमित रह गया रैन बसेरा, कलेक्टर के निर्देश भी बेअसर
गरीब और मुसाफिर आज भी स्टेशन और बस स्टैंड में रात गुजारने को मजबूर
अनूपपुर। जिले में सर्दियों के मौसम को देखते हुए अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के द्वारा नगरीय निकाय क्षेत्र को रैन बसेरे की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन कई नगरीय निकाय क्षेत्रों में आज तक रैन बसेरे की व्यवस्था किए जाने के निर्देश जारी होने के बावजूद कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कुछ नहीं तो सिर्फ रिकॉर्ड में रैन बसेरे संचालित कर लिए है ऐसे में गरीब तथा मुसाफिर वर्ग के लोगों को सर्दियों के इस मौसम में या तो बस स्टैंड एवं रेलवे स्टेशन में रात गुजारने की मजबूरी बनी हुई है या फिर महंगे होटलों में जाने की विवशता बनी हुई है।
नगरी निकाय क्षेत्र में कहीं नहीं बने रैन बसेरे तो कहीं बना लेकिन मुसाफिरों को नहीं है जानकारी
जिला मुख्यालय के साथ ही जिले के 8 अन्य नगरीय निकाय क्षेत्र में अभी तक कलेक्टर के निर्देश पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। अनूपपुर जिला मुख्यालय में अंडर ब्रिज मार्ग पर रैन बसेरा बनाया गया है जहां बेड के साथ गर्म कपड़े भी उपलब्ध है लेकिन यहां कार्यरत कर्मचारियों के द्वारा बताया गया कि यहां कम ही संख्या में लोग पहुंचते हैं। इसके साथ ही कोतमा, बिजुरी,डोला, डूमर कछार, बनगवा,पसान, अमरकंटक ,जैतहरी में भी रैन बसेरे को लेकर के नगरीय निकाय लापरवाही बरत रहे हैं जिनके द्वारा इसके संबंध में कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है और यदि कोई भी है तो आम राहगीरों तथा मुसाफिरों को इसकी जानकारी नहीं है।
बस स्टैंड रेलवे स्टेशन के समीप नहीं लगे हैं कोई सूचना बोर्ड
जिले के सभी नगरीय निकाय क्षेत्र में बढ़ती ठंड को देखते हुए रैन बसेरे की व्यवस्था किए जाने के निर्देश जारी होने के बावजूद जिला मुख्यालय के साथ ही अन्य नगरीय निकाय में  बस स्टैंड तथा रेलवे स्टेशन के समीप रैन बसेरे का संचालन किस स्थान पर किया जा रहा है तथा यहां किसी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है साथ ही रैन बसेरा के लिए संबंधित कर्मचारियों का मोबाइल नंबर दर्ज करते हुए सूचना बोर्ड चस्पा किया जाना चाहिए जिससे कि आम राहगीर को इसकी जानकारी मिल सके और वह इसका लाभ उठा सके।
मजबूरी में रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में रात गुजार रहे मुसाफिर और भिक्षुक
जिला मुख्यालय के साथ ही  जिले के अन्य स्थानों पर बस स्टैंड एवं रेलवे स्टेशन पर सर्दियों के इस मौसम में मजबूरन रैन बसेरा के संबंध में जानकारी न होने के कारण आप मुसाफिर एवं मजदूर वर्ग के साथ ही भिक्षा मांग कर जीवन यापन करने वाले लोग सर्दी के इस मौसम में खुले में इन स्थानों पर सोने के लिए मजबूर है। दूसरी और प्रशासन के आदेश को नगरीय निकाय क्षेत्र में गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।